लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों की घोषणा 4 जून को कर दी गयी. इस बार सात चरणों में पूरे देश में मतदान कराये गए थे. इस चुनाव में कई दिग्गज चुनाव जीते तो वहीं कई बड़े नामों को हार का सामना करना पड़ा. इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 240 सीटें मिली और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. देशभर में NDA गठबंधन को 292 सीटों पर जीत हासिल हुई है. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले I.N.D.I.A ने कुल 234 सीटें जीती, जबकि 18 सीटें अन्य पार्टियों के हिस्से में आई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र में NDA गठबंधन के सरकार बनाने की पूरी उम्मीद है.
बड़े नामों में पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी, रायबरेली से राहुल गांधी, कन्नौज से अखिलेश यादव, लखनऊ से राजनाथ सिंह, मैनपुरी से डिंपल यादव, गौतम बुद्ध नगर से महेश शर्मा और नगीना से चंद्रशेखर ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव में दो ऐसे भी उम्मीदवार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए है जो EVM की काउंटिंग में तो हार गए लेकिन फिर भी उन्होंने चुनाव जीता. चलिये जानते है यह कैसे संभव हुआ.
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EVM काउंटिंग में हारें फिर भी जीते चुनाव:
इस लोकसभा चुनाव में कई बड़े उलटफेर देखने को मिले जहां कुछ उम्मीदवार EVM काउंटिंग में तो जीत गए लेकिन पोस्टल वोटों की काउंटिंग में वे चुनाव हार गए. इस चुनाव में ऐसे ही दो उदाहरण महाराष्ट्र और ओडिशा से देखने को मिले है. बता दें कि पोस्टल वोट ऐसे वोट होते है जो निर्वाचन क्षेत्र से बाहर रहने या ड्यूटी की वजह बूथ तक नहीं पहुंचने पाने वाले लोग मतदाता द्वारा दिया जाता है.
रवींद्र दत्ताराम वाइकर ने किया कमाल:
मुंबई, उत्तर पश्चिम (महाराष्ट्र) लोकसभा सीट से शिवसेना के उम्मीदवार रवींद्र दत्ताराम वाइकर ने एक ऐसी जीत दर्ज की जो चर्चा का विषय बन गयी है. EVM काउंटिंग में उन्हें अपने प्रतिद्वंदी से कम वोट मिले लेकिन पोस्टल वोटों की गिनती के बाद उन्होंने चुनाव जीत लिया. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी शिवसेना (UBT) के अमोल गजानन को मात्र 48 वोटों से हरा दिया. अमोल EVM की काउंटिंग तक आगे चल रहे थे लेकिन पोस्टल वोटिंग की काउंटिंग के बाद वह चुनाव हार गए. हालांकि शिवसेना (UBT) ने परिणाम के फैसले को अदालत में चुनौती देने की बात कही है.
ओडिशा के जाजपुर में भी हुआ ऐसा:
ओडिशा के जाजपुर लोक सभा सीट पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहां बीजेपी उम्मीदवार रवींद्र नारायण बेहेरा ने जीत दर्ज की. बेहेरा को उनके प्रतिद्वंदी बीजू जनता दल की शर्मिष्ठा सेठी की तुलना में 496 वोट कम मिले थे लेकिन पोस्टल वोटों की गिनती के बाद बेहेरा ने चुनाव जीत लिया. बेहेरा को पोस्टल वोटिंग में 5280 मत मिले और वहीं सेठी को 3224 वोट मिले थे.
रवींद्र दत्ताराम वाइकर ने बनाया यह भी रिकॉर्ड:
रवींद्र दत्ताराम वाइकर की जीत इस मायने में भी सबसे अलग है क्योंकि उनकी यह जीत इस लोकसभा चुनाव में सबसे कम अंतर वाली जीत है. उन्होंने मात्र 48 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से आप इस बार के चुनाव के सबसे कम अंतर से जीतने वाले उम्मीदवारों के बारें में जान सकते है.
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क्या होता है पोस्टल वोटिंग:
पोस्टल वोटिंग (डाक मतदान) मतदान का एक तरीका है जिसमें मतदाता को व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होती। इसके तहत मतदाता डाक द्वारा अपना वोट भेज सकता है. मतदाता को सबसे पहले अपने निर्वाचन अधिकारी से पोस्टल बैलट के लिए अनुरोध करना होता है. इसके लिए एक निर्धारित समय सीमा होती है.
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