अधिकतर लोग यह मान लेते हैं कि हर भारतीय नोट पर रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ₹1 का नोट इस नियम से अलग है? दरअसल, ₹1 का नोट भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं, न कि RBI गवर्नर के। यह व्यवस्था भारतीय मुद्रा व्यवस्था की एक अनूठी विशेषता को दर्शाती है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।
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₹1 का नोट कौन जारी करता है और क्यों होता है खास?
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, भारत में ₹2 और उससे ऊपर के सभी करेंसी नोटों को जारी करने का अधिकार RBI के पास है, लेकिन ₹1 का नोट एक अपवाद है। इसे भारत सरकार स्वयं जारी करती है, और इसलिए इस पर RBI के बजाय वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। इस नोट पर 'भारत सरकार' शब्द स्पष्ट रूप से अंकित होते हैं।
₹1 के नोट का ऐतिहासिक संदर्भ
₹1 का नया नोट लंबे समय बाद 5 मार्च 2015 को राजस्थान के श्रीनाथजी मंदिर से तत्कालीन वित्त सचिव राजीव महर्षि द्वारा जारी किया गया था। इसके बाद 7 फरवरी 2020 को एक बार फिर भारत सरकार ने इसे आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित कर फिर से जारी करने का निर्णय लिया।
बाकी करेंसी नोटों पर किसके हस्ताक्षर
₹2 से लेकर ₹2000 तक के सभी नोट भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं और इन पर RBI गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। यही वह विशेष अंतर है जो ₹1 के नोट को बाकी सभी नोटों से अलग बनाता है।
भारत सरकार जहां सिक्कों की ढलाई की पूर्ण जिम्मेदारी संभालती है, वहीं RBI को ₹10,000 तक के नोट छापने की अनुमति है। लेकिन ₹1 का नोट अब भी भारत सरकार की सीधी देखरेख में जारी होता है, जिससे यह बाकी करेंसी से अलग बनता है।
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