Chandra Grahan 2023: साल का पहला चंद्रग्रहण 5 मई, 2023 को होने जा रहा है। इस दिन वैशाख और बुद्धपूर्णिमा, दोनों ही एक दिन पड़ रही है। हालांकि, इस बार का चंद्रग्रहण अलग है, जो कि उपच्छाया वाला चंद्रग्रहण है। भारत में यह रात 8ः44 मिनट से देखा जा सकेगा। हालांकि, चंद्रग्रहण को लेकर कुछ लोगों में अलग-अलग प्रकार के मिथक होते हैं। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि इस चंद्रग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस लेख में हम Chandra Grahan 2023 लाइव देखने के बारे में भी जानेंगे। सबसे पहले हम ग्रहण के दौरान बोले जाने वाले मिथक के बारे में जानेंगे, जो अक्सर क्या करें और क्या न करें से प्रचलित हैं।
क्या करें
-चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। हालांकि, कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान चंद्रग्रहण से पहले और बाद में स्नान कर सकते हैं।
-मान्यताओं की मानें, तो खाने वाली सभी वस्तुओं में तुलसी के पौधे की पत्तियों को शामिल किया जा सकता है, जिससे खाने की वस्तुओं को खराब होने से बचाया जा सके।
-ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान धार्मिक मंत्र का जप करना चाहिए, जिससे लाभ होता है।
क्या न करें
-कुछ मान्यताओं के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं चंद्रग्रहण के दौरान घर में ही रहें।
-ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कुछ भी नया करने से बचें।
-पुरानी मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान यदि कोई जरूरी काम न हो, तो कोशिश करें कि घर में ही रहें।
कैसे देखें लाइव चंद्रग्रहण
इस साल पहले चंद्रग्रहण की शुरुआत 5 मई को रात 8ः44 मिनट से होगी, जो कि देर रात 1ः01 बजे तक चलेगा। इस ग्रहण को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अटलांटिक और इंडियन ओशन से देखा जा सकेगा। वहीं, भारत के लोग इसे रात 8ः44 मिनट से देख सकते हैं। खास बात यह है कि इस ग्रहण को सूर्य ग्रहण की तुलना में डायरेक्ट देखा जा सकता है, जिसका लाइव प्रसारण कई यूट्यूब चैनल द्वारा किया जाएगा।
चंद्रग्रहण को लेकर मिथक और सच्चाई
मिथक- चंद्रग्रहण देखने से अंधा होना
सच्चाईः चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। वहीं, सूर्यग्रहण दौरान निकलने वाली हानिकारक किरणों से आंखों को नुकसान पहुंचता है। लेकिन, चंद्रग्रहण के दौरान इस प्रकार की किरणें नहीं निकलती हैं। ऐसे में इसे बिना किसी गियर के देखा जा सकता है।
मिथकः ग्रहण से बॉडी को नुकसान
सच्चाई-लोगों में यह मिथक है कि यदि ग्रहण के दौरान किसी प्रकार की चोट लग जाती है, तो वह जीवन भर रहती है। हालांकि, किसी भी जख्म का भरना सेल्स पर निर्भर करता है, ग्रहण पर नहीं।
मिथकः खाना बेकार होना
सच्चाई- ग्रहण के दौरान यह मिथक है कि इस दौरान निकलने वाले रेडिएशन से खाना जहरीला हो जाता है। ऐसे में रखा हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। यदि ऐसा होता, तो घर में रखे खाने के साथ खेत में मौजूद फसलें भी उसी रेडियेशन से जहरीली हो जाती।
मिथक- गर्भवती महिलाओं को विशेष एहतियात बरतने की सलाह
सच्चाईः ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान उन्हें घर में रहने के लिए कहा जाता है, जिससे अजन्मे बच्चे को नुकसान न पहुंचे। हालांकि, इसे लेकर वैज्ञानिक रूप से कोई प्रमाण नहीं है।
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