आईएएस प्रीलिम्स 2016: भूगोल की तैयारी की रणनीति HN

Mar 18, 2016, 11:57 IST

सिविल सेवा के प्रारंभिक परीक्षा को प्रश्नों की संख्याँ के अनुसार देखा जाए तो विषय भूगोल बहुत ही महत्वपुर्ण है। कुछ महत्वपुर्ण रणनीति ही आईएएस प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थियों के सफलता का कारण बन सकती है।

भूगोल विषय का महत्व उम्मीदवारों के लिए बहुत ज्यादा है।आईएएस प्रीलिम्स परीक्षा में भूगोल के तहत भारतीय भूगोल और विश्व भूगोल से प्रश्न आते हैं।भूगोल के बारे में तैयारी करने से पहले हमें विगत वर्षों के दौरान भूगोल से आए प्रश्नों की संख्या के बारे में जानकारी कर लेनी चाहिए। 2011 में भूगोल से 16, 2012 में 20, 2013 में 15 और 2014 में 20 प्रश्न पूछे गए थे। आईएएस प्रीलिम्स में सामान्य अध्ययन में करीब 15-20% प्रश्न भूगोल से पूछे जाते हैं।

अब सीसैट के केवल क्वालीफाइंग होने के कारण आईएएस प्रीलिम्स में 30-40 अंक भूगोल के होते हैं। ये अंक प्रीलिम्स परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं । भूगोल के दो हिस्से हैं पहला भारतीय भूगोल और दूसरा विश्व भूगोल। इसमें भी भारतीय भूगोल को ज्यादा महत्व दिया जाता है। परंतु इसका यह अर्थ नहीं है कि हम विश्व भूगोल की अनदेखी कर दें। भूगोल विषय की तैयारी के लिए सबसे बेहतरीन स्रोत एनसीईआरटी की कक्षा 6 से 12 तक की किताबें हैं। इनमें साधारण भाषा में भूगोल के सिद्धांतों को समझाया गया है। इसके अलावा आपको एक स्तरीय एटलस ( मानचित्र)  का भी संपूर्ण अध्ययन करना चाहिए ।

 प्रश्नों की संख्या के लिहाज से हमेशा ही भारतीय भूगोल को विश्व भूगोल के ऊपर वरीयता मिलती है। इस हिस्से को उम्मीदवारों को बहुत विस्तृत रूप में तैयार करना चाहिए। इसके लिए छात्रों को एनसीईआरटी की कक्षा 9,10,11,12 की पुस्तकों का गहन अध्ययन करना चाहिए। इससे विषय पर गहरी पकड़ बनाने में सहायता मिलती है।इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखना होता है कि भारतीय भूगोल के अंतर्गत किन खंडों पर ज्यादा जोर देना  चाहिए। भारतीय भूगोल के जिन हिस्सों का ज्यादा महत्व है उनमें भारत की प्रमुख फसलें और उनका वितरण एवं विशेषताएं शामिल हैं। नदियां, राष्ट्रीय पार्क और बायोस्फियर रिजर्व से भी नियमित तौर पर प्रश्न पूछे जाते हैं। जलवायु और मौसम के हिस्से में मानसून से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं । इसके अलावा भूमियों और उनसे जुड़ी फसलों की जानकारी भी आवश्यक है। मानचित्र से जुड़े सवाल भी प्रीलिम्स में काफी पूछे जाते हैं।

भारतीय भूगोल तीन हिस्सों में विभाजित है-भौतिक भूगोल, आर्थिक भूगोल और सामाजिक भूगोल । भौतिक भूगोल के प्रमुख हिस्से हैं- भौगोलिक विभाजन, नदियां, जलवायु, प्राकृतिक संसाधन आदि । आर्थिक भूगोल के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों की कृषि, उद्योग और सेवाओं का विवरण होता है। इस बात का भी  अध्ययन शामिल होता है कि कैसे एक क्षेत्र का भूगोल और जलवायु आर्थिक समृद्धि को प्रभावित करता है। सामाजिक भूगोल में जनसंख्या, गरीबी, भूख, साक्षरता दर, बेरोजगारी आदि आते हैं । भारतीय भूगोल में एक-दूसरे से जुड़े विषयों जैसे भूमि, जलवायु, मिट्टी, जैव विविधता आदि को समग्र रूप से समझना भी आवश्यक है।  

विश्व भूगोल में पृथ्वी और ब्रह्मांड, भूमियां और उनका निर्माण, वायुमंडल, वायु तंत्र , बादल और उनका निर्माण, विश्व में विभिन्न प्रकार की जलवायु और उनके क्षेत्र जैसे विषय शामिल होते हैं। जिन भी पुस्तकों का अध्ययन करें उनके महत्वपूर्ण हिस्सों का नोट्स बना लें। इससे आपको दोहराने में सहायता मिलेगी। इससे आपको आवश्यक तथ्यों को याद करने में भी मदद मिलेगी।

Jagran Josh
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Education Desk

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