उत्तर प्रदेश का पहला Private Railway Station कौन-सा है, देखें जवाब

उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जहां रेलवे का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित है। यहां विभिन्न राज्यों से देश के अलग-अलग कोने तक ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जिनमें प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। हाल ही में यूपी के एक रेलवे स्टेशन का निजीकरण हुआ है। कौन-सा है यह रेलवे स्टेशन, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

Jul 31, 2025, 14:18 IST
यूपी का पहला निजी रेलवे स्टेशन
यूपी का पहला निजी रेलवे स्टेशन

उत्तर प्रदेश देश का विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं वाला राज्य है। भारत का यह राज्य देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। विशाल राज्य होने के साथ-साथ यहां लोगों की संख्या व यातायात के साधन भी अधिक हैं।

इस कड़ी में प्रदेश में रेलवे नेटवर्क का भी अधिक विस्तार है। यहां के विभिन्न जिलों से देश के अलग-अलग हिस्सों तक ट्रेनों का संचालन किया जाता है। हाल ही में यूपी का एक रेलवे स्टेशन प्रदेश का पहला निजी रेलवे स्टेशन बना है। कौन-सा है यह रेलवे स्टेशन, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

यूपी में कुल कितने रेलवे स्टेशन हैं

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल कितने रेलवे स्टेशन मौजूद हैं। आपको बता दें कि प्रदेश में 550 से अधिक रेलवे स्टेशन मौजूद हैं। इनमें से 230 से अधिक उत्तर-मध्य रेलवे जोन में आते हैं, जबकि 170 से अधिक  उत्तर-पूर्व रेलवे जोन में मौजूद हैं। प्रदेश में अलग-अलग जोन से कई महत्त्वपूर्ण ट्रेनों का संचालन किया जाता है। 

यूपी का पहला निजी रेलवे स्टेशन 

हाल ही में यूपी को अपना पहला निजी रेलवे स्टेशन मिला है। यह स्टेशन लखनऊ में स्थित गोमती नगर रेलवे स्टेशन बना है। यह यूपी का व्यस्त रेलवे स्टेशन है, जहां 6 प्लेटफॉर्म मौजूद हैं। इस स्टेशन से प्रतिदिन 76 ट्रेनें गुजरती हैं। 

टिकट बिक्री, सुरक्षा और संचालन से समझौता नहीं

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे द्वारा इस स्टेशन पर टिकट बिक्री, सुरक्षा और ट्रेन संचालन की जिम्मेदारी अपने पास रखी है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा, व्यवस्था, सफाई और पार्किंग समेत यात्रियों की अन्य सुविधाओं को निजी कंपनियों के हाथों में जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है। इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय और बेहतर सुविधा मिलने में मदद मिलेगी।

9 साल के लिए मिलेगा लाइसेंस 

भारतीय रेलवे की ओर से स्टेशन का निजीकरण करने के लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण(RLDA) को जिम्मेदारी सौंपी है। प्राधिकरण अलग-अलग कंपनियों से आवेदन आमंत्रित करेगा। इसके बाद तीन साल में विस्तार के साथ कंपनियों को 9 साल के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। कंपनी की ओर से पर्पट लाइसेंस शुल्क का 15 फीसदी आरएलडीए और 85 फीसदी भारतीय रेलवे को दिया जाएगा। 

पीएम ने किया था उद्घाटन

आपको बता दें कि इस रेलवे का स्टेशन पूर्व में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा के देने के लिए रेलवे की ओर से यह पहल की गई है, जिससे स्टेशन पर साफ-सफाई से लेकर अन्य बेहतर सुविधा हो सकेंगी। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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