सीडीएस में अवसर
कृपया सीडीएसई के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दें।
प्रेम प्रकाश, इलाहाबाद
सीडीएसई या कम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन का आयोजन संघ लोकसेवा आयोग द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। यह आयोजन सेना की तीनों शाखाओं में अधिकारी वर्ग के पदों पर नियुक्तियों के लिए होता है। इस चयन-प्रक्रिया में लिखित परीक्षा में सफल प्रत्याशियों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाता है। चयन किए गए प्रत्याशियों को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (देहरादून), नेवल एकेडमी (गोवा), एयर फोर्स एकेडमी (हैदराबाद), आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (चेन्नई) में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। इनमें क्रमश: आयु सीमा 18-23, 20-23 और 21-23 वर्ष होनी चाहिए। सिर्फ अविवाहित युवक ही इनमें आवेदन कर सकते हैं। लिखित परीक्षा में दो-दो घंटे के तीन प्रश्नपत्र होते हैं-अंग्रेजी, जनरल नॉलेज और एलिमेंट्री मैथमेटिक्स। लिखित परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को इंटेलिजेंस और पर्सनैल्टि टेस्ट में हिस्सा लेने को कहा जाता है। इसमें मेंटल क्षमताओं और समसामयिक घटनाओं पर आधारित ज्ञान की परख भी की जाती है। गौरतलब है कि इससे संबंधित आवेदन प्रपत्र देश भर में फैले चुनिंदा डाकघरों से मात्र 20 रुपये के भुगतान के एवज में ही प्राप्त किया जा सकता है। परीक्षा का आयोजन देश के विभिन्न शहरों में फैले 40 परीक्षा केंद्रों पर किया जाता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आयोग की वेबसाइट देखी जा सकती है।
दाखिला ले सकते हैं 130 युवा
कृपया एएफएमसी एग्जाम के महत्व और स्वरूप के बारे में बताएं।
नंदिता अग्रवाल, पुष्प विहार
एएफएमसी का मतलब है आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज। इस संस्थान द्वारा प्रति वर्ष एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए चयन-परीक्षा का आयोजन किया जाता है। प्रति वर्ष 130 युवाओं को इसमें दाखिला दिए जाने का प्रावधान है। परीक्षा में जीवविज्ञान सहित अन्य विज्ञान विषयों पर आधारित प्रश्न ही होते हैं। इससे संबंधित अन्य जानकारियों के लिए संस्थान की वेबसाइट www.afmcpune.com से संपर्क किया जा सकता है।
आयुर्वेद में हैं संभावनाएं
आयुर्वेद की डिग्री के बाद किस प्रकार के अवसर हो सकते हैं
अजीत कुमार, पटना
चूंकि आयुर्वेद के डिग्रीधारक युवाओं को भी ऐलोपैथी के डॉक्टरों के समकक्ष मान्यता सरकारी नौकरियों में प्रदान की जाती है। इसलिए इस प्रोफेशन को हेय दृष्टि से देखा जाना उचित नहीं है। वैसे भी ऐलोपैथी दवाओं के साइड इफेक्ट्स और दिन-प्रतिदिन इन दवाओं के महंगे होने के कारण दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोग इस चिकित्सा-पद्धति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। और इसी कारणवश सरकारी अस्पतालों में ऐलोपैथी के अलावा, आयुर्वेद सरीखी अन्य चिकित्सा-पद्धतियों का प्रावधान भी है। वैसे, इन चिकित्सकों के वेतनमान एमबीबीएस डिग्रीधारकों के बराबर ही होता है। रोजगार के अवसर जहां एक ओर सरकारी और निजी अस्पतालों में मिल सकते हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस करने के बारे में भी सोचा जा सकता है।
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