ऐसे पांच मसाले जो दुनिया में प्रसिद्ध हैं?

Jun 12, 2018, 12:00 IST

भारतीय मसाले अपनी उत्कृष्ट सुगंध, बनावट, स्वाद और औषधीय मूल्य के कारण वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक खपत किए जाने वाले मसाले हैं. क्या आप जानते हैं कि भारत को मसालों का घर भी कहां जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि ऐसे कौनसे मसाले हैं जो सम्पूर्ण दुनिया में प्रसिद्ध हैं और भारत उनको सबसे ज्यादा निर्यात करता है.

5 Spices which are famous in the world ?
5 Spices which are famous in the world ?

भारत, मसालों के घर के रूप में जाना जाता है, रोम और चीन की प्राचीन सभ्यताओं के साथ व्यापार का एक लंबा इतिहास रहा है. आज, भारतीय मसाले अपनी उत्कृष्ट सुगंध, बनावट, स्वाद और औषधीय मूल्य के कारण वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक मांग किए जाने वाले मसाले हैं. इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि दुनिया में मसालों के लिए भारत सबसे बड़ा घरेलू बाजार है.

क्या आप जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और मसालों का निर्यातक है. मसालों में वैश्विक व्यापार का आधा हिस्सा भारत है. ISO द्वारा सूचीबद्ध मसालों की 109 किस्मों में से 75 का उत्पादन भारत करता है. आजकल, कार्बनिक मसाला खेती भारत में प्रसिद्ध हो रही है. आइये इस लेख के माध्यम से भारत के 5 ऐसे मसालों के बारे में अध्ययन करते हैं जो पूरी दुनिया में काफी प्रसिद्ध हैं.

स्पाइसेस या मसाला बोर्ड भारत

मसाला बोर्ड का गठन मसाला बोर्ड अधिनियम 1986 के अधीन पूर्ववर्ती इलायची बोर्ड (1968) और मसाला निर्यात संवर्धन परिषद (1960) के विलयन से 26 फरवरी, 1987 को हुआ. मसाला बोर्ड, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन प्रवृत्त पाँच पण्य बोर्डों में से एक है.

मसाला बोर्ड ऑफ इंडिया भारतीय मसालों के विकास और विश्वव्यापी प्रचार के लिए काम करता है. यह गुणवत्ता नियंत्रण और प्रमाणीकरण, पंजीयक निर्यातकों, दस्तावेज़ व्यापार की जानकारी प्रदान करता है और नीतिगत मामलों पर केंद्र सरकार को इनपुट देता है. इसके अलावा यह भारतीय मसालों को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मेलों और खाद्य प्रदर्शनी में भाग लेता है साथ ही घरेलू कार्यक्रम भी आयोजित करता है.

भारत में मसालों का इतिहास और उत्पत्ति

पहले से ही मसालें सांस्कृतिक परंपराओं, संरक्षण, दवा आदि से जुड़े हुए हैं.  ग्रीक और रोमन सभ्यताओं से लगभग 7000 साल पहले, मसालों और वस्त्रों के साथ मेसोपोटामिया, चीन, सुमेरिया, मिस्र और अरब के साथ भारत मसालों का  बाहरी व्यापार के रूप में एक प्रमुख घटक था.

यहां तक कि लौंग का रामायण में उल्लेख भी किया गया है. प्राचीन काल में ऊंटों के कारवां को कालीकट, गोवा और ओरिएंट से नियमित रूप से भेजा जाता था ताकि इन मसालों को कार्थेज, अलेक्जेंड्रिया और रोम जैसे दूरदराज के गंतव्यों तक पहुंचाया जा सके.

7वीं और 15वीं सदी के बीच, अरब व्यापारियों ने पश्चिम में भारतीय मसालों की आपूर्ति की, लेकिन अपने स्रोत को एक करीबी संरक्षित रहस्य के तौर पर रखा.

यूरोपीय लोगों ने मसालों की वास्तविक उत्पत्ति के लिए अपनी खोज में लंबी अवधि में अपने जहाजों को लिया ताकि मसालों को लाया जा सके क्योंकि ये उनके भोजन को स्वादिष्ट बनाते थे

Spices used in the Middle ages
Source: www.worldhistory.us.com

मध्य युग के दौरान, यह कहा गया है कि:

- एक पौंड अदरक, एक भेड़ के बदले मिलता था.

- काली मिर्च की एक बोरी को एक आदमी के जीवन की अवधि के बराबर रखा जाता था.

ये हम जानते हैं कि ISO द्वारा सूचीबद्ध 109 मसालों में से लगभग 75 किस्मों भारत उत्पादन करता है और इसीलिए भारत मसालों का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक भी है.

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ऐसे पांच मसाले जो दुनिया में प्रसिद्ध हैं?

क्या आप जानते हैं कि भारत ने लगभग 13167.89 करोड़ रुपये के 797,145 टन का निर्यात किया.

मसाला बोर्ड के चेयरमैन डॉ ए जयतिलक ने कहा कि मिर्च, जीरा, हल्दी, इलायची, लहसुन और टकसाल उत्पाद वैश्विक बाजारों में गुणवत्ता वाले मसालों की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए सबसे अधिक मांग वाले भारतीय मसालों में से हैं.

अप्रैल-दिसंबर 2017 में मिर्च सबसे ज्यादा निर्यातित मसाला 353,400 टन था, जो पिछले साल की इसी अवधि के दौरान क्रमशः 260,250 टन और 3460.83 करोड़ रुपये था.

जीरा दूसरा सबसे अधिक निर्यातित मसाला है, जिसके वॉल्यूम में 15% की वृद्धि हुई और मूल्य में 19% की. हल्दी, इलायची, लहसुन आदि तीसरे, चौथे और पाँचवें स्थान पर रहें.

1. मिर्च

Red Chilli spice importance
Source: www.thespruceeats.com

- नकदी फसलों में लाल मिर्च भारत में बेहद अहम मानी जाती है. पूरे देश में इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है.

- इसका इस्तेमाल मुख्यतौर पर चटनी और कढ़ी बनाने में किया जाता है.

- इसके अलावा इसका इस्तेमाल सब्जी, मसाले, छौंक लगाने, सॉस और अचार में भी किया जाता है.

- मिर्च में लाल रंग का जिम्मेदार कारक “कैपसेन्थिम’ है.

- मिर्च में तीखापन के लिए कैपसाइसिन नाम का अल्केलॉयड जिम्मेदार है.

- मिर्च से अल्केलॉयड या क्षाराभ को निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल दवाई में किया जाता है.

- भारत में मिर्च के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल हैं.

2. जीरा

Jeera spice importance
Source: www.ebay.in.com

- संस्कृत में इसे जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला मसाला.

- जीरा ऍपियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है.

- यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है.

- इसके प्रत्येक फल में स्थित बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है.

- यह दिखने में सौंफ की तरह होता है.

- अंग्रेज़ी में "क्युमिन" शब्द की उत्पत्ति पुरातन अंग्रेज़ी के शब्द सायमैन या लैटिन भाषा के शब्द क्युमिनम से हुई है.

3.  हल्दी

Turmeric Spice importance
Source: www.sachamoti.in.com

- हल्दी का उपयोग लगभग 4000 साल से ज्यादा एक मसाले के रूप में किया जा रहा है.

- हल्दी को डाई के रूप में भी इस्तेमाल किया गया है.

- आयुर्वेदिक दवाओं में हल्दी का उपयोग किया जाता है.

- भारत में हज़ारों साल से हल्दी का धार्मिक समारोहों में एक प्रमुख स्थान है.

4. इलायची

Cardamom Spice importance
Source: www.myupchar.com

- इलायची पौधा एक शुष्क फल है, जिसको अपने अनोखे सुगंध व स्वाद के कारण अक्सर 'मसालों की रानी' कहा जाता है.

- पुष्प-गुच्छों की प्रकृति के आधार पर इलायची की तीन किस्में हैं: भूशाई पुष्प-गुच्छों वाला मलबार किस्म, ऊर्ध्व पुष्प गुच्छों वाला मैसूर किस्म तथा अर्द्ध-ऊर्ध्व पुष्प-गुच्छों वाला वषुक्का किस्म.

- इलायची की खेती ज्यादातर दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट के सदाबहार जंगलों में की जाती है.

- भारत, मध्य-पूर्वी देशों में इलायची का परम्परागत निर्यातक है, जहाँ इसका अधिकतर उपयोग एक तेज इलायची- कॉफी काढा 'गहवा' बनाने में होता है.

5. लहसुन

Garlic Spice importance
Source: www.garjachhattisgarhnews.com

- लहसुन प्याज कुल की एक प्रजाति है.

- इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवुम एल है.

- पुरातन काल से लहसुन का दोनों, पाक और औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जा रहा है.

- इसकी पत्तियां, तना और फूलों का भी उपभोग किया जाता है.

- आमतौर पर जब वो अपरिपक्व और नर्म होते हैं.

- इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं. जैसे ऐलिसिन, ऐजोइन इत्यादि.

तो ये हैं पांच मसाले जो दुनिया में प्रसिद्ध हैं और भारत इनको निर्यात करता है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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