बिहार भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। प्राचीन समय में यह बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है। ऐसे माना जाता है कि यहां मौजूद बौद्ध मठों(विहार) के कारण राज्य का नाम बिहार पड़ा। आज भी यहां बौद्ध से जुड़े स्थल हैं, जहां बौद्ध धर्म के अनुयायी पहुंचते हैं।
राज्य का समृद्ध इतिहास, संस्कृति और अनूठी परंपराएं इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती हैं। इसके अतिरिक्त, कला से लेकर वास्तुकला में राज्य ने अपनी गहरी छाप छोड़ी है। राज्य का इतिहास हजारों साल पुराना है। हालांकि, इस लेख में हम बिहार राज्य के आधुनिक इतिहास के बारे में जानेंगे, जिसके तहत राज्य के गठन के बारे में पढ़ेंगे।
पहले बंगाल प्रेसीडेंसी का हुआ करता था हिस्सा
बिहार राज्य पहले बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा हुआ करता था। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को यह महसूस होता था कि बंगाल द्वारा उनके अधिकारों और संस्कृति की उपेक्षा हो रही है। इससे एक अलग राज्य के गठन की मांग को बढ़ावा मिला। वहीं, जब दिसंबर, 1911 में दिल्ली दरबार लगा, तो ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने बिहार को अलग राज्य बनाने की घोषणा की। इसके बाद 22 मार्च, 1912 को बंगाल, बिहार और असम कानून अधिनियम के तहत ओडिसा और बिहार को मिलाकर एक नया प्रांत बनाया गया। आपको बता दें कि हर साल 22 मार्च को ही बिहार दिवस का आयोजन किया जाता है।
ओडिसा को लेकर फंसा पेंच
साल 1912 में बिहार और ओडिसा को मिलाकर एक प्रांत अलग हो गया था। हालांकि, अब ओडिसा के लोगों को लगता था कि ओडिया भाषा को उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है। वहीं, ओडिसा की संस्कृति बिहार से अलग था। ओडिसा के लोगों का मानना था कि अलग राज्य बनने से ही उनकी पहचान संरक्षित हो सकेगी। ओडिसा के लोगों द्वारा मांग उठाने के बाद भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत 1 अप्रैल 1936 को ओडिसा बिहार से अलग एक प्रांत बना था।
झारखंड को लेकर उलझा मामला
लंबे समय तक बिहार राज्य अपनी सीमाओं के साथ राज्य बना रहा। हालांकि, राज्य के दक्षिणी हिस्से में आदीवासी आबादी रहा करती थी। वहीं, इस जगह पर कोयला, लोहा व बॉक्साइट जैसे संसाधनों की बहुतायात थी। आदिवासी आबादी ने अपने संरक्षण को देखते हुए अलग राज्य की मांग उठाई। लंबे समय तक बिहार के विभाजन और झारखंड के गठन को लेकर पेंच फसा रहा और कई बड़े आंदोलन व संघर्ष हुए। अंत में 15 नवंबर, 2000 को बिहार का विभाजन हुआ और इसके दक्षिणी हिस्से को अलग कर झारखंड बनाया गया।
ऐसे में आप कह सकते हैं कि वर्तमान का बिहार राज्य कई बार विभाजित हुआ, जिसका सफर 1912 से शुरू हुआ और 2000 में जाकर खत्म हुआ। आज बिहार कुल 94,163 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें कुल 38 जिले आते हैं।
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