20th कारगिल विजय दिवस 2019 (ऑपरेशन विजय) के बारे में 7 महत्वपूर्ण तथ्य

Jul 26, 2019, 11:13 IST

20 साल पहले भारत ने कारगिल युद्ध में 26 जुलाई, 1999 को विजय हासिल की थी. इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.   26 जुलाई, 2019 को 20th कारगिल विजय दिवस द्रास कारगिल में मनाया जा रहा है.  आइये इस लेख के माध्यम से कारगिल विजय दिवस के बारे में 7 महत्वपूर्ण तथ्यों को अध्ययन करते हैं.  

7 important facts about Kargil Vijay Diwas
7 important facts about Kargil Vijay Diwas

करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में भारत ने लगभग दो लाख सैनिकों को तैनात किया था जिसमें से 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया और वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे. कारगिल युद्ध 3 मई 1999 को शुरू हुआ था और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ था जिसमें भारत ने विजय हासिल की थी.  इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.

ये ऐसा पहला युद्ध था जो दो महीने तक चला था. पाकिस्तान द्वारा भारत पर किए गए इस हमले को नाकाम करने के लिए भारत ने दो लाख सैनिकों को तैनात किया था और काफी अधिक सैनिक शहीद हुए थे.

कारगिल विजय दिवस के बारे 7महत्वपूर्ण तथ्य

1. कारगिल युद्ध कश्मीर के कारगिल जिले के पहले पोस्ट पर हुआ था. यह शीतकालीन समय था जब पाकिस्तान की सेना ने घुसपैठियों के नाम पर अपने सैनिक भेजे और क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. उनका मुख्य उद्देश्य लद्दाख और कश्मीर के बीच संपर्क को तोड़ना था और भारतीय सीमाओं के बीच तनाव पैदा करना. हम आपको बता दें कि उस वक्त घुसपैठ ऊचाई पर थे जबकि भारतीय डाउनहिल पर और उनके लिए हमला करना आसान था. दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया. पाकिस्तानी सैनिकों ने शुरुआत में नियंत्रण रेखा को पार किया जिसे LOC कहा जाता है और भारत-नियंत्रित क्षेत्र में प्रवेश किया.

2. क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरूआत 3 मई 1999 को की थी जब उसने कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था. जब भारत सरकार को इसकी जानकारी मिली तो ऑपरेशन विजय चलाया गया था.

3. कारगिल इतनी ऊचाई पर है कि सांस लेने में दिक्कत आती है और ठंड इतनी की तापमान तकरीबन -48 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है. इस स्थिति में हमारी साहसी भारतीय सेना ने लगभग 60 दिनों तक युद्ध लड़ा और ऊँची पहाडि़यों की चौकी पर हमला किया जो पाकिस्तानी हमलावरों का प्रभुत्व था. इसलिए कहा जाता है कि "योद्धा पैदा नहीं होते हैं, वे भारतीय सेना में बनते हैं."

Operation vijay Kargil War

Source: www.indiatimes.com

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4. युद्ध के पीछे की कहानी: 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई सैन्य संघर्ष होता रहा. परमाणु परीक्षण के कारण दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया था. फरवरी 1999 में स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए.जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था.

5. लेकिन हुआ क्या कि पाकिस्तान अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा था. क्या आप जानते हैं कि इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था. साथ ही पाकिस्तान का मानना था कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव को पैदा करने से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी. फिर पता चलने पर भारत ने ऑपरेशन विजय पकिस्तान के खिलाफ चलाया था.

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6. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया था. इसके बाद जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला भी किया गया था.

7. इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया. करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए. वहीं तकरीबन 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेट का इस्तेमाल भी किया गया था. लड़ाई के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया. बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यही एक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी.

ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि युद्ध कभी अच्छा नहीं होता है. यह दोनों तरफ एक बड़ा नुकसान का कारण बनता है, हजारों सैनिक शहीद हो जाते हैं. भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसने हमेशा विश्व शांति और कोई युद्ध में विश्वास नहीं किया है. भारतीय सेना ने हमेशा विदेशी सेनाओं से राष्ट्र की रक्षा की है और हर बार मातृभूमि के लिए उनके काम और बलिदान के साथ हमें गर्व महसूस कराया है. ऐसी सेना को सलाम जो हर मुश्किल परिस्थिति में हमारे लिए हमेशा तैयार रहती है और हमारी रक्षा करती है.

तू शहीद हुआ---- तो न जाने कैसे तेरी माँ सोयी होगी?
एक बात तय है ----
तुझे लगने वाली गोली भी सौ बार रोयी होगी।।
शत शत नमन कारगिल
एक- अटल -विजय

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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