यूजीसी नेट

Nov 24, 2010, 11:40 IST

यदि किसी की रुचि पढ़ने-पढ़ाने और किसी विषय में शोध करने एवं कराने की है, तो उसके लिए यूनिवर्सिटी/कॉलेज में लेक्चरर एवं प्रोफेसर बनना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। यहाँ सर्वाधिक सम्मान तो है ही साथ ही अच्छा पैसा भी। छठें  वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद एक प्रोफेसर की सैलॅरी उच्च पद पर तैनात आईएएस अधिकारी के बराबर हो गई है।

UGC NET
UGC NET

यदि किसी की रुचि पढ़ने-पढ़ाने और किसी विषय में शोध करने एवं कराने की है, तो उसके लिए यूनिवर्सिटी/कॉलेज में लेक्चरर एवं प्रोफेसर बनना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। यहाँ सर्वाधिक सम्मान तो है ही साथ ही अच्छा पैसा भी। छठें  वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद एक प्रोफेसर की सैलॅरी उच्च पद पर तैनात आईएएस अधिकारी के बराबर हो गई है। एक लेक्चरर बनने की लिए अच्छी डिग्री के साथ ही यूजीसी द्वारा आयोजित नेट/जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।

योग्यता
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को जिस विषय से परीक्षा देना हो उसमें कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से स्नातकोत्तर होना अनिवार्य है। जबकि एससी, एसटी तथा समाज के विकलांग व्यक्तियों के लिए 50 प्रतिशत अंकों से स्नातकोत्तर होना ही जरूरी है।
लेक्चरर पद की पात्रता प्राप्त करने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए उम्र सीमा का कोई बंधन नहीं है, लेकिन जेआरएफ के लिए उम्र सीमा सामान्य उम्मीदवारों के लिए 28 वर्ष रखी गयी है। सरकारी नियमानुसार आरक्षण के दायरे में आनेवाले स्टूडेंट्स के लिए अधिकतम उम्र सीमा में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान है।

परीक्षा का स्वरूप
चार सौ अंकों की लिखित परीक्षा दो चरणों में होती है, जिसमें तीन प्रश्नपत्र होते हैं। पहला प्रश्नपत्र सामान्य स्तर का होता है। इस पेपर का मुख्य उद्देश्य परीक्षार्थी की शिक्षण एवं शोध क्षमता ज्ञात करना है। इसके अंतर्गत रीजनिंग एबिलिटी, कॉम्प्रिहेंसन तथा जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पेपर सभी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होता है। इसके लिए सौ अंक तथा सवा घंटा निर्धारित है। द्वितीय प्रश्नपत्र  अभ्यर्थी के स्नातकोत्तर विषय से संबंधित होता है। इसमें 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए भी सौ अंक तथा समय सवा घंटा है। तीसरा प्रश्नपत्र भी संबंधित विषय से होता है जिसके प्रश्न डिस्क्रिप्टिव टाइप के होते हैं। इसके लिए कुल दो सौ अंक तथा ढाई घंटे का समय रखा गया है। पहले और दूसरे प्रश्न पत्र में अलग-अलग तथा संयुक्त रूप से यूजीसी द्वारा निर्धारित अंक प्राप्त करने पर ही तीसरे प्रश्न पत्र की जांच की जाती है और इसके आधार पर सफल लोगों की अंतिम लिस्ट बनाई जाती है।

सिलेबस:  प्रथम प्रश्नपत्र के अंतर्गत अक्षर श्रेणियों, कूट लेखन, संबंध वर्गीकरण, बौद्धिक क्षमताओं के विश्लेषण, मूल्यांकन, तर्क संरचना तथा निगमन-आगमन तर्क को समझने, अंक श्रेणियों आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके साथ ही अभ्यर्थियों से यह अपेक्षा भी की जाती है कि वे सूचना एवं ज्ञान के स्त्रोतों से भी सामान्यत: अवगत हों। इसके अतिरिक्त, गद्यांश पर आधारित प्रश्न, पर्यावरण प्रदूषण, उच्च शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत औपचारिक एवं दूरस्थ शिक्षा, व्यावसायिक, तकनीकी एवं सामान्य शिक्षा, अनुसंधान के अर्थ, विशेषताएं, प्रकार, सोपान, अनुसंधान विधियों आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। द्वितीय प्रश्नपत्र में विषय से संबंधित ऑब्जेक्टिव टाइप के 50 प्रश्न होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनरल और ओबीसी के अभ्यर्थियों के लिए प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्रों में अलग-अलग कम से कम चालीस प्रतिशत तथा दोनों में मिलाकर 50 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी है, जबकि एससी, एसटी तथा विकलांग अभ्यर्थियों के लिए दोनों पेपरों में अलग-अलग पैंतीस प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। जो अभ्यर्थी न्यूनतम निर्धारित अंक लाने में असफल होंगे, उनके तीसरे प्रश्नपत्र का मूल्यांकन नहीं किया जाता है।

स्ट्रेटजी 
किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए एक बेहतर योजना की जरूरत होती है। यूजीसी नेट/जेआरएफ परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे पहले सिलेबस और उसमें पूछे गए प्रश्नों के ट्रेंड को समझ लेना चाहिए। इससे तैयारी करने में आसानी होती है। पहले पेपर की तैयारी के लिए इस परीक्षा से संबंधित गाइड या अच्छे स्रोतों की मदद लेनी चाहिए और  प्रश्नों को हल करने का जमकर अभ्यास बहुत ही आवश्यक है। अक्सर देखा जाता है कि लोग प्रथम प्रश्नपत्र की तैयारी के लिए कम समय देते हैं, क्योंकि इनके अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जाते हैं। इस तरह की रणनीति घातक हो सकती है, क्योंकि यदि किसी कारणवश प्रथम प्रश्नपत्र में निर्धारित अंक लाने में सफलता नहीं मिली, तो शेष प्रश्नपत्रों का मूल्यांकन ही नहीं हो पायेगा और अंततः उम्मीदवार का अपने विषय से सम्बंधित ज्ञान और अच्छी प्रस्तुति मिट्टी में मिल जायेगी। इसलिए बेहतर यही होगा कि सबसे पहले प्रथम प्रश्नपत्र की तैयारी कर ली जाए। दूसरे और तीसरे प्रश्नपत्र पीजी विषय से संबंधित होते हैं। इसकी तैयारी के लिए न केवल प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए, बल्कि पिछले दस वर्षों के प्रश्नपत्रों के माध्यम से यह भी जान लेना चाहिए, कि किस क्षेत्र से सर्वाधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। विषयों से संबंधित तैयारी के लिए जरूरी है कि संक्षिप्त नोट्स बना ली जाए और उसे बार-बार पढ़ा जाए। इस प्रकार एक अच्छी रणनीति के अपनाने से कम समय में बेहतर तैयारी हो सकती है।

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

    Trending

    Latest Education News