कौन-सा है भारत का सबसे ऊंचा बांध, जानें

Jun 6, 2023, 12:31 IST

भारत की कई प्रमुख नदियों पर आपको बांध देखने को मिल जाएंगे। इन बांधों का उपयोग सिंचाई, पानी से बनने वाली बिजली और बाढ़ रोकने के लिए किया जाता है। वहीं, इसके अलावा भी इनके कई छोटे-बड़े उपयोग हैं, जिनके लिए बांधों का निर्माण किया जाता है। हालांकि, क्या आपको भारत के सबसे ऊंचे बांध के बारे में जानकारी है। यदि नहीं, तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के सबसे ऊंचे बांध के बारे में बताने जा रहे हैं, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

भारत का सबसे ऊंचा बांध
भारत का सबसे ऊंचा बांध

धरती पर नदियों को प्रकृति का वरदान कहा गया है। वहीं, पुराने समय से ही सभ्यताओं के विकास में नदियों का योगदान रहा है। पीने के पानी के स्त्रोत से लेकर सिंचाई के लिए भी नदियां मददगार हैं। हालांकि, बरसात के समय में नदियों में वर्षा जल बढ़ने के कारण ये उफान पर होती हैं। ऐसे में नदियों के जल का एक कुशल प्रबंधन जरूरी होता है, जिससे बेहतर तरीके से एक सीमित मात्रा में पानी की आपूर्ति हो सके। इसके लिए बांधों का निर्माण किया जाता है, जो कि पानी की सिंचाई के साथ-साथ जल-बिजली उत्पादन क्षमता के लिए भी अधिक महत्वपूर्ण साबित होते हैं। हालांकि, क्या आपको भारत के सबसे ऊंचे बांध के बारे में पता है और यह किस नदी पर बना हुआ है। यदि नहीं, तो इस आर्टिकल के माध्मय से हम इसके बारे में जानेंगे। 

 

कौन-सा है भारत का सबसे ऊंचा बांध 

भारत का सबसे ऊंचा बांध उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में है, जिसे टिहरी बांंध के नाम से जाना जाता है। यह बांध दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई वाले बांधों में 12वें पायदान पर आता है। इसके साथ ही एशिया में इसका स्थान दूसरा है। आपको बता दें कि इस बांध को स्वामी रामतीर्थ बांध के नाम से भी जाना जाता है। 

 

कितना ऊंचा है Tehri Dam

इस बांध की ऊंचाई 260.5 मीटर है व लंबाई 575 मीटर है, जो कि इसे भारत के अन्य बाधों से सबसे ऊंचा बनाती है। सबसे अधिक ऊंचाई होने के कारण कई लोग इस बांध को देखने के लिए पहुंचते हैं। 

 

कहां बना है Tehri Dam

आपको बता दें कि यह बांध हिमालय की दो प्रमुख नदियों के संगम पर बना हुआ है। इसमें एक गंगा की प्रमुख सहायक नदी कही जाने वाली भागीरथी नदी और दूसरी भीलांगना नदी है। इन दो नदियां का जहां पर संगम होता है, वहां पर इस बांध को बनाया गया है। 

 

क्या है बांध का इतिहास 

इस बांध के इतिहास की बात करें, तो इस बांध के निर्माण की जांच 1961 में पूरी हो गई थी। हालांकि, इसकी रूपरेखा पूरा करने का काम साल 1992 में पूरा हो सका। कई कारणों की देरी की वजह से इस बांध का निर्माण साल 2006 में जाकर पूरा हुआ था। 

 

क्या है Tehri Dam जल विद्युत परियोजना

टिहरी जल विद्युत परियोजना के तहत यहां पर तीन ईकाइयों को स्थापित किया गया है, जिसमें टिहरी डैम-1,000 मेगावॉट,  कोटेश्वर जल विद्युत परियोजना-400 मेगावॉट और टिहरी पंप स्टोरेज परियोजना-1000 मेगावॉट शामिल है, यानि वर्तमान में यहां की क्षमता 2400 मेगावॉट है। इसके अलावा भी यहां की क्षमता को बढ़ाने की योजना है। हालांकि, इस बांध का विरोध भी किया जाता रहा है, क्योंकि भूकंप आने की स्थिति में इस बांध के टूटने से अधिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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