एक रात में भूतों ने तैयार किया शिव का यह मंदिर, जानें

भारत विविधताओं का देश है, जहां की संस्कृति और अनूठी परंपराएं इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं। यहां पर हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के प्रति गहरी आस्था है। यही वजह है कि आपको भारत के अमूमन सभी शहरों में मंदिर देखने को मिल जाएंगे। हालांकि, क्या आपको पता है भारत के एक शहर में ऐसा भी मंदिर है, जिसका निर्माण इंसानों ने नहीं, बल्कि भूतों द्वारा किया गया है। दरअसल, मंदिर के निर्माण को लेकर ऐसी मान्यता है। यही वजह है कि इस मंदिर को भूतोंवाला मंदिर कहा जाता है। 

Jul 29, 2023, 12:27 IST
भूतों वाला मंदिर
भूतों वाला मंदिर

भारत में आपने कई मंदिरों के बारे में सुना होगा। हालांकि, क्या आपको पता है भारत के एक जिले में एक ऐसा भी शिव मंदिर है, जिसका निर्माण एक रात में भूतों ने किया था।

दरअसल, कई सदी पुराने इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों की आस्था है कि इस मंदिर का निर्माण भूतों ने किया था। वहीं, जब सूरज निकल गया, तो भूतों ने मंदिर के ऊपरी छोर को छोड़ दिया था, जिसका निर्माण बाद में किया गया।

दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर के निर्माण में कहीं भी सीमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है, जो कि इस मंदिर की खूबी को और बढ़ाने का काम करता है। इस लेख के माध्यम से हम भारत के इस अनूठे मंदिर के बारे में जानेंगे। 

 

भारत के किस जिले में स्थित है यह मंदिर

शिव का यह मंदिर भूतोवाला मंदिर नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोग इसे इसी नाम से बुलाते हैं। यह मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ जिले में दतियाना गांव में स्थित है। यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। 

 

मंदिर को लेकर क्या है मान्यता 

मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों में गहरी आस्था है। टाइम ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों में यह मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण एक रात में भूतों ने किया था।

खास बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण लाल ईटों से किया गया है, जिन्हें आपस में जोड़ने के लिए सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। लोगों की मंदिर को लेकर गहरी आस्था है, और उनका कहना है कि इस वजह से उनके गांव में किसी भी प्रकार की कोई आपदा नहीं आती है। 

 

मंदिर से बाद में हुआ है शिखर का निर्माण

इस मंदिर के शिखर का निर्माण बाद में किया गया था। लोगों की मान्यता के मुताबिक, मंदिर के निर्माण के समय इसके शिखर का निर्माण नहीं हो सका था।

क्योंकि, उस समय सुबह होने की वजह से इसका निर्माण कार्य रूक गया था। ऐसे में बाद में इस शिखर का निर्माण किया गया है। 

 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मंदिरों के निर्माण को लेकर विशेषज्ञों की भी अपनी राय है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोदीनगर स्थित एक कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा के मुताबिक, मंदिर के निर्माण को लेकर यह जानकारी नहीं है कि किसने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

हालांकि, मंदिर की वास्तुकला तीसरी सदी की लगती है। इस समय भारत में गुप्त काल था और इस समय ईटों के मंदिर चलन में थे।

इस मंदिर का निर्माण कई सालों में हुआ, ऐसे में हो सकता है कि इस मंदिर का शिखर व बाकी हिस्सा न मिलता हो। हालांकि, इस मंदिर की नींव में जिस तरह का काम किया गया है, वह गुप्त काल की थी। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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