कैसी हो टेस्ट की रणनीति

Jan 7, 2009, 04:00 IST

हम पाठकों की डिमांड पर अब्रॉड जाने से संबंधित तमाम बुनियादी सूचनाओं पर आधारित एक सिरीज चला रहे हैं। इसके माध्यम से आप विदेश जाने से संबंधित बातों से लगातार अवगत होते रह रहे होंगे। दरअसल, इस कॉलम में उन परेशानियों का जिक्र भी किया जाएगा, जिनसे आमतौर पर हर स्टूडेंट को किसी न किसी रूप में रूबरू होना ही पड़ता है। उन पर एक विश्लेषण..

आईईएलटीएस (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम), जीआरई (ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन), टॉफेल (टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज), सैट यानी स्कोलॉस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट आदि वे महत्वपूर्ण टेस्ट-एग्जाम हैं, जिन्हें क्वॉलिफाई करने के बाद ही आप अब्रॉड में दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि विदेश स्थित किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में दाखिले के लिए आपको उक्त सभी टेस्ट परीक्षा में उत्तीर्ण होना पडे! कहने का तात्पर्य यही है कि यह अलग-अलग देशों में स्थित शिक्षण-संस्थानों की मांग पर निर्भर करता है कि आपको कौन-कौन सा टेस्ट पास करना है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप अमेरिका के शिक्षण संस्थानों के बैचलर कोर्स में दाखिले के लिए जाना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप टॉफेल के साथ-साथ जीआरई में भी अपेक्षित स्कोर प्राप्त करें। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, यूएस की रिसर्च की छात्रा लेखा गुप्ता ने कहा, इस तरह के टेस्ट का मानक स्कोर प्रत्येक यूनिवर्सिटी का पहले से ही तय होता है। जैसे, हमारे यहां यानी यूएस के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में टॉफेल (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट में) में मिनिमम स्कोर 250 होना चाहिए। ठीक उसी तरह पेपर बेस्ड टेस्ट में यह स्कोर 600 होना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ ऐसे अन्य टेस्ट-एग्जाम भी हैं, जिन्हें पास करना अलग-अलग क्षेत्र या स्ट्रीम में दाखिला लेने के लिए आवश्यक होता है। जैसे-जीमैट (ग्रेजुएट मैनेजमेंट टेस्ट), एमसीएटी (मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट), पीकैट (फॉर्मेसी कॉलेज एडमिशन टेस्ट), एलसेट (लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट) आदि। आईईएलटीएस : इस टेस्ट का आयोजन ब्रिटिश काउंसिल, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, ईएसओएल और आईडीपी एजुकेशन, ऑस्ट्रेलिया के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इस टेस्ट में दो मॉड्यूल होते हैं। पहला-एकेडमिक मॉड्यूल और दूसरा, नॉन-एकेडमिक मॉड्यूल। अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करें-www.ieltsindia.com

टॉफेल : इस टेस्ट-परीक्षा को अमेरिका सहित दुनिया के 110 देशों के शिक्षण-संस्थानों में मान्यता मिली हुई है। इस टेस्ट परीक्षा के तहत कैंडिडेट्स की रीडिंग, लिस्निंग और राइटिंग का टेस्ट लिया जाता है।

वेबसाइट : www. ieltsindia .com

सैट : यह टेस्ट विश्व का सबसे महत्वपूर्ण गैर-सरकारी परीक्षा संस्थान ईटीएस (एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस)संचालित करता है। यह परीक्षा दस भागों में बंटी होती है। इनमें कैंडिडेट के अंगे्रजी-कौशल, तार्किक-शक्ति आदि की जांच की जाती है। सैट परीक्षा के बारे में विस्तार से जानने के लिए विजिट करें- www.collegeboard.com

जीआरई : यूएस के ग्रेजुएट स्कूल और कॉलेजों में दाखिले के लिए अपेक्षित अंकों के साथ अमूमन जीआरई को उत्तीर्ण करना जरूरी होता है। इसके अंतर्गत कैंडिडेट को अंग्रेजी-कौशल के साथ-साथ अपनी एनालिटिकॅल राइटिंग कैपिसिटी व क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड आदि को भी प्रूव करना होता है।

वेबसाइट : www.ets.org

जीमैट : यदि आप बिजनेस स्टडी के लिए अब्रॉड जाना चाहते हैं, तो पहले आपको जीमैट में बेहतर स्कोर करना होगा। यह टेस्ट-परीक्षा तीन भागों में बंटी होती है-एनालिटिकॅल राइटिंग सेक्शन, क्वांटिटेटिव और वर्बल सेक्शन।

वेबसाइट:  www. mba.com

कैसी हो रणनीति

ध्यान रहे, उक्त सभी टेस्ट-परीक्षाओं का मुख्य उद्देश्य आपके अंगे्रजी-कौशल, रीजनिंग, एप्टीट्यूड, विश्लेषण-क्षमता का परीक्षण करना होता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आपकी तैयारी की रणनीति इन्हीं बातों पर फोकस्ड हो। जैसा कि लोवा यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड स्टेट्स के रिसर्च के छात्र कुलदीप बाधवा कहते हैं, इन टेस्ट में बेहतर स्कोर करने के लिए शब्दों पर पकड बनाना बेहद जरूरी है। हां, इसके लिए आप कोचिंग संस्थानों की सहायता जरूर लें, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि खुद रेगुलर-प्रैक्टिस से ही आप इस तरह के टेस्ट में कामयाब हो सकते हैं। कुलदीप आगे कहते हैं-न व्याकरण संबंधी गलतियां हों, न ही हो लच्छेदार भाषा का प्रयोग। कोशिश करें कि आपके शब्द सामान्य हों, लेकिन साथ ही साथ हो मौजूद आपके वाक्यों में एक संदेश। कुछ ऐसा ही कहना है लेखा गुप्ता का भी। उनका मानना है, इस तरह के टेस्ट को लेकर हौवा नहीं बनाना चाहिए। बस थोडी-सी सतर्कता जरूर बरतने की जरूरत है। आप दैनिक जीवन में जो कुछ भी पढते हैं, देखते हैं, उन्हें इन टेस्टों के साथ जोडकर देखें। जैसे, यदि अखबार पढ रहे हैं, तो कुछ खास तरह के वर्ड को मिनिंग के साथ लिख लें और उन्हें दोस्तों से शेयर भी करें। इसी तरह, यदि आप टेलीविजन देखने के अधिक शौकीन हैं, तो अंग्रेजी कार्यक्रमों को जरूर देखें और वैसी ही अंग्रेजी बोलने की प्रैक्टिस भी करें। हां, एक बात और पहले आपको जीआरई नहीं, बल्कि टॉफेल  देना चाहिए। ऐसा इसलिए कह रही हूं, क्योंकि टॉफेल जीआरई से थोडा आसान होता है। और यदि आप जीआरई टेस्ट को लेकर थोडा-बहुत भयभीत हैं, तो ऐसा करने के बाद इस टेस्ट को क्लिक करने में आपको थोडी आसानी हो सकती है।

प्रस्तुति : सीमा झा

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