मैं अभिनव बिंद्रा की तरह बनकर देश के लिए कुछ करना चाहता हूं, लेकिन राइट वर्क नहीं मिला है। इस कारण असफल हूं। लोग मेरी सोच पर हंसते हैं। काफी निराश हूं। उचित सलाह दें।
मैं आपका नाम एवं विवरण नहीं लिख रहा हूं। मुझे ऐसे असंख्य पत्र मिलते रहते हैं। आज सभी का उत्तर एकसाथ करियर कोच की चिट्ठी में देने की कोशिश कर रहा हूं। आप जैसी सोच वाले सभी मित्रों से एक अनुरोध है। कृपया घर के गेट पर खडे हो कर प्रतीक्षा कीजिए - शायद कोई आपक पता पूछता हुआ आए और फिर आपको ले जाकर सफलता की उंचाइयों पर बिठा दे। आज नहीं आया तो कल तो जरूर आएगा। अगर नहीं तो एक दिन और प्रतीक्षा कीजिए। क्या कहा, मैं मजाक कर रहा हूं।
मजाक तो शायद इस तरह की सोच रख कर आप अपने पर कर रहे हैं। बचपन में पढी तिलिस्मी कहानियों में शायद ऐसा होता हो, गोविंदा की कई फिल्मों में भी ऐसा हुआ है जहां रिक्शे वाले को Mercedes कार वाली मिल गई और बात बन गई, शाहरुख खान भी बिना तैयारी के Sumo पहलवान को हरा चुके हैं परन्तु पर्दे की बात वहीं रह जाती है। Real life और Reel Life में फर्क है। सिर्फ सोचने से या सपने देखने से कुछ नहीं होता। भगवान से बिना प्रयास मांग कर भी उन्हें कष्ट में न डालें। स्वयं से कुछ प्रश्न अवश्य करें- क्या आपने स्कूल या College में ऐसी कोई प्रतिस्पर्धा जीती है? क्या आपने Regional या National Level पर इस प्रकार का Participation किया है? क्या आपने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए उपयुक्त संस्थाओं के द्वार खटखटाए हैं? यदि ऐसा सब नहीं किया और सिर्फ इतना ही सोचा है कि कोई आपको ढूंढ कर ट्रेंड करेगा और फिर Champion बनाने में मदद करेगा तो मेरे सभी दोस्त जो Sachin Tendulkar, Michael Schumakear, Leander Paes इत्यादि को अवसर मिलने के पश्चात धूल चटाने का अपने पत्रों में दावा करते आए हैं, उनसे अनुरोध करता हूं कि बैठे ठाले रहने की बजाय अपने और परिवार के लिए कुछ भी सकारात्मक करें, पर कुछ करें। आपके केस में तो राह थोडी सरल भी है। आप Armed Forces Join कर सकते हैं जहां Training भी मिलेगी और Champion बनाने का मौका भी। परंतु इसके लिए एक Army Officerका दमखम तो रखना होगा। अपने Hero स Inspire होना बहुत अच्छी बात है। उनके गुणों से सीखें। उनकी एकाग्रता से सबक लें, उनके धैर्य को अपनाएं, उनकी अटूट निष्ठा एवं मेहनत से प्रेरणा लें, उनकी सरलता को अपने जीवन में उतारें, उनके हौसले को अपनाएं और उन वक्तों से भी सीखें जब वे असफल हुए और दुनिया ने उनका कुछ समय के लिए साथ छोड दिया, उनके दृढ संकल्प से तो अवश्य ही सीखें, जिससे उन्होंने पुन: वापसी की । यदि ये सीख सकते हैं तो आप भी अपने किसी भी चुने हुए उपयुक्त करियर क्षेत्र में सफल होकर दूसरों को प्रेरणा दे सकते हैं।
राजीव खुराना
करियर व मैनेजमेंट कंसल्टेंट
rajivkhurana@jagran.com
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