कहां और कैसे बनती है वंदे भारत ट्रेन, जानें

Sep 16, 2024, 13:08 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते रविवार को छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है। इसके साथ ही भारत में वंदे भारत ट्रेनों का नेटवर्क भी बढ़ रहा है। वंदे भारत ट्रेन भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जो कि अपनी रफ्तार व सुविधाओं के लिए जानी जाती है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में वंदे भारत ट्रेनें कहां और कैसे तैयार होती हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।  

वंदे भारत ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन

भारत में जब भी प्रीमियम ट्रेनों की बात होती है, तो रफ्तार और सुविधा के नाम पर वंदे भारत ट्रेन का नाम आता है। यह ट्रेन एक तरफ अपनी सुविधाओं के लिए जानी जाती है, तो दूसरी तरफ इसका आकर्षक लुक लोगों को अपनी तरफ खींचता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते रविवार को छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है। इसके साथ भारत में वंदे भारत ट्रेनों का नेटवर्क बढ़ा है। वंदे भारत ट्रेन भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जो कि अपनी रफ्तार व सुविधाओं के लिए जानी जाती है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में वंदे भारत ट्रेनें कहां और कैसे तैयार होती हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।  

कब शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन 

भारत में पहली वंदे भारत ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को चली थी। इस दिन नई दिल्ली से लेकर वाराणसी के बीच वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया गया था, जो कि रेलवे के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई है।  साल 2017 में सिर्फ दो ट्रेनें बनाने के लिए अनुमति मिली थी। 

कहां बनती है वंदे भारत ट्रेन 

वंदे भारत ट्रेन को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री(ICF) में तैयार की जाती है। यह फैक्ट्री ट्रेन  कोच के निर्माण के लिए जानी जाती है, जो कि पैसेंजर कोच को लेकर भारतीय रेलवे की जरूरत को पूरी कर रही है। इस फैक्ट्री की स्थापना 1955 में की गई थी, जो कि वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ी रोल कोच निर्माता है। यह ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी ट्रेन है, जो कि भारत में ही तैयार होती है।

बिना लोकोमोटिव कैसे चलती है वंदे भारत ट्रेन

वंदे भारत ट्रेन में अलग से लोकोमोटिव नहीं जुड़ा होता है, बल्कि ट्रेन में आगे और पीछे लोको पायलट टेलर कोच होता है। इस ट्रेन में कुल 16 कोच होते हैं, जिसमें आठ कोच में ट्रैक्शन मोटर और ट्रांसफॉर्मर को फिट किया जाता है। इन्हीं की मदद से ट्रेन को रफ्तार मिलती है। ऐसे में यह ट्रेन की शुरुआत और अंत में देखने को मिल जाएंंगी। ऐसे में इस ट्रेन में अलग से लोकोमोटिव की आवश्यकता नहीं होती है।  

वंदे भारत ट्रेन से जुड़ी अहम बातें

-वंदे भारत ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। इस ट्रेन में एंटी ब्रेकिंग सिस्टम भी लगा हुआ है, जिससे ट्रेन अधिक रफ्तार में भी संतुलित तरीके से रूक सकती है।

-वंदे भारत के सभी दरवाजें ऑटोमेटिक हैं और यह स्टेशन आने पर खुलते हैं। साथ ही दरवाजें के नीचे एक ऑटोमेटिक फुट रेस्ट की सुविधा है।

-वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों के मनोरंजन के लिए टीवी स्क्रीन भी लगी हुई है।

-ट्रेन में सुरक्षा के लिहाज से GPS, फायर सेंसर और सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। 

-यात्रियों की सीट इंक्लाइनिंग हैं और सभी सीटों के नीचे चार्जिंग प्वाइंट्स हैं।

पढ़ेंः ट्रेन का टिकट खोने या फटने पर क्या करें, यहां पढ़ें

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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