भारत में मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। ऐसे में भारत के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में मीडिया का महत्त्व और बढ़ जाता है। मीडिया को समाज का आइना कहा जाता है, जो कि समाज की अच्छी चीजों के साथ-साथ कुरितियों को भी अपने सांचे में ढाल कर प्रदर्शित करता है।
इसमें मीडिया के प्रमुख भागों में शामिल अखबारों की विशेष भूमिका रही है। आज भारत में हिंदी अखबारों के सबसे अधिक पाठक हैं, जिसमें पाठकों का एक बड़ा वर्ग हिंदी पट्टी के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश में मौजूद है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कई प्रमुख हिंदी अखबारों का प्रकाशन होता है, हालांकि क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का पहला हिंदी अखबार कौन-सा था और यह कब प्रकाशित हुआ था। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश का परिचय
उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह भारत का कुल 7.33 फीसदी हिस्सा है और भारत पूरी दुनिया का 2.4 फीसदी हिस्सा है। पहले उत्तर प्रदेश को उत्तर -पश्चिम प्रांत के नाम से जाना जाता था, हालांकि बाद में इसका नाम बदलकर आगरा एवं अवध संयुक्त प्रांत कर दिया गया।
एक समय में इसे केवल संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था, लेकिन देश के आजाद होने के बाद 24 जनवरी,1950 को इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया गया। बाद में साल 2000 में इसमें से उत्तराखंड राज्य को अलग कर दिया गया। वर्तमान में यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके अतिरिक्त यहां कुल 351 तहसील और 17 नगर निगम मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश का पहला हिंदी अखबार
अब सवाल है कि आखिर उत्तर प्रदेश का पहला हिंदी अखबार कौन-सा है, तो आपको बता दें कि यूपी का पहला हिंदी अखबार बनारस अखबार था।
कब और किसने शुरू किया था अखबार
बनारस अखबार की शुरुआत यूपी में जनवरी, 1845 में हुई थी। इस समाचार पत्र का संपादन गोविंद नारायण थत्ते ने किया था। वहीं, अखाबर के संचालक शिवप्रसाद सितारेहिंद थे। कुछ लोग इसे हिंदी का पहला अखबार भी मानते हैं, हालांकि यह हिंदी भाषी राज्य का पहला अखबार माना जाता है।
अरबी और फारसी का प्रयोग
बनारस अखबार में हिंदी के साथ-साथ अरबी और फारसी भाषा का प्रयोग भी किया जाता था। ऐसे में कई लोगों को इस अखबार की भाषा समझ नहीं आती थी।
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