मैनेजमेंट का क्रेज युवाओं के सिर चढकर बोल रहा है, क्योंकि देश-विदेश की टॉप मोस्ट कंपनियां मैनेजमेंट युवाओं को सभी तरह की सुविधाएं देकर अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं। यदि भारत की बात करें, तो हर मेधावी और जुनूनी स्टूडेंट का सपना आइआइएम से पढाई करने का होता है। इसके लिए कैट परीक्षा पास करना जरूरी है। इसकी परीक्षा वर्ष में एक बार होती है। कैट में अच्छे परसेंटाइल लाने के बाद ही आइआइएम स्टूडेंट को कॉल करता है। फिर साक्षात्कार, ग्रुप डिस्कशन में सफ ल स्टूडेंट्स को दाखिला मिलता है। इस बार कैट परीक्षा की जिम्मेदारी आइआइएम, कोलकाता को सौंपी गई है और संस्थानों की संख्या भी बढा दी गई है। इसके अलावा परीक्षा का पैटर्न भी बदला गया है।
आप कितने योग्य हैं?
यदि आप 50 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम से स्नातक हैं तो कैट देने की पात्रता रखते हैं। लेकिन यह परीक्षा इतनी कठिन होती है कि सिर्फ ग्रेजुएशन की पढाई से आप इसमें सफल नहीं हो सकते हैं। यदि आपकी रुचि मैनेजमेंट में है और कैट की परीक्षा पास करना चाहते हैं, तो आपको इसकी तैयारी कम से कम एक वर्ष पहले शुरू कर देनी चाहिए। अगर इसमें सफल स्टूडेंट्स की तरफ नजर दौडाएं, तो पाएंगे कि उनकी मैथ्स और अंग्रेजी के साथ ही तर्क करने की क्षमता पर जबर्दस्त पकड होती है। कहने का आशय यह है कि यदि आपकी मैथ्स और अंग्रेजी अच्छी है और किसी भी प्रॉब्लम को एनालिटिकल तरीके से सोचते हैं, तो आप इस परीक्षा को देने के बारे में सोच सकते हैं।
डिफरेंट है कैट एग्जाम
कैट परीक्षा में प्राय: दो स्टेज से गुजरना पडता है। पहली ऑनलाइन परीक्षा होती है। इसमें उत्तीर्ण स्टूडेंट्स को संस्थान अपनी जरूरतों और परसेंटाइल के आधार पर ग्रुप डिस्कशन या इंटरव्यू अथवा दोनों के लिए बुलाते हैं। यदि इसमें भी सफल होते हैं, तो आप आइआइएम में प्रवेश पाने के योग्य हो जाते हैं। इसकी परीक्षा अन्य परीक्षाओं से काफी अलग होती है, क्योंकि इसकी परीक्षा एक दिन में न होकर महीनों तक होती रहती है। इस बार कैट की ऑनलाइन परीक्षा 22 अक्टूबर से लेकर 18 नवंबर तक चलेगी। लंबी अवधि की परीक्षा में तिथि का चयन स्टूडेंट्स के लिए परेशानी का सबब बन सकता हैं। इस संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि स्टूडेंट के लिए बेहतर यही होगा कि वह पहले सप्ताह में ही कैट का एग्जाम देने की स्ट्रेटेजी बनाएं। हालांकि कोशिश करें कि शुरू में एक-दो दिन परीक्षा में न बैठें। शुरुआती एक दो दिनों में यदि कुछ कमियां या गडबडियां होती हैं, तो उससे शुरुआती स्तर पर बचा जा सकता है। शुरुआत में एग्जाम देने से लाभ यह होता है कि यदि बेहतर परफॉर्म नहीं कर पाए तो आगे अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए उचित योजना बना सकते हैं।
कैट पेपर पैटर्न
कैट के पिछले वर्ष के तीन सेक्शन की तुलना में इस बार एक सेक्शन कम कर दिया गया है यानि इस बार दो सेक्शन कर दिए गए हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा परीक्षा के समय में भी वृद्धि की गई है। इस बार पहला सेक्शन क्वांटिटेटिव एबिलिटी एंड डाटा इंटरप्रिटेशन एवं दूसरा सेक्शन वर्बल एबिलिटी एंड लॉजिकल रीजनिंग का होगा। कैट के इस न्यू पैटर्न में जो सबसे अहम बदलाव हुआ है वह है समय सीमा का तय होना। इस बार पहले की तरह अब किसी भी सेक्शन को पहले हल नहीं कर पाएंगे। इस बार पहले सेक्शन के 30 प्रश्नों क ो सॉल्व करने के लिए 70 मिनट मिलेंगे और 70 मिनट के बाद ही आप दूसरे सेक्शन के प्रश्नों को हल कर सकेंगे। हां यह जरूर है कि आप पहले सेक्शन के किसी भी सेक्शन के किसी भी प्रश्न को पहले सॉल्व कर सकते हैं। कहने का आशय यह है कि आपको दोनों सेक्शन से 60 प्रश्नों को सॉल्व करने के लिए कुल 140 मिनट का समय मिलेगा। पेपर में कुल 60 प्रश्न होंगे। एक दिन में दो टेस्ट होंगे। पहला मॉर्निग और दूसरा ऑफ्टर नून। आप इनमें से किसी भी समय का चुनाव कर सकते हैं। पिछले वर्ष की कैट परीक्षा में तीन सेक्शन थे। तीन सेक्शन में 60 प्रश्न पूछे गए थे। इसके अलावा किसी भी सेक्शन का कोई भी प्रश्न कहीं से भी हल करने की सुविधा थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।
सिलेबस स्कैन
कैट की ऑनलाइन परीक्षा होगी, जिसके अंतर्गत क्वांटिटेटिव एबिलिटी, डाटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रीजनिंग, इंग्लिश और जीके से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नों का स्टैंडर्ड ग्रेजुएशन लेवल का होता है। क्वांटिटेटिव एबिलिटी के अंतर्गत ज्योमेट्री, क्वाड्रिक एंड लीनियर इक्वेशंस, अलजेब्रा, प्रॉफिट एंड लॉस, एवरेज, परसेंटेज, पार्टनरशिप, वर्क एंड टाइम, नंबर सिस्टम, मेंसुरेशन, सेट थ्योरी, वेन डायग्राम, प्रोबेबिलिटी आदि से प्रश्न काफी संख्या में पूछे जाते हैं। वहीं डाटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रीजनिंग में ग्राफ्स, टेबल्स, चार्ट, क्रिटिकल रीजनिंग, विजुअॅल रीजनिंग, स्टेटमेंट एंड एजेम्पसन, स्टेटमेंट एंड कनक्लूजन, काउज एंड इफेक्ट्स, लीनियर अरेंजमेंट, पजल्स, फंक्शंस, कोडिंग और डिकोडिंग आदि से प्रश्रन् पूछे जाएंगे। अगर अंग्रेजी की बात करें, तो पैसेज, एंटोनिम्स,फिल इन द ब्लैंक्स, जंबल पैराग्राफ्स, फॉरेन लैंग्वेज वर्ड, मैनिया एंड फोबिया, पंचुएशन, प्रोवर्ब एंड फ्रेज और इनकरेक्ट वर्ड से संबंधित प्रश्न आएंगे। करेंट अफेयर्स के अंतर्गत बिजनेस, पंच लाइन ऑफ कंपनी, टॉप ऑफिशियल ऑफ बिग कंपनीज, मेजर कॉर्पोरेट इवेंट्स, फेमस अवार्ड एंड प्राइज, वर्ल्ड रिकॉर्ड, साइंस, ज्योग्राफी, हिस्ट्री, इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशंस, इंर्पोटेंट कोटेशन, सोशल इश्यू, ऑटोमोबाइल, इंटरटेनमेंट एंड पालिटिक्स से संबंधित प्रश्न काफी संख्या में आते हैं।
हाउ टू प्रिपेयर
यह कॉलेज एग्जाम से एकदम अलग होता है। इसके लिए लंबी प्लानिंग जरूरी है। पिछले वर्षो के प्रश्नों को देखें, तो सभी प्रश्न काफी घुमावदार एवं हाई स्टैंडर्ड के होते हैं। इस कारण तैयारी के लिए अलग स्ट्रेटेजी बनाना जरूरी है। इस परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए बेहतर विकल्प यह है कि वे विभिन्न विषयों की अच्छी किताबों का खूब अध्ययन करें। ज्यादा से ज्यादा टॉपिक्स पढें। रोज एक अंग्रेजी अखबार का एडिटोरियल, इंटरनेशनल मैग्जींस, बिजनेस मैग्जींस, वॉल स्ट्रीट जनरल, महान एवं चर्चित लोगों की जीवनियां, बिजनेस प्लानिंग से रिलैटेड पुस्तकों को पढें। यदि आपने संबंधित विषयों की पुस्तकें अच्छी तरह से पढ लिया है, तो कंप्यूटर फ्रैंडली बनने का अभ्यास करें। कैट की परीक्षा ऑनलाइन हो रही है। इस कारण संभव हो, तो रोज कंप्यूटर पर प्रश्नों को अभ्यास करने की रणनीति बनाएं। इसमें सफल स्टूडेंट्स और विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर परसेंटाइल के लिए कम से कम दस हजार प्रश्नों को निर्धारित समय सीमा के अंदर हल करने का अभ्यास करना चाहिए। अभ्यास के दौरान जो भी कमियां रहती है, उसे दूर करते हुए आगे बढना श्रेष्ठकर होता है।
कहां कौन से कोर्स
आइआइएम अहमदाबाद
पीजीपी एंड पीजीपी-एबीएम
www.iimahd.ernet.in
आईआइएम बेंगलुरू
पीजीपी,पीजीएसईएम एंड पीजीपीपीएम
www.iimb.ernet.in
आइआइएम कोलकाता
पीजीपी-पीजीडीएम एंड पीजीपी-पीजीडीएमसी
www.iimcal.ac.in
आइआइएम इंदौर
पीजीपी एंड ईपीजीपी
www.iimidr.ac.in
आइआइएम काशीपुर
पीजीपी,www.iiml.ac.in
आइआइएम कोझीकोड
पीजीपी, www.iimk.ac.in
आइआइएम लखनऊ
पीजीपी एंड पीजीपी-एबीएम
www.iiml.ac.in
आइआइएम रायपुर
पीजीपी, www.iimraipur.ac.in
आइआइएम रांची
पीजीडीएम एंड पीजीडीएचआरएम
www.iimranchi.ac.in
आइआइएम रोहतक
पीजीपी
www.iimrohtak.ac.in आरजीआइआइएम शिलांग
पीजीपी
www.iimshillong.ac.in
आइआइएम तिरूचल्पल्ली
पीजीपी, www.iimtrichy.ac.in
आइआइएम उदयपुर
पीजीपी
www.iimu.ac.in
बदलनी होगी स्ट्रेटेजी
जिस स्टूडेंट का दोनों सेक्शन में कमांड है और कांसेप्ट क्लियर होने के साथ अंग्रेजी लैंग्वेज पर पकड मजबूत है वह निश्चित तौर पर बेहतर करेगा। किसी एक सेक्शन में अच्छी कमांड होना और दूसरे सेक्शन में एवरेज होना अब अच्छी स्ट्रेटेजी नहीं रही। अब दोनों में ही बेहतर करना होगा तभी सफलता के चांसेज होंगे। समय सीमा नि›ित होने के कारण क्वांट्स और डीआई में ज्यादा कैलकुलेशन आधारित क्वै›न आने की संभावना है। इसलिए स्टूडेंट को इस बार कांसेप्ट क्लीयर होने के साथ-साथ कैलकुलेशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस बार केवल दो सेक्शन हैं, जिसमें एक सेक्शन में 20 प्रश्न अंग्रेजी के और 10 रीजनिंग के होंगे। इस बार उन इंजीनियरिंग ग्रेजुएट को अतिरिक्त मेहनत करनी पडेगी, जिनकी मैथ्स तो बढिया है लेकिन अंग्रेजी एवरेज है।
प्रश्नों के स्टैंडर्ड पर पैनी निगाह
आइआइएम प्रश्नों का स्टैंडर्ड भी देखता है। उसकी पैनी निगाह रहती है कि कैंडिडेट ने जिस प्रश्न को सॉल्व किया है, उसका स्टैंडर्ड क्या है। अर्थात वह कितना कठिन है। सॉल्व किए गए प्रश्नों में कठिन प्रश्न सिर्फ आपकी बौद्धिक क्षमता को ही प्रदर्शित नहीं करते बल्कि आपकी परसेंटाइल में इजाफा करते हैं। इसके अलावा आपके हाईस्कूल से लेकर स्नातक में प्राप्त नंबर भी आइआइएम में प्रवेश दिलाने में सहायक होते हैं।
अनिल सिंह
जेनिथ अकादमी
क्वांटिटी नहीं क्वालिटी स्टडी
देश में हर साल लाखों छात्र इस टॉप प्रबंधन परीक्षा का हिस्सा बनते हैं, लेकिन कामयाबी गिने चुने को ही नसीब होती है। ऐसे में परीक्षा की उचित रणनीति व प्राथमिकताएं तय करना बहुत जरूरी हो जाता है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पढाईके दौरान यदि आप क्वांटिटी नहीं क्वालिटी स्टडी पर फोकस करते हैं, तो यहां कामयाबी इतनी कठिन भी नहीं है।
अपनी क्षमताओं को पहचानें
यदि आप पहली बार कैट की परीक्षा देने जा रहे हैं तो आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप पहले अपने बेसिक्स पर ध्यान दें। यह मानकर चलें कि अगर बेहतर परफॉर्मकरेंगे, तो अवश्य क्वालीफाई करेंगे। क्रमबद्ध ढंग से ही दुरूह समझी जाने वाली चीजों की ओर बढें और जमकर तैयारी करें। इसमें कामयाबी पाने के लिए जरूरी है कि आप जितना पहले संभव हो,अपनी क्षमताओं की पहचान कर लें। इस काम में कोचिंग संस्थान या विशेषज्ञ आपकी सहायता कर सकते हैं, जहां आपको आधारभूत स्तर पर अपनी कमजोरियों व मजबूतियों को जानने का अवसर मिलता है, साथ ही कमजोर पक्षों पर काम करने के अच्छे अवसर भी मिलते हैं।
अपने फॉर्मूले को अप्लाई करें
हर व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक क्षमता अलग होती है। इस कारण लोगों की देखा-देखी पढाई न करें। आप अपनी क्षमता और सुविधा के अनुरूप पढाई की रूटीन बनाएं। लेकिन तैयारी ऐसी हो कि परीक्षा के पहले आपकी तैयारी पूर्ण हो जाए। आप अपनी तैयारियों में फ्लेक्सबिलिटी लाएं। जरूरी नहीं कि आप अपने कोचिंग संस्थान के सेट मापदंडों के हिसाब से पढाईकरें। यदि आपको लगता है कि आप इस परीक्षा की तैयारी अपनी क्षमताओं, कडी मेहनत के बूते कर सकते हैं तो अच्छा है कि आप तैयारी के अपने फ ार्मूले को ही अप्लाई करें।
प्रश्नों का सॉलिड डेटाबेस तैयार करें
दरअसल इस परीक्षा में प्रश्नों की वैरायटी इतनी ज्यादा होती हैकि उनकी प्रकृति जाने बगैर परीक्षा में सफलता की उम्मीद बेमानी होगी। ऐसे में आपके पास प्रश्नों का एक विशाल डेटाबेस होना आवश्यक है। जिसमें गत वर्षो के प्रश्नपत्र, मॉडल पेपर, एक्सपेक्टेड क्वैश्चन आदि शामिल हों। ये सभी चीजें आपको आने वाली परीक्षा में खासी मदद दे सक ती हैं।
सेलेक्टिव पढें
कैट परीक्षा में किसी भी तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं और अभ्यर्थी को सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देना होता है, तभी वह सफल होता है। कैट जैसी परीक्षा में पढना महत्वपूर्ण है लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है चयनित अध्ययन। बाजार में मैनेजमेंट परीक्षाओं के नाम पर अध्ययन सामग्री की भरमार है, ऐसे में आवश्यक है कि आप वही पढें, जिसकी जरूरत आपको (मॉक टेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर) सर्वाधिक हो, साथ ही जो परीक्षा के दृष्टिकोण से प्रासंगिक भी हो। इसमें सफल अभ्यर्थियों का मानना है कि सफलता अधिक पुस्तकों को पढने से नहीं मिलती है। इसमें वही स्टूडेंट्स सफल होते हैं, जिन्होंने कम लेकिन प्रामाणिक पुस्तकों को बार-बार पढकर उसे पूरी तरह आत्मसात कर लिया है।
बनाएं अंतिम रणनीति
इस बार प्रथम सेक्शन में 70 मिनट बिताने के बाद ही आप दूसरे सेक्शन को हल कर सकते हैं। इसलिए स्टूडेंट दोनों चरणों के प्रश्रों को तीन चरणों में हल करें। सबसे पहले स्टूडेंट वह प्रश्रन् हल करे, जिन्हें वह बहुत कम समय में हल कर सकता है। इसी तरह वह अगले चरण के प्रश्न हल करे। स्टूडेंट को 25 मिनट का समय पहले और इतना ही समय दूसरे चरण के लिए रखना चाहिए। शेष बचे प्रश्नों को सॉल्व करने के लिए 20 मिनट का समय दे और वह प्रश्न करे जिससे कट ऑफ क्लियर रहे। सामान्यता चोटी के संस्थानों में उन्हीं को प्रवेश मिलता है जिनका परसेंटाइल 99 या उससे ऊपर रहता है। इसलिए स्टूडेंट दोनों सेक्शन में बेहतर स्कोर करे। किसी भी प्रश्न को हल्के में न लें। अमूमन स्टूडेंट सेक्शन के पहले प्रश्न से ही सॉल्व करना शुरू कर देता है। यह तरीका ठीक नहीं है। स्टूडेंट को जो उसका सबसे स्ट्रांग सेक्शन हो, वहीं से पेपर स्टार्ट करना चाहिए। ऐसा करने से कांफिडेंस हाई रहता है। जो सबसे वीक सेक्शन हो, उसे सबसे बाद के लिए रखें।
जेआरसी टीम
मेक सक्सेसफुल कॅरियर
मैनेजमेंट का क्रेज युवाओं के सिर चढकर बोल रहा है, क्योंकि देश-विदेश की टॉप मोस्ट कंपनियां मैनेजमेंट युवाओं को सभी तरह की सुविधाएं देकर अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं
Comments
All Comments (0)
Join the conversation