Jan Suraaj Party: चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने पटना में अपनी नई राजनीतिक पार्टी "जन सुराज पार्टी" का औपचारिक शुभारंभ कर दिया है. इस कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि पार्टी पिछले दो वर्षों से सक्रिय है और हाल ही में उनकी पार्टी को भारत निर्वाचन आयोग से स्वीकृति प्राप्त हुई है.
निर्वाचन आयोग की स्वीकृति के साथ, जन सुराज पार्टी अब आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है. पार्टी का सबसे बड़ा एजेंडा बिहार की शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाना है.
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मनोज भारती बनाये गए अध्यक्ष:
किशोर ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मनोज भारती को नामित किया. मनोज भारती मधुबनी के निवासी हैं, जिन्होंने झारखंड के नेतरहाट स्कूल, आईआईटी कानपुर से शिक्षा प्राप्त की और आईआईटी दिल्ली से एम.टेक की डिग्री हासिल की. इसके साथ ही उन्होंने विदेश सेवा में भी काम किया है. वे यूक्रेन, बेलारूस, तिमोर-लेस्ते और इंडोनेशिया में भारत के राजदूत रह चुके हैं.
पार्टी लांच पर क्या बोले प्रशांत:
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता जताई और अगले दशक में इसे विश्वस्तरीय बनाने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई.
राज्य में शराबबंदी पर टिप्पणी करते हुए किशोर ने कहा कि इससे होने वाले सालाना करीब 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान को शिक्षा सुधार की ओर मोड़ा जा सकता है. "जब शराबबंदी हटा दी जाएगी, तब यह पैसा सड़कों, पानी, बिजली, या नेताओं की सुरक्षा पर नहीं जाएगा. यह केवल बिहार में एक नई शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा," उन्होंने राज्य के भविष्य में निवेश करने की अनिवार्यता पर जोर दिया.
'चरखा' चुनाव चिन्ह पहली पसंद!
बता दें कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इस समय 190 चुनाव चिन्ह मौजूद है, पार्टी जिनमें से कोई एक मांग कर सकती है. ही 'जन सुराज' अपने बैनर पर महात्मा गांधी और उनके चरखे का उपयोग करते आ रहे है, और वें चाहते है कि चरखा उन्हें चुनाव चिन्ह के रूप में मिल जाये लेकिन यह चुनाव आयोग की लिस्ट में नहीं है.
छड़ी या माइक भी हो सकता है चिन्ह:
ऐसे में पार्टी को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध चुनावी चिन्हों में से किसी एक को फाइनल करना होगा. जिनमें छड़, सात किरणों वाली कलम की निब, लैपटॉप, गिफ्ट पैक, लिफाफा दूरबीन, बैट जैसे कई चिन्ह शामिल हैं. ऐसा माना जा रहा है कि छड़ी या माइक पार्टी की पहली पसंद हो सकती है.
सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे:
इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव और राजनयिक पवन वर्मा जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं. किशोर की लॉन्चिंग बिहार भर में उनकी 3,000 किलोमीटर की पदयात्रा की दूसरी वर्षगांठ के साथ हुई.
जुलाई में, किशोर ने एक नई पार्टी बनाने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में कराये जा सकते है.
पार्टी का मुख्य एजेंडा क्या है?
जन सुराज पार्टी का मुख्य एजेंडा बिहार में व्यापक सुधार और विकास पर केंद्रित है, जिसमें शिक्षा, आर्थिक नीतियां और सामाजिक मुद्दे प्रमुख हैं. प्रशांत किशोर ने कुछ मुख्य बिंदुओं को उजागर किया है, जो पार्टी के एजेंडे का हिस्सा हैं:
- शिक्षा में सुधार: पार्टी का सबसे बड़ा एजेंडा बिहार की शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाना है. प्रशांत ने राज्य की शिक्षा में सुधार के लिए अगले दशक में 5 लाख करोड़ रुपये निवेश की बात कही है.
- शराबबंदी की समीक्षा: जन सुराज पार्टी के एजेंडे में शराबबंदी का मुद्दा भी प्रमुख है. प्रशांत ने बिहार में शराबबंदी से होने वाले राजस्व नुकसान (सालाना करीब 20,000 करोड़ रुपये) की ओर ध्यान आकर्षित किया है. उनका प्रस्ताव है कि जब शराबबंदी हटाई जाएगी, तो इस पैसे को शिक्षा सुधार के लिए उपयोग किया जाएगा.
- राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार: अपने एजेंडे के तहत पार्टी बिहार की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए योजनाएं बनाएगी, जो राजस्व बढ़ाने और विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित करने पर केंद्रित होंगी.
- गवर्नेंस में सुधार और पारदर्शिता
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