रखें क्षमता का ध्यान
प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हमें एकेडमिक पढाई के दौरान ही करियर की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए, अन्यथा हम दिग्भ्रमित होकर अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं। साथ ही, हमें करियर की प्लानिंग करते समय अपनी क्षमता का आकलन भी जरूर करना चाहिए। जैसे, इन दिनों स्टूडेंट्स के बीच एमबीए का काफी क्रेज है, लेकिन साइंस सब्जेक्ट पर हमारी पकड अच्छी है, तो हमें साइंस के क्षेत्र में ही करियर बनाने की कोशिश करनी चाहिए और तभी हम कामयाब भी हो सकते हैं।
ज्योति
एमए (हिन्दी),डीयू
लक्ष्य पर हो फोकस
स्कूली पढाई का उद्देश्य बेहतर शिक्षा हासिल करने के साथ-साथ पर्सनैल्टि डेवलॅपमेंट का भी होता है। इस दौरान हमारा झुकाव किसी खास विषय के प्रति अधिक होता है। यदि हम उस विषय को ध्यान में रखकर करियर का चुनाव करते हैं, तो हमें सफलता भी अवश्य मिलती है। इसलिए मेरा मानना है कि एकेडमिक पढाई के दौरान ही करियर की प्लानिंग भी शुरू कर देनी चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए।
प्रद्योत राज्यवर्धन
एमएससी (बॉटनी), हिन्दू कॉलेज, डीयू
ग्रेजुएशन तक कोई स्ट्रेस नहीं
मेरा मानना है कि ग्रेजुएशन के बाद ही करियर के बारे में सोचें, तो बेहतर। इसलिए हमारे ऊपर ग्रेजुएशन तक कोई स्ट्रेस नहीं होना चाहिए। दरअसल, जब हम अपने करियर के बारे में सोचना शुरू करते हैं, तो हमारे ऊपर जिम्मेदारियां बढने लगती हैं। इससे हमारी मौज-मस्ती पर भी विराम लगने लगता है। इसलिए ग्रेजुएशन के बाद ही करियर के बारे में सोचना ठीक रहेगा।
अजय दहिया
बीए (ऑनर्स), किरोडीमल कॉलेज,डीयू
पढाई को दें तवज्जो
एकेडमिक पढाई के दौरान हम अपने पढाई के प्रति जितना ज्यादा गंभीर होते हैं, करियर बनाने में उतनी ही आसानी होती है। इस दौरान करियर प्लानिंग से ज्यादा, हमें अपनी पढाई के प्रति सजग रहना चाहिए। अगर हम करियर प्लानिंग करने के बावजूद अपनी पढाई पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं, तो उस प्लानिंग का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है। मेरा यही मानना है कि अगर हम स्कूली पढाई अच्छे तरीके से करते हैं, तो करियर के द्वार खुद-ब-खुद खुलने लगते हैं।
रितिका
बीए (पास कोर्स), विवेकानन्द महिला कॉलेज
प्रस्तुति : ए. कुमार
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