pH में परिवर्तन का पौधों एवं जंतुओं पर प्रभाव

Dec 27, 2017, 18:21 IST

हमारे दैनिक जीवन की कई गतिविधियों में pH महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यदि किसी घोल में हाइड्रोजन आयनों की एकाग्रता ज्यादा होती है तो उस घोल का pH मान कम होता है. किसी भी घोल का pH यह बताता है कि वह अम्लीय है या नहीं इसलिए, हम यह कह सकते हैं कि पौधों और जंतुओं के अस्तित्व के लिए pH का सही अनुपात में होना महत्वपूर्ण है. इस लेख के माध्यम से यह अध्ययन करेंगे कि pH में परिवर्तन का पौधों एवं जंतुओं पर क्या प्रभाव पढ़ता है.

How Plants and Animals are sensitive to pH Changes
How Plants and Animals are sensitive to pH Changes

1909 में सोरेनसन (Sorenson) ने पीएच स्केल के रूप में जाने वाले पैमाने को तैयार किया जिस पर उन में हाइड्रोजन आयन सांद्रता का उपयोग करके यह बताया जा सकता है कि कोई भी घोल कितना अम्लीय (acidic) है या फिर कितना क्षार (basic) है. उन्होंने एसिड और बेस के घोलों के हाइड्रोजन आयन सांद्रता को पीएच पैमाने पर सरल संख्या 0 से 14 तक जोड़ा. या हम यह कह सकते हैं कि एक घोल के पीएच में हाइड्रोजन आयनों की एकाग्रता व्युत्क्रमानुपाती होती है. मतलब, यदि किसी घोल में हाइड्रोजन आयनों की उच्च एकाग्रता होगी तो उसकी pH वैल्यू कम होगी. जब भी किसी घोल का पीएच मान 7 से कम होता है तो यह अम्लीय होता है और यदि 7 से अधिक तो यह क्षार होता है. अगर किसी घोल का pH 7 हैं तो यह न तो अम्लीय (acidic) और न ही क्षार (base) होगा यानी उदासीन (neytral) होगा.

What is pH scale
Source:www.fondriest.com
इसलिए, हम यह कह सकते हैं कि हमारे दैनिक जीवन की कई गतिविधियों में pH महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हमारी पाचन क्रिया में गैस्ट्रिक रस का pH महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, मुंह में pH दांत क्षय का एक कारण बन सकता है. पर्यावरण में, पौधों और जानवरों पर pH में परिवर्तन होने से प्रभाव पड़ता हैं. दरअसल, बड़ी मात्रा में, पौधों के विकास और जानवरों का अस्तित्व उचित pH शर्तों की उपलब्धता पर निर्भर करता है जो उनके अनुरूप होते हैं.
आइये देखते हैं कि pH में परिवर्तन का पौधों एवं जंतुओं पर क्या प्रभाव पड़ता हैं
A.पौधों का विकास और मिट्टी का pH

Affect of pH on Plants
Source: www.aces.uiuc.edu.com

लाइकेन वातावरण के लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं
क्या आप जानते हैं कि पौधों का सबसे अच्छा विकास तब होता है, जब मिट्टी का pH 7 के करीब होता है. यदि मिट्टी बहुत अम्लीय या बहुत क्षारीय होती है तो पौधें बिल्कुल भी नहीं बढ़ सकते या सही से उनकी वृद्धि नहीं हो सकती हैं. इसलिए, मिट्टी स्वाभाविक रूप से अम्लीय या क्षारीय होनी चाहिए. खेतों में रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी का pH प्रभावित होता है. अम्लीय मिट्टी का pH 4 से कम तक और क्षारीय का लगभग 8.3 तक पहुंच सकता है. pH एकाग्रता को समायोजित करने और पौधों की वृद्धि के लिए या इसे उपयुक्त बनाने के लिए मिट्टी में रसायनिक पदार्थों को जोड़ा जा सकता है.
यदि मिट्टी बहुत अम्लीय है तो इसे क्विक लाइम या कैल्शियम ऑक्साइड(quicklime or calcium oxide), चूना या कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (slaked lime or calcium hydroxide), चाक यानी कैल्शियम कार्बोनेट (chalk i.e. calcium carbonate) जैसी सामग्री के साथ मिलाया जाता है. ये सब क्षारीय होते हैं और इसलिए इसकी अम्लता कम करने के लिए मिट्टी में मौजूद अधिक एसिड के साथ प्रतिक्रिया करते हैं. कभी-कभी यह तब भी हो सकता है जब मिट्टी का pH मान अधिक हो या फिर इसकी क्षारीयता. तब मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को मिलाकर इसकी क्षयकारी को कम किया जा सकता है, अर्थात वह खाद को मिलाया जा सकता है जिसमें अम्लीय पदार्थ होते हैं.
B.जंतुओं में pH परिवर्तन का क्या प्रभाव होगा

Effect of pH on Animals
Source: www.techalive.mtu.edu.com
क्या आप जानते हैं कि pH मनुष्यों सहित जानवरों के अस्तित्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है? हमारा शरीर 7 से 7.8 की एक संकीर्ण pH सीमा के भीतर अच्छी तरह से काम करता है. यदि, किसी कारण से एक व्यक्ति के शरीर में pH में बदलाव हो जाता है, तो कई बीमारियां हो सकती हैं. लेकिन मछली जैसे जलीय जानवर pH परिवर्तन की एक संकीर्ण सीमा के भीतर झील या नदी के पानी में जीवित रह सकते हैं. परन्तु अधिक pH में बदलाव होने से जलीय जीवन को नुक्सान भी पहुच सकता है. उदाहरण के लिए जब बारिश के पानी का pH 5.6 होता है, तब यह अम्लीय वर्षा कहलाती है. बहुत अम्लीय बारिश जलीय जानवरों को जीवित रहने के लिए कठिन साबित होती है और यहां तक कि जलीय जानवरों को मार भी सकती है. उस समय अम्लीय बारिश से आने वाले एसिड को बेअसर करने के लिए कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate) को अम्लीय झील के पानी में छोड़ा जाता है ताकि झील का अम्लीय स्तर कम हो सके और समुद्री जनावर मरने से बच जाए.
इसके अलावा, एसिड अन्य ग्रहों पर भी मौजूद हैं. उदाहरण के लिए, शुक्र ग्रह का वायुमंडल सल्फ्यूरिक एसिड (sulphuric acid) के मोटे सफेद और पीले बादलों से बना होता है. इसलिए, शुक्र ग्रह पर जीवन संभव नहीं है.
इसलिए, उपरोक्त लेख से हमें यह ज्ञात होता है कि पौधों और जंतुओं को जीवित रहने में pH महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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