भारत के किस शहर को कहा जाता है ‘तेल का शहर’, जानें

Sep 4, 2023, 11:20 IST

भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी खासियत है। भारत के इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपको अलग-अलग शहर मिलेंगे, जो कि अपनी अलग-अलग खासियत की वजह से देश-दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इन्हीं शहरों में एक शहर ऐसा भी है, जिसे भारत में तेल का शहर भी कहा जाता है। क्या आप जानते हैं कि किस शहर को कहा जाता है तेल का शहर और यह भारत के किस राज्य में है स्थित। यदि नहीं, तो जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।  

भारत में तेल का शहर
भारत में तेल का शहर

भारत में आपने अलग-अलग शहरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। देश के अलग-अलग शहर अपनी-अपनी विशेषताओं की वजह से जाने जाते हैं। यहां आपको अनूठी परंपराएं, संस्कृति, वेशभूषा, जीवनशैली और खान-पान मिल जाएगा, जो कि भारत को विविध भारत बनाने का काम करती हैं।

 

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भारत के प्राचीन और समृद्ध इतिहास में शहरों का महत्वपूर्ण स्थान है। कई शहरों को उनकी विरासत की वजह से भी जाना जाता है। इस बीच कई शहर ऐसे भी हैं, जिन्हें वहां मिलने वाले उत्पादों की वजह से भी जाना जाता है।

क्या आपको पता है कि भारत का एक शहर ऐसा भी है, जिसे तेल का शहर का भी कहा जाता है। कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

किस शहर को कहा जाता है तेल का शहर

भारत में अलग-अलग शहर मौजूद हैं। इन सभी शहरों की अपनी-अपनी खासियत भी है। इन्हीं सब शहरों के बीच एक शहर ऐसा भी है, जिसे भारत में तेल का शहर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि भारत के असम राज्य में स्थित तिनसुकिया जिले में डिगबोई शहर को तेल का शहर भी कहा जाता है।

 

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क्यों कहा जाता है तेल का शहर

अब सवाल यह है कि आखिर इस शहर को ही तेल का शहर क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि यही वह शहर है, जहां पर 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में कच्चे तेल की खोज की गई थी। यही एक ऐसी जगह थी, जहां पहली बार पूरे एशिया में तेल के कुएं के लिए खनन किया गया था।

 

शहर में खोली गई थी पहली तेल रिफाइनरी

भारत के इस शहर में पहली तेल रिफाइनरी खोली गई थी। साल 1901 में ब्रिटिश काल के दौरान यहां पर पहली तेल रिफाइनरी लगी थी, जिससे तेल का उत्पादन किया गया था। आज भी यहां पहुंचने पर कुछ पुराने तेल के कुओं को देखा जा सकता है।

वहीं, इस शहर को ब्रिटिशों ने अच्छी तरह से बसाया भी था। क्योंकि, यहां पर कई ब्रिटिश अधिकारी भी रहा करते थे, ऐसे में यहां आज भी कुछ ब्रिटिश काल के बंगले देखे जा सकते हैं। 

 

 

क्या है यहां पर तेल की कहानी

डिगबोई के नाम को लेकर अलग-अलग कहानियां हैं, जिनमें एक कहानी यह भी है कि पहले यहां पर घना जंंगल हुआ करता था। वहीं, जब यहां पर ब्रिटिश कोयले और काष्ठ के लिए पहुंचे, तो उन्होंने यहां पर कई लोगों के साथ काम शुरू किया।

इस दौरान यहां पर रेलवे लाइन बिछाने का भी काम किया जा रहा था। ऐसे में घने जंगलों में हाथियों की मदद भी ली जा रही थी। इस बीच एक हाथी जंगलों के बीच में से तेल से सने पैरों के बीच निकला, तो यहां काम कर रहे एक व्यक्ति ने डिग-बॉय-डिग यानि खोद लड़के खोद बोला, जिससे संभवतः यहां का नाम डिगबोई पड़ा। हालांकि, इसे लेकर प्रमाण नहीं हैं।

वहीं, दूसरी कहानी यह भी है कि इस जगह का नाम यहां बहने वाली नदी डिहिंग नदी की उपनदी डिगबोई नाला से डिगबोई पड़ा। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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