भारत में हर साल 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भारत 58 वां शिक्षक दिवस मनाएगा।
शिक्षक हमारे जीवन में पुस्तकों और अनुभवों के माध्यम से हमें सिखाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक न केवल हमारा पेशेवर मार्गदर्शन करते हैं बल्कि वे हमारा व्यक्तिगत रूप से भी मार्गदर्शन करते हैं। आइए शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत के कुछ महानतम शिक्षकों पर एक नजर डालते हैं।
Teachers Day 2020: भारत में शिक्षक दिवस की शुरूआत कैसे हुई?
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। उनके जन्मदिन को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में सेवा प्रदान की। राजनीति में आने से पहले उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ाया था।
गौतम बुद्ध
गौतम बुद्ध का जन्म 480 ईसा पूर्व में हुआ था। वे एक दार्शनिक, शिक्षाविद, ध्यानी, आध्यात्मिक शिक्षक और धार्मिक नेता थे जो प्राचीन भारत में रहते थे। वह बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने कर्म को पार कर जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से निजात पा ली थी।
चाणक्य
चाणक्य पहले भारतीय विद्वान थे जो प्रसिद्धि हुए और उन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना गया। उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र पढ़ाया था।
रवींद्रनाथ टैगोर
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को हुआ था। वे एक बंगाली कवि, लेखक, संगीतकार, दार्शनिक और चित्रकार थे। उन्होंने एक ऐसे स्कूल की स्थापना की, जिसने भारत और दुनिया के बीच एक 'कनेक्टिंग थ्रेड' के रूप में काम किया और 'गुरुकुल' की अवधारणा को सुदृढ़ किया।
डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह एक भारतीय एयरोस्पेस वैज्ञानिक थे। 2002 से 2007 तक, उन्होंने भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में सेवा प्रदान की। उन्होंने विभिन्न कॉलेजों जैसे IIT, IIM, BHU आदि में भी पढ़ाया है।
स्वामी दयानंद सरस्वती
स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 को हुआ था। वह एक भारतीय दार्शनिक, सामाजिक नेता और आर्य समाज के संस्थापक थे। 1876 में उन्होंने 'भारतीयों के लिए भारत' का आह्वान किया, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। उन्होंने महिलाओं के लिए समान अधिकारों के प्रचार की दिशा में भी काम किया।
सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को हुआ था। वह एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और कवि थीं। वह भारत की पहली महिला शिक्षक हैं जिन्होंने अपने पति के साथ मिलकर भारत में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें भारतीय नारीवाद की जननी भी माना जाता है।
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में हुआ था। वह एक भारतीय हिंदू भिक्षु थे जो रामकृष्ण मिशन के पीछे थे। उन्होंने देश में गुरुकुल प्रणाली का प्रचार किया, जहाँ शिक्षक और छात्र एक साथ रहते थे।
प्रेमचंद
प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को धनपत राय श्रीवास्तव के रूप में हुआ था। वे अपने कल्पित नाम 'मुंशी प्रेमचंद' से जाने जाते थे। वे एक भारतीय लेखक थे जो अपने आधुनिक हिंदुस्तानी साहित्य के लिए प्रसिद्ध थे। वह स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे।
5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा देने से पहले वह एक प्रोफेसर थे और कई वर्षों तक विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाया था।
5 सितंबर 1962 को उनके छात्रों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया, जिसपर उन्होंने उस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में चिह्नित करने के लिए कहा। तब से आज तक इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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