भारत अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं व समृद्ध इतिहास के लिए देशभर में जाना जाता है। बीते वर्षों में भारत में शिक्षा का दायरा बढ़ा है और गांव-गांव की गलियों तक शिक्षा का उजियारा फैला है। प्रत्येक घर शिक्षा के महत्त्व से परिचित है। इस कड़ी में प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है और शिक्षा का प्रकाश फैल रहा है।
भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग शिक्षा दर मौजूद है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत का कौन-सा केंद्र शासित प्रदेश सबसे कम पढ़ा-लिखा है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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भारत की कुल साक्षरता दर
सबसे पहले हम भारत की कुल साक्षरता दर के बारे में जान लेते हैं। देश में साक्षरता दर की गणना जनगणना के दौरान की जाती है। वहीं, आखिरी बार जनगणना साल 2011 में की गई थी। प्रत्येक 10 साल में जनगणना की जाती है। ऐसे में इसके बाद साल 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड व अन्य कारणों की वजह से जनगणना नहीं हो सकी।
साल 2011 में हुई जनगणना में भारत की औसत साक्षरता दर 73 फीसदी दर्ज की गई थी। शहरी क्षेत्रोंं में साक्षरता दर का आंकड़ा 87.7 व ग्रामीण इलाकों में यह 73.5 फीसदी था।
सबसे कम साक्षर केंद्र शासित प्रदेश
अब सवाल है कि भारत का सबसे कम साक्षर केंद्र शासित प्रदेस कौन-सा है, तो आपको बता दें कि यह प्रदेश दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव है। साल 2019 में दादरा एवं नगर हवेली को दमन द्वीप से जोड़ा गया, जिसके बाद 26 जनवरी,2020 को वर्तमान का दादरा एवं नगर और दमन एवं दीव सामने आया। यह कुल 603 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जहां कोंकणी, गुजराती और हिंदी भाषा बोली जाती है।
कितनी है साक्षरता दर
अब सवाल है कि आखिर इस केंद्र शासित प्रदेश की कितनी साक्षरता दर है ? आपको बता दें कि साल 2011 में यहां की साक्षरता दर 76.24 दर्ज की गई थी। हालांकि, बीते वर्षों के मुकाबले यह आंकड़ा अधिक था।
2001 में इतनी थी साक्षरता दर
आपको बता दें कि साल 2001 में यहां की साक्षरता दर 57.63 पर्सेंट थी। ऐसे में यहां बीते 10 वर्षों में साक्षरता का आंकड़ बढ़ा है।
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