जैसा कि हम सब जानते हैं, आईएएस मुख्य परीक्षा 1 दिसंबर 2013 को शुरू हो रही है. इस परीक्षा में पहली बार अभ्यर्थियों को उत्तर लिखने के लिए प्रश्न-सह-उत्तर बुकलेट उपलब्ध कराई जाएगी. इससे हम समय-प्रबंधन के महत्त्व का अनुमान लगा सकते हैं.
अभ्यर्थियों को फॉर्मेट के अनुसार विभिन्न शब्द-सीमाओं के लिए उत्तर लिखने का अभ्यास करना चाहिए. उत्तर-लेखन का अभ्यास आईएएस मुख्य परीक्षा के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है. अभ्यर्थियों को अपने लिखने की गति बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वे तीन घंटे में लगभग 2500 से 3000 शब्द लिख सकें.
भ्यर्थियों को प्रस्तावना और निष्कर्ष यथासंभव छोटे लिखने का अभ्यास करना चाहिए. उभरती हुई प्रवृत्ति दर्शाती है कि घटती शब्द-संख्या और बढ़ती प्रश्न-संख्या के कारण अभ्यर्थियों के लिए लचीलेपन में कमी आई है. सिलेबस और पेपर का क्षैतिज विस्तार अब बहुत व्यापक हो गया है और अभ्यर्थी को पूरा सिलेबस तथा प्रत्येक टॉपिक का लंबवत् (वर्टिकल) विस्तार कवर करना चाहिए.
अभ्यर्थियों को अपने समय का बुद्धिमत्तापूर्ण विभाजन करना चाहिए, ताकि वे पूरे पेपर के उत्तर लिख सकें. अभ्यर्थी को वर्तमान घटनाओं की गहन जानकारी प्राप्त करने और सरकारी निर्णयों की पृष्ठभूमि जानने के लिए रोजाना एक समाचारपत्र, वरीयत: 'द हिंदू' या 'इंडियन एक्सप्रेस', अवश्य पढ़ना चाहिए.
किसी चीज की आलोचना करने के लिए व्यक्ति को उसके पीछे के तर्क और विवेचना की जानकारी होना आवश्यक है. इसलिए अभ्यर्थियों को सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के आधारभूत उद्देश्यों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए. अभ्यर्थियों को ध्यान रखना चाहिए कि उनके उत्तर संतुलित होने चाहिए और उन्हें अनावश्यक रूप से सरकारी निर्णयों की आलोचना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सरकार हिताधिकारी वर्गों और उस क्षेत्र के अग्रणी लोगों से परामर्शों की श्रृंखला के बाद निर्णय लेती है. अत: अभ्यर्थी को पहले सरकारी निर्णय के असली पक्ष-विपक्ष को जानने का प्रयास करना चाहिए और उसके बाद ही ठोस औचित्य के साथ उसकी आलोचना करनी चाहिए.
jagranjosh.com की ओर से अभ्यर्थियों को परीक्षा में सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ.
आईएएस मुख्य परीक्षा 2013: राष्ट्रीय घटनाओं पर मॉडल प्रश्न
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