महाकुंभ 2025 में डिजिटल महाकुंभ के माध्यम से आध्यात्मिकता और आधुनिक तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. यह डिजिटल केंद्र 60,000 वर्ग फुट में फैला है. यह केंद्र AI, VR, AR, LiDAR, LED डिस्प्ले और होलोग्राम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है, जो आगंतुकों को महाकुंभ की पौराणिक कथाओं का आभासी अनुभव कराएगा.
क्या है डिजिटल महाकुंभ:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR), LiDAR, LED डिस्प्ले और होलोग्राम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
यह विशेष रूप से युवाओं और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक अद्भुत अनुभव लेकर आया है, जिससे वे महाकुंभ मेले की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत से गहराई से जुड़ सकें.
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21 दिनों में हुआ तैयार:
इस अनूठे प्रोजेक्ट का नेतृत्व मोहित वर्मा ने किया और मात्र 21 दिनों में इसे पूरा किया गया. यहाँ मौजूद शिल्पकृतियां, इंटरैक्टिव कंटेंट और डिजिटल तत्व पूरी तरह से इन-हाउस तैयार किए गए हैं, जिससे इसे और भी विशेष बनाया गया है.
9 जनवरी को उद्घाटन के बाद से ही यह केंद्र हर दिन हजारों आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है, जो तकनीक और परंपरा के इस अद्भुत मेल को देखने आ रहे हैं.
12 थीम जोन और पौराणिक कथाओं का जीवंत अनुभव:
केंद्र को 12 थीमेटिक ज़ोन्स में बांटा गया है, जहां समुद्र मंथन, त्रिवेणी संगम जैसी ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है. आगंतुक यहां आभासी यमुना नदी में तरंगें उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे वे इन कहानियों से और गहराई से जुड़ सकें.
कहां और कैसे करें दर्शन:
महाकुंभ 2025 का दिव्य अनुभव पाने के लिए श्रद्धालु प्रयागराज के पावन संगम तट पर पहुंच सकते हैं, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है. डिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र में तकनीक के माध्यम से कुंभ की भव्यता का दर्शन किया जा सकता है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी लाइव दर्शन उपलब्ध रहेंगे.
टिकट और समय:
- टिकट शुल्क – मात्र ₹50
- समय – सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक
- स्थान – महाकुंभ मेला क्षेत्र
यह डिजिटल अनुभव केंद्र एक बार जीवन में मिलने वाले महाकुंभ मेले को और भी यादगार बना देता है. अगर आप महाकुंभ 2025 में आ रहे हैं, तो इस अद्भुत संगम का हिस्सा बनना न भूलें!
13 जनवरी से 26 फरवरी तक हो रहा आयोजन:
कुंभ मेला हर 12 वर्षों में प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक में आयोजित होने वाला एक पवित्र धार्मिक पर्व है, जहां श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर आत्मशुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का संकल्प लेते हैं. महाकुंभ मेला 2025, जो प्रयागराज के पावन संगम तट पर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित हो रहा है, भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव साबित होगा.
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