दशकों दशक से अभिव्यक्ति प्रदर्शन के जितने भी सशक्त माध्यम हैं, उनमें वृतचित्र का भी प्रमुख स्थान है। यह यथार्थ को लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करने की कला है जिसके द्वारा किसी महत्वपूर्ण संदेश को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह केवल दर्शकों का मनोरंजन ही नहीं करता है बल्कि आम जनता के जज्बातों को भी जगाने का काम करता है।
किसी समाचार, समस्या या सत्य घटना पर आधारित फिल्म को वृतचित्र कहा जाता है। इसमें कलात्मकता और मनोरंजन के स्थान पर मूल विषय एवं अभिनय पर ही पूरा ध्यान केंद्रित होता है। इसका लक्ष्य किसी विषय की गंभीरता से लोगों को अवगत कराना होता है।
फिल्मांकन और संपादन
एक अच्छी डाक्यूमेंट्री फिल्म के लिए आवश्यक है कि उसका फिल्मांकन, संपादन और स्क्रिप्ट लेखन दर्शकों को बांधे रहने की काबिलियत रखता हो। इनमें से अगर एक भी पक्ष कमजोर हुआ तो समझिए पूरी फिल्म ही अर्थहीन हो सकती है। अत: एक सफल डाक्यूमेंट्री फिल्म के लिए जरूरी है कि इससे जुडा हर एक सदस्य टीमभावना के साथ काम करे। अगर आप इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, तो फिल्मांकन, संपादन और स्क्रिप्ट तीनों की जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। फिल्म से संबंधित बाकी पहलुओं की जानकारी आपको इस फील्ड में और भी आगे ले जाने का काम करेगी। इस क्षेत्र में जाने वाले को मालूम होना चाहिए कि स्क्रिप्ट और दृश्यों को कहां-कहां एडिट करना है। कैमरा किस एंगल पर रखा जाए कि दृश्य पर्दे पर जीवंत हो उठे। पार्श्व संगीत भी डाक्यूमेंट्री की सफलता में अपने अनिवार्य रोल का निर्वाह करता है।
सब कुछ परफेक्ट हो
अगर आप डाक्यूमेंट्री फिल्म से किसी भी रूप में जुडकर काम करना चाहते हैं तो यह बात भलीभांति समझ लें कि काम में निपुणता इस क्षेत्र में सफलता की पहली सीढी है, बिना इसके आप इस फील्ड में आगे बढ ही नहीं सकते। डाक्यूमेंट्री की हर चीज विशेष होती है, यही कारण है कि लोग इस तरह की अच्छी फिल्मों को दशकों-दशक तक याद रखते हैं। एक अच्छा वृत्तचित्र निर्माता स्वप्नदृष्टा तो होता ही है साथ ही साथ उसमें यथार्थ को हल्के मनोरंजन के साथ शिक्षाप्रद रूप में दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करने की भी विशेष काबिलियत होती है।
कोर्स
वृतचित्र निर्माण के क्षेत्र में तकनीकी प्रशिक्षण लेकर जाना फायदेमंद रहेगा। फिल्म से संबंधित विभिन्न तरह के कोर्सो को करके आप इस फील्ड में प्रवेश कर सकते हैं। विभिन्न संस्थानों द्वारा इस संबंध में बहुत से कोर्स चलाए जा रहे हैं। इससे संबंधित अधिकतर कोर्सो में प्रवेश के लिए उम्मीदवार के पास 12वीं पास की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए। कोर्स एवं संस्थान के अनुसार चयन पैमाने भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।
इनकम नहीं है कम
वैसे देखा जाए तो डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कोई निर्धारित वेतन नहीं है। इस फील्ड में काम करने वाले अधिकतर लोगों को वेतन प्रोजेक्ट के रूप में मिलने वाली राशि के आधार पर ही दिया जाता है। इस क्षेत्र में काम करने वाले न जाने कितने ऐसे लोग हैं, जो अपने काम के दम पर आज लाखों रुपए प्रति माह तो कमा ही रहे हैं, साथ ही साथ देश-विदेश में ख्याति भी अर्जित कर रहे हैं। थोडा अनुभव और कलात्मक कौशल आपको भी इस फील्ड में आदर्श स्थान दिला सकते हैं।
चैनलों ने बढाई डिमांड
चैनलों की बढती संख्या भी इसके प्रशिक्षितों को रोजगार दिलाने का काम कर रही है। नेशनल जियोग्राफिकल चैनल, डिस्कवरी, हिस्ट्री आदि चैनल पूरी तरह से डाक्यूमेंट्री फिल्मों पर ही आधारित हैं। आज लगभग सभी चैनल (विशेषत: न्यूज चैनल)अपनी टीआरपी बढाने के लिए किसी न किसी रूप में डाक्यूमेंट्री फिल्मों का ही सहारा ले रहे हैं। इस फील्ड के जिन लोगों में काबिलियत है, उनके लिए अब अच्छा रोजगार कोई समस्या नहीं रह गया है।
प्रमुख संस्थान
प्रशिक्षण लेकर इस दिशा में
आगे बढा जा सकता है। ऐसे कुछ संस्थान हैं..
अमृता स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, केरल
अनहद इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया स्टडीज, जम्मू और कश्मीर
शरद अग्निहोत्री
कलात्मकता का अनोखा अंदाज
दशकों दशक से अभिव्यक्ति प्रदर्शन के जितने भी सशक्त माध्यम हैं, उनमें वृतचित्र का भी प्रमुख स्थान है
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