संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) के बारे में तथ्य
स्थापना: 24 अक्टूबर 1945
मुख्यालय: न्यूयॉर्क शहर (यूएसए)
स्थायी सदस्य: 5
स्थायी सदस्यों के नाम: -संयुक्त राज्य अमेरिका, रूसी संघ, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम
अस्थायी सदस्य: 10
कुल सदस्य: 193
आधिकारिक भाषाएं:- अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, स्पेनिश
सभी भारतीयों के लिए अच्छी खबर यह है कि भारत को 2021-22 के कार्यकाल के लिए दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया है.
भारत को मतदान के लिए उपस्थित 193 सदस्य राज्यों में से 2/3 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता थी जबकि भारत को 184 वोट मिले जो कि आवश्यक वोट (128) से अधिक है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की पिछली अस्थायी सदस्यता के बारे में: -
भारत को 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992, 2011-2012 और हाल ही में 2020 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया है. इस प्रकार भारत कुल 8 बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में चुना जा चुका है.
भारत का कार्यकाल 2021 से शुरू होगा और 2022 तक जारी रहेगा. महासभा हर साल दो साल के कार्यकाल के लिए पांच गैर-स्थायी सदस्यों का चुनाव करती है. 10 गैर-स्थायी सीटों को क्षेत्रीय आधार पर वितरित किया जाता है.
ये क्षेत्र हैं; पूर्वी यूरोपीय राज्यों के लिए एक; लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन राज्यों के लिए दो; और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों के लिए दो जबकि अफ्रीकी और एशियाई राज्यों के लिए पांच सीटें हैं.
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य हैं:
1. डोमिनिकन गणराज्य
2. दक्षिण अफ्रीका
3. इंडोनेशिया
4. बेल्जियम
5. जर्मनी
6. एस्टोनिया
7. नाइजर
8. सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस
9. ट्यूनीशिया
10. वियतनाम
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य होने के लाभ:
1. आर्थिक सहायता: - संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों, जैसे विश्व बैंक समूह और आईएमएफ से वित्तीय सहायता आसानी से मिल जाती है. इस ऋण का उपयोग देश के बुनियादी ढांचे को विकसित करने और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है. यह ऋण, गैर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को नहीं दिया जाता है.
2. ऐड और असिस्टेंट: संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को प्रमुख आपदा जैसे कि सुनामी या बाढ़, महामारी, भूकंप और सूखे की समस्या के दौरान दुनिया भर से वित्तीय और तकनीकी मदद मिलती है.
3. किसी देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को मदद:- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी सदस्य देशों को मातृ स्वास्थ्य में सुधार और एचआईवी / एड्स और मलेरिया के खिलाफ लड़ाई और बच्चे और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद करती है और बच्चों में कुपोषण की समस्या के लिए उपाय और मदद इत्यादि मिलती है. अफ्रीकी महाद्वीप इस तरह की सहायता का सबसे बड़ा लाभार्थी है.
4. देश में मानव अधिकारों का संरक्षण: - UNO के सदस्य UN के नियमों और सिद्धांतों का पालन करने के लिए बाध्य हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मूल नियमों और सिद्धांतों में से एक यह है कि सभी सदस्य देशों को मौलिक मानव अधिकारों का सम्मान करना चाहिए.किसी भी सदस्य देश में नस्ल, लिंग, या धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव निषिद्ध हैं.
5. देश की संप्रभुता का संरक्षण: - यदि कोई देश संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है तो कोई अन्य देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश की संप्रभुता पर हमला नहीं कर सकता है. यदि ऐसा होता है, तो संयुक्त राष्ट्र संघ, हमलावर देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाता है. हालाँकि इसमें सच्चाई थोड़ी कम है क्योंकि अमेरिका कई देशों पर हमला कर चुका है.
अतः गैर स्थायी सदस्य के पद के लिए भारत का चुना जाना एक अच्छी उपलब्धि है. अब भारत अपने मामलों को संयुक्त राष्ट्र में मजबूती से रख सकेगा.
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