भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है, भारतीय रेलवे ने अपनी सेवाओं के विस्तार में एक नई पहल शुरू करते हुए कम दूरी वाली वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Metro train) लांच करने की तैयारी में है. वंदे मेट्रो ट्रेन को वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर लांच किया जा रहा है जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. भारतीय रेलवे के अनुसार, वंदे मेट्रो ट्रेन जुलाई 2024 में ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगी जिसके बाद इसे लांच किया जायेगा. भारतीय रेलवे की यह अपनी तरह की पहली रेल सेवा होगी. चलिये इस ट्रेन के बारें में जानते है साथ ही यह भी जानेंगे कि यह वंदे भारत एक्सप्रेस से कैसे मिलती-जुलती है और किन मामलों में यह उससे अलग है.
वंदे मेट्रो ट्रेन प्रोटोटाइप का निर्माण रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई द्वारा तैयार किया जा रहा है. वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण आरसीएफ कपूरथला में किया जा रहा है और जल्द ही रेलवे की ओर से इसका ट्रायल शुरू किया जायेगा. इसके एक बार लांच हो जाने के बाद भारतीयों के लिए कम दूरी की ट्रेन यात्रा काफी सुगम हो जाएगी.
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Vande Metro वंदे मेट्रो ट्रेन क्या है?
वंदे मेट्रो ट्रेन, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटी दूरी का अत्याधुनिक फॉर्मेट वाला संस्करण है जिसे भारत में उपनगरीय यात्रा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए लांच किया जा रहा है. इसे लगभग 100-250 किलोमीटर की दूरी के भीतर 124 शहरों को जोड़ने के लिए तैयार किया गया है. अन्य शब्दों में बताये तो इससे इंटरसिटी और इंट्रा-सिटी दोनों तरह की यात्रा सुविधा मिलेगी.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तरह ही वंदे मेट्रो ट्रेन भी ऑटोमेटेड ट्रेन सेवा है जो बिना लोकोमोटिव इंजन के दौड़ेगी. एक तरीके से वंदे मेट्रो को ईएमयू ट्रेनों की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है जिससे लोगों की कम दूरी की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो जाएगी.
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Vande Metro वंदे मेट्रो ट्रेन हाईलाइट्स:
इंटीरियर: वंदे मेट्रो ट्रेनों का लुक और इन्फ्रास्ट्रक्चर अन्य लोकल मेट्रो ट्रेनों से बेहतर है. इसका इंटीरियर हाई क्लास सुविधाओं से लैस है. इसमें यारियों के बैठने और खड़े रहकर सफर करने की व्यवस्था की गयी है.
स्पीड: वंदे मेट्रो ट्रेनों की स्पीड अन्य मेनलाइन ईएमयू की तुलना में अधिक होगी, अभी तक आई खबरों की माने तो इसकी अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे की होगी.
एसी कोच: वंदे मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह से वातानुकूलित होगी और वंदे मेट्रो कोचों के बीच आसान आवाजाही की भी सुविधा होगी.
टेक्नोलॉजी हाई लाइट्स: वंदे मेट्रो ट्रेनों में स्वचालित गेट, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, डिफ्यूज्ड लाइटिंग, रूट इंडिकेटर डिस्प्ले चौड़ी पैनोरमिक खिड़कियां लगी हुई है जो इस ट्रेन को अन्य लोकल ट्रेन से स्पेशल बनाती है. साथ ही यह ट्रेन सीसीटीवी कैमरों से भी लैस होगी.
पैसेंजर शेफ्टी: यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसे 'कवच' ट्रेन एंटी कोलिजन सिस्टम से लैस किया गया है. जो यात्रियों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तरह ही सुरक्षा कवच प्रदान करती है.
वंदे मेट्रो ट्रेन रूट: वंदे मेट्रो रूट को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसे मेमो ट्रेनों के रूट पर ही संचालित किया जायेगा. उम्मीद है कि इसे शुरू में आगरा-मथुरा, दिल्ली-रेवाड़ी, लखनऊ-कानपुर, तिरूपति-चेन्नई, भुवनेश्वर-बालासोर जैसे रूट पर चलाया जायेगा.
यह वंदे भारत एक्सप्रेस से कैसे है अलग:
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को मुख्य रूप से लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह वर्तमान में 82 से अधिक संख्या के साथ संचालित है. वहीं वंदे मेट्रो ट्रेन को कम दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों की तर्ज पर तैयार किया गया है. वंदे भारत एक्सप्रेस को साल 2019 में ट्रेन 18 के रूप में लॉन्च किया गया था जो भारतीय रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर में एक क्रांति ला दी है.
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