देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा आयोजित करने वाले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा में बदलावों को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 27 फरवरी 2013 को हरी झंडी दिखा दी है. नए फॉर्मेट के तहत सामान्य अध्ययन को विशेष महत्व दिया जाएगा. कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के सचिव पीके मिश्रा ने बताया कि जल्द ही इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. वर्तमान में सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के 300-300 अंक के दो पेपर होते हैं, जिनमें अनिवार्य और वैकल्पिक विषय शामिल रहते हैं. बदलावों के बाद सामान्य अध्ययन के दोनों पेपरों को विशेष महत्व दिया जाएगा. यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अरुण एस. निगावेकर की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट की कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने जांच की थी. इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री के सामने पेश किया गया.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्यसभा में दिए लिखित जवाब में बताया कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा के मौजूदा पैटर्न में बदलावों के सुझाव दिए हैं, ताकि इसे मौजूदा समय और जरूरतों के मुताबिक ज्यादा प्रासंगिक बनाया जा सके. कार्मिक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधिसूचना में नए फॉर्मेट की विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अलावा भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के साथ ही ग्रुप ए की परीक्षाएं आयोजित कराता है.
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