उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो यह 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का 7.33 फीसदी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है।
प्रदेश में कई वन्यजीव अभयारण्य मौजूद हैं, जो कि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ जैव विविधता को भी बनाए हुए हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा वन्यजीव अभयारण्य कौन-सा है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश में कुल वन्यजीव अभयारण्य
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश में कुल कितने वन्यजीव अभयारण्य हैं, तो आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 23 वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो कि विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों के घर हैं। प्राकृतिक और वन्यजीव प्रेमी हर साल यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ये अभयारण्य मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा वन्यजीव अभयारण्य
प्रदेश के सबसे छोटे वन्यजीव अभयारण्य के बात करें, तो यह पटना वन्यजीव अभयारण्य है, जो कि एटा जिले में मौजूद है।
कितना छोटा है वन्यजीव अभयारण्य
अब सवाल है कि आखिर पटना वन्यजीव अभयारण्य कितना छोटा है, तो आपको बता दें कि यह सिर्फ एक वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि आगरा-एटा-अलीगढ़ मार्ग पर जलेसर में स्थित है। यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि प्रदेश का जलेसर शहर घंटियों का शहर के रूप में भी जाना जाता है।
किन वन्यजीवों का घर है पटना अभयारण्य
पटना अभयारण्य बेशक सबसे छोटा वन्यजीव अभयारण्य है, हालांकि यह कई वन्यजीवों की प्रजातियों का घर है। उदाहरण के तौर पर यहां पर नीलगाय, जंगली सुअर, तेंदुआ, बंदर, ब्लैकबक, भालू, सियार और लंगूर देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही यहां पर मछली पकड़ने वाली बिल्ली भी देखी जा सकती है।
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