उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत में आज रात यानि 5 जून को 11:15 पर शुरू होगा और 6 जून को सुबह 2:34 पर ख़त्म होगा। 10 जनवरी को पहले चंद्र ग्रहण के बाद ये इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत समेत एशिया, अफ्रीका और यूरोप में नजर आएगा। इसे स्ट्रॉबेरी मून भी कहा जा रहा है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को लोग बिना किसी विशेष उपकरण के साथ भी देख सकते हैं। अमेरिका में उपच्छाया चंद्र ग्रहण 3:12 बजे ईटी और यूनाइटेड किंगडम में शुरू होगा, यह 8:12 बजे बीएसटी पर शुरू होगा।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण क्या है?
उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य अपूर्ण रूप से संरेखित होते हैं। उनकी अपूर्ण संरेखण के कारण, पृथ्वी सूर्य की किरणों को सीधे चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है। इसमें पृथ्वी का बाहरी आवरण-- पेनम्ब्रा-- चंद्रमा की सतह पर गिरता है।
चंद्र ग्रहण के प्रकार
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण, आंशिक और उपच्छाया। पूर्ण चंद्र ग्रहण में पृथ्वी के भीतरी भाग भूभा (umbra) की छाया चन्द्रमा की सतह पर पड़ती है और इस वजह से मध्य-ग्रहण के समय पर चंद्रमा लाल दिखाई देता है। आंशिक चंद्र ग्रहण में पृथ्वी के भीतरी भाग भूभा (umbra) की छाया चंद्रमा की सतह के एक हिस्से पर पड़ती है। ये हिस्सा धीरे-धीरे बढ़ता जाता है, लेकिन कभी पूर्ण रूप तक नहीं पहुंच पाता है। इस वजह से इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में पृथ्वी के बाहरी भाग चंद्र मालिन्य (Penumbra) की छाया चंद्रमा की सतह पर गिरती है।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण और पूर्णिमा के चांद के बीच अंतर कर पाना मुश्किल है क्योंकि बाकि दोनों ग्रहणों के मुकाबले इस ग्रहण में चांद की सतह काली नहीं पड़ती है, बस कुछ देर के लिए धुंधली हो जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सभी चंद्र ग्रहणों में से लगभग 35% उपच्छाया चंद्र ग्रहण हैं, 30% आंशिक चंद्र ग्रहण हैं और 35% पूर्ण चंद्र ग्रहण हैं। ग्रहण साल में दो बार होता है, यानी हर 173 दिनों बाद। इस साल का पहला ग्रहण जनवरी के महीने में पड़ा था।
भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण कैसे देखें?
भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण 5 जून को रात में 11 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा, रात में 12 बजकर 54 मिनट पर अपने चरम पर होगा और 6 जून को सुबह 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण 3 घंटे और 18 मिनट तक चलेगा। भारत में रहने वाले लोग इसे बिना किसी विशेष उपकरण जैसे टेलीस्कोप की मदद से देख सकते हैं। इस साल 2 चंद्र ग्रहण और लगेंगे-- पहला, जुलाई के महीने में और दूसरा नवंबर के महीने में। ये सभी ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण ही होंगे।
स्ट्रॉबेरी मून क्या है?
उत्तरी ग्रीष्मकालीन (जून से अगस्त) के दौरान स्ट्रॉबेरी की खेती होती, इसलिए स्ट्रॉबेरी मून कहा जाता है। नासा के अनुसार, स्ट्रॉबेरी मून नाम मेन किसान के पंचांग से लिया गया है। 1930 के दशक में, मेन किसान के पंचांग ने पहली बार पूर्ण चंद्रमाओं के लिए भारतीय (मूल अमेरिकी) नाम प्रकाशित किए थे।
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