जानें भारत की पहली महिला SWAT कमांडो टीम के बारे में

Sep 7, 2018, 17:49 IST

भारत में पहली बार महिला SWAT टीम कमांडो का गठन किया गया है और इसको दिल्ली पुलिस फोर्स में शामिल किया है. क्या है ये महिलाओं की SWAT टीम, इसकी क्या खासियत है, कैसे इनको ट्रेनिंग दी गई है इत्यादि के बारे में अध्ययन करने के लिए आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Do you know about first Women SWAT Team?
Do you know about first Women SWAT Team?

ये हम सब जानते हैं कि भारत में पुलिस बल में पुरषों की संख्या ज्यादा है. देखा जाए तो आंकड़ों के मुताबिक सभी अधिकारीयों में महिलाओं का संख्याबल महज सात फीसदी के करीब है और सरकार का लक्ष्य 33 फीसदी है. परन्तु इस बात को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है कि महिलाएं आजकल हर जगह, हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है जो सराहनीय है. हम आपको बता दें कि देश में पहली बार महिला SWAT कमांडो टीम का गठन किया गया है. आइये इस लेख में महिला SWAT कमांडो टीम के बारे में अध्ययन करते हैं.

क्या है भारत की पहली महिलाओं की SWAT कमांडो टीम?

SWAT का अर्थ है Special Weapons and Tactics. यह भारत की पहली महिलाओं की कमांडो टीम है. इस टीम की सभी 36 महिलाएं पूर्वोत्तर से हैं और इनके कन्धों पर दिल्ली की सुरक्षा का जिम्मा है. SWAT टीम में सदस्यों की अधिकतम संख्या (13) असम से हैं और पांच अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर से है. 2008 में हुए मुंबई हमले के बाद भारत में SWAT टीम की जरुरत पड़ रही थी. दिल्ली के कमिश्नर अमूल्य पटनायक के अनुसार देश-विदेश के बड़े स्तर पर स्पेशलिस्ट लोगों ने इस टीम को चुना है. लघभग 15 महीनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद इस फोर्स को तैयार किया गया है. वैसे पुरुष कमांडो 12 महीने की ट्रेनिंग करते हैं लेकिन महिलओं की SWAT टीम को 15 महीनों की ट्रेनिंग दी गई है जिसमें 12 महीने कमांडो की ट्रेनिंग और अन्य 3 महीने स्पेशलिस्ट  द्वारा कठोर SWAT प्रशिक्षण दिया गया है. इन कमांडो को NSG और दिल्ली पुलिस ने प्रशिक्षित किया है. ये AK-47 और MP5 सबमशीन गन चलाना जानती हैं, लेकिन इन महिलाओं का यहां तक पहुंचना आसान नहीं था.

भारत में महिला सशक्तिकरण से संबंधित कानून

SWAT कमांडो टीम की क्या खासियत है?

Features of first Women SWAT team

Source: www.timesofindia.indiatimes.com

ट्रेनिंग के दौरान महिला दस्ते को बम डिफ्यूज करना, इमारतों पर चढ़ना, आधुनिक हथियारों को चलाना और बंधकों को छुड़ाना सिखाया गया है. आतंकवादियों से निपटने की परिस्थितियों के बारे में भी सिखाया गया है. वे निर्बाध मुकाबले, हमलावर और काउंटर हमला, जंगल ऑपरेशन, शहरी ऑपरेशन में एक्सपर्ट हैं, जिनमें बिल्डिंग, वाहन/बस का व्यवधान और वीवीआईपी सुरक्षा शामिल है.

इस दस्ते ने 10 अगस्त 2018 से अपना काम करना शुरू कर दिया है. क्या आप जानते हैं कि क्राव मागा, इस्राइल के सुरक्षा बलों द्वारा संचालित सैन्य आत्मरक्षा तकनीक में पूर्ण दक्षता हासिल करने के बाद इन्हें स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिस (SWAT) टीम में शामिल किया गया है. यानी इन्हें इज़राइली क्राव मागा, एक निर्बाध मुकाबला शैली में प्रशिक्षित किया गया है और एमपी 5 सबमिशन गन और ग्लॉक 21 पिस्टल से लैस किया जाता है. हम आपको बता दें कि महिलाओं की यह टीम सभी पांच पुरुष SWAT टीमों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में काम करेगी.

इस बात को नाकारा नहीं जा सकता है कि महिलाओं की SWAT टीम ने कमांडों फोर्सेज में सिर्फ पुरुषों के होने के वर्चस्व को तोड़ दिया है. ये कमांडो केंद्रीय और दक्षिण दिल्ली में सामरिक स्थानों पर तैनात होंगे. यह सभी महिला इकाई लाल किले और इंडिया गेट के आसपास भी सुरक्षा तंत्र को संभालेंगी. इनमें से कई को परक्राम नामक आतंकवाद विरोधी वैन में तैनात किया जाएगा.

तो ये थी खासियत हमारे देश की पहली महिला SWAT टीम की जिसे पढ़ने के बाद हम सबको इन कमांडो पर गर्व होगा.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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