वर्तमान समय में इंटरनेट हम सभी की जरूरत है। आज हमें कुछ भी ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या फिर किसी अपने को वीडियो कॉल करना हो या संदेश भेजना हो, सभी के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ-साथ दिनभर सोशल मीडिया पर स्क्रोल करने के लिए भी हमें इंटरनेट की जरूरत पड़ती है।
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यदि एक दिन भी इंटरनेट को बंद कर दिया जाए, तो जीवन अधूरा सा लगता है। ऐसे में मौजूदा समय में इंटरनेट हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। हालांकि, क्या आपको पता है कि इंटरनेट आखिर कैसे काम करता है और भारत में इंटरनेट कब और कैसे आया और शुरुआत में इसकी कितनी स्पीड हुआ करती थी। इन्हीं सब बातों को जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
कब हुई थी इंटरनेट की शुरुआत
दुनिया में इंटरनेट के शुरुआत की बात करें, तो साल 1969 के करीब इंटरनेट की शुरुआत बताई जाती है। उस समय में अमेरिका के रक्षा विभाग की ओर से एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी को नियुक्त किया गया था और चार कंप्यूटर को आपस में जोड़कर एक नेटवर्क तैयार किया गया था, जिसका काम एक दूसरे के साथ डाटा शेयर करना था। हालांकि, कुछ समय बाद इसमें और भी कंप्यूटर जोड़े गए थे।
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शुरुआत में इंटरनेट का इस्तेमाल अमेरिकी सेनाओं ने अपनी खुफिया जानकारी को विभाग में एक दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए किया था। वहीं, साल 1980 में टीम बर्नर्स ली ने वर्ल्ड वाइड वेब(WWW) पर काम करना शुरू किया और जानकारी शेयर करने के लिए उन्होंने हाइपरटेक्स्ट मेकअप लैंग्वेज यानी कि HTML का निर्माण किया।
भारत में कब पहुंचा इंटरनेट
भारत में इंटरनेट पहुंचने की बात करें, तो साल 1986 में इंटरनेट ने भारत में दस्तक दी थी। उस समय डिपार्मेंट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स ने एजुकेशनल रिसर्च नेटवर्क की स्थापना करके इंटरनेट को स्थापित किया था।
शुरुआत में इसे शोध के काम में लगाया गया था, जिसके तहत इसमें देश के दिग्गज तकनीकी संस्थान आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बंगलुरु, आईआईटी बांबे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर और आईआईटी मद्रास को इसमें जोड़ा गया था। साल 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड में इंटरनेट को आम नागरिकों के बीच पहुंचा दिया था।
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आपको बता दें कि जब भारत में इंटरनेट की शुरुआत हुई, तो उस समय इसकी स्पीड बहुत ज्यादा नहीं हुआ करती थी, बल्कि यह 9.6 किलोबाइट पर सेकंड होती थी। साल 2004 में ब्रॉडबैंड की डाउनलोड स्पीड 256 किलोबाइट पर सेकंड तक हो गई थी।
इसके बाद 3G और 4G जैसे नेटवर्क पर काम शुरू हुआ। साल 2012 में भारत में पहली बार 4G नेटवर्क चला और इसके बाद अब 5G नेटवर्क तक आ गया है।
कैसे काम करता है इंटरनेट
इंटरनेट के काम करने के लिए एक सर्वर रूम की जरूरत होती है, जिसमें सूचनाओं को स्टोर किया जाता है। यह सर्वर रूम 24 घंटे कार्य करते हैं और इन्हें आपस में ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से जोड़ा जाता है।
वहीं, इन ऑप्टिकल फाइबर को महासागरों की गहराई में बिछाया जाता है, जिससे एक देश दूसरे देश से जुड़े होते हैं। वर्तमान समय में इंटरनेट को चलाने के लिए सैटेलाइट की मदद मिली जाती है, जिससे हर व्यक्ति अपने फोन और लैपटॉप में इंटरनेट को आसान और तेजी से चला सके।
महासागरों में डाले गए इन ऑप्टिकल फाइबर की निगरानी भी रखनी होती है, क्योंकि कई बार समुद्री जहाज के कारण इन ऑप्टिकल फाइबर को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में उनके रखरखाव पर भी अधिक ध्यान दिया जाता है। आपको बता दें कि ऑप्टिकल फाइबर केबल की मोटाई इंसान के बल से भी कम होती है।
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