देश की राजधानी दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग है। यह वह दिन है, जब दिल्ली की करोड़ों जनता दिल्ली की भविष्य की तस्वीर के साथ उम्मीदवारों का भाग्य तय करेगी। वहीं, 8 फरवरी को उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हो जाएगा।
राजनीति से जुड़े विशेषज्ञों की मानें, तो इस बार की चुनावी लड़ाई भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच है। वहीं, कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन पर पकड़ बनाने की कोशिश में है। हालांकि, एक समय था, जब दिल्ली में सिर्फ कांग्रेस का बोलबाला था। इस लेख के माध्यम से हम दिल्ली विधानसभा के पहले चुनाव और एक्सीडेंटल सीएम बनने की पूरी कहानी जानेंगे।
कब हुआ था दिल्ली विधानसभा का चुनाव
दिल्ली विधानसभा के गठन की बात करें, तो साल 1952 में 17 मार्च को भाग-ग राज्य सरकार अधिनियिम-1951 के तहत विधानसभा का गठन किया गया था। गठन के बाद चुनाव का आयोजन हुआ और सरकार बनाई गई, लेकिन 1956 में विधानसभा का उन्मूलन हो गया। वहीं, साल 1966 में विधानसभा की जगह पर मेट्रोपॉलिटन काउंसिल बनाई गई।
इस काउंसिल में 5 मनोनित सदस्य और 56 निर्वाचित सदस्य होते थे।
36 सीटों पर जीती थी कांग्रेस
दिल्ली में पहले विधासनभा चुनाव की बात करें, तो यह साल 1952 में किए गए थे। उस समय दिल्ली में कुल 48 सीटें हुआ करती थीं। वहीं, दिल्ली में सिर्फ कांग्रेस का बोलबाला था और भाजपा का अस्तित्त्व नहीं था। पहला विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमें 521766 मतदाताओं ने वोट किया। वहीं, कुल मतदान में से 52 फीसदी से अधिक मतदान अकेले कांग्रेस को मिले और 48 में से 36 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की।
दिल्ली के एक्सीडेंटल सीएम बनने की कहानी
दिल्ली में भारी सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली थी। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू देशबंधु गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने चाहते थे, लेकिन एक दुर्घटना में उनकी मौत की खबर के बाद कांग्रेस के सामने दुविधा हो गई। ऐसे में नेहरू ने अपनी करीबी चौधरी ब्रह्मप्रकाश को दिल्ली का पहला मुख्यमंत्री बनाया। ऐसे में उन्हें दिल्ली का एक्सीडेंटल सीएम भी कहा जाता है।
सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे चौधरी ब्रह्मप्रकाश
दिल्ली के पहले सीएम चौधरी ब्रह्मप्रकाश अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया था। वहीं, जिस समय वह दिल्ली की मुख्यमंत्री की गद्दी से उतरे, उन्हें सार्वजनिक बसों में सफर करते हुए देखा जा सकता था
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