हीमोफीलिया रोग क्या है और कितने प्रकार का होता है?

Apr 17, 2018, 16:29 IST

हीमोफीलिया खून के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करने वाला एक आनुवंशिक रोग है और प्रति वर्ष 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने और सही उपचार प्रदान कराने के लिए मनाया जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि हीमोफीलिया कैसी बीमारी है, कितने प्रकार की होती है, इसे नियंत्रित किया जा सकता है या नहीं, इसके क्या-क्या लक्षण हैं आदि.

What is Hemophilia Disease, its types and symptoms?
What is Hemophilia Disease, its types and symptoms?

हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है यानी यह बीमारी माता-पिता से बच्चे में भी हो सकती है. आमतौर पर यह बीमारी पुरुषों में अधिक पाई जाती है. गुणसूत्र (क्रोमोसोम) इस बीमारी के वाहक यानी बीमारी को आगे भेजने वाले होते हैं.

इस बीमारी से ग्रसित लोगों में रक्त का थक्का नहीं बनता है. इन मरीजों के रक्त में प्रोटीन की कमी होती है जिसे क्लौटिंग फैक्टर (clotting factor) भी कहते है.

यह प्रोटीन फैक्टर रक्त में थक्का जमा कर उसका बहना रोक देता है.रक्तस्राव अधिक हो तो जानलेवा हो सकता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि हीमोफीलिया कैसी बीमारी है, कितने प्रकार की होती है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है या नहीं.
हीमोफीलिया रोग कितने प्रकार का होता है
मुख्यतौर पर हीमोफीलिया रोग दो प्रकार का होता है. हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी.
हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती है.

हीमोफीलिया बी में फैक्टर 9 की कमी होती है.यानी रक्त का थक्का या क्लॉट जमाने के लिए आवश्यक तत्व को फैक्टर कहा जाता है

जो कि एक थक्केदार प्रोटीन है.
हीमोफीलिया ए (Hemophilia A) और हीमोफीलिया बी (Hemophilia B)
हेमोफिलिया ए एक ऐसा आनुवंशिक विकार है जो फैक्टर 8 प्रोटीन की कमी के कारण होता है और हीमोफीलिया बी, फैक्टर 9 की कमी से होता है. लगभग एक तिहाई मामलों में यह सहज-आनुवंशिक उत्परिवर्तन (spontaneous genetic mutation) के कारण होता है.  रक्त विकार सभी जातीय समूहों को समान रूप से प्रभावित करता है. हीमोफीलिया ए और बी एक्स गुणसूत्र या X क्रोमोसोम द्वारा होता है. ये हम सब जानते हैं कि महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते है परन्तु पुरुषों में दो अलग-अलग प्रकार के X और Y क्रोमोसोम होते हैं. पुरुषों में X क्रोमोसोम महिला से और Y क्रोमोसोम पिता से आता है. इन्हीं क्रोमोसोम से बच्चे का लिंग निर्धारित होता है. क्रोमोसोम में ही हीमोफीलिया पैदा करने वाले जीन्स होते हैं. महिलाएं इस रोग की वाहक होती हैं. यानी बेटे में X क्रोमोसोम माँ से मिलता और यदि X क्रोमोसोम हीमोफीलिया से ग्रसित हो तो बेटे को हीमोफीलिया हो जाएगा. परन्तु बेटी में एक X क्रोमोसोम माँ से मिलता है

और यदि वो हीमोफीलिया से ग्रसित हो लेकिन पिता से आने वाला X क्रोमोसोम हीमोफीलिया से ग्रसित नहीं हो तो बेटी में यह बिमारी नहीं होगी. पिता से बच्चों में हीमोफीलिया अधिकतर नहीं होती है.हीमोफीलिया ए और बी वाले लोगों में अक्सर, अन्य लोगों की तुलना में लंबे समय तक रक्तस्राव होता है.

रक्तस्राव या ब्लीड आंतरिक रूप से जोड़ों और मांसपेशियों में या मामूली कट लगने से, दंत चिकित्सा प्रक्रियाओं या आघात हो जाने से हो सकता है. कितनी बार एक व्यक्ति को रक्तस्राव होता है और रक्तस्रावों की गंभीरता प्लाज्मा में कितना फैक्टर 8 या 9 के होने  पर निर्भर करती है.

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हीमोफीलिया सी (Hemophilia C)
हीमोफीलिया सी भी एक अनुवांशिक विकार है जो फैक्टर 11 क्लोटिंग प्रोटीन के कारण होता है. इस रोग को पहली बार 1953 में उन रोगियों में पहचाना गया था जिनके दांत निकलने पर गंभीर खून बह रहा था. सामान्य जनसंख्या में हर 100,000 लोगों में हीमोफीलिया सी की बिमारी पाई जाती है.इसका कारण यह है कि फैक्टर 11

की कमी एक आटोसॉमल अप्रभावी अनुवांशिक पैटर्न (autosomal recessive pattern) से होती है, जिसका अर्थ है कि माता-पिता दोनों में ऐसा जीन होगा जो बच्चे में इस बिमारी को पैदा करेगा जो कि हीमोफीलिया ए और बी के विपरीत है.

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हीमोफीलिया बीमारी के लक्षण
इस बिमारी के लक्षण इस प्रकार हैं:
- शरीर में नीले निशान बन जाते हैं.
- आंख के अंदर खून का निकलना और नाक से अचानक खून का बहना.
- जोड़ों में सूजन आना और रक्तस्राव होना.
-  ऐंठन का होना.
- अचानक कमजोरी आना और चलने में तकलीफ होना.
- मस्तिष्क में रक्तस्राव का होना.
- किसी जख्म से खून कुछ देर के लिए बंद होने के बाद दोबारा बहने लगना.
- मुंह के भीतर कटने या दांत उखड़ने की वजह से रक्त का बहना.
विश्व हीमोफीलिया दिवस
1989 में हीमोफीलिया बिमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सम्पूर्ण विश्व में विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत की गई. क्या आप जानते हैं कि वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिन के उपलक्ष में 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है.

वर्ष 2018 में विश्व हीमोफीलिया दिवस का विषय “सबका उपचार : सबका लक्ष्य” है. हीमोफीलिया खून के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करने वाला एक आनुवंशिक रोग है. यह खून बहने वाले विकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है.

अर्थात हीमोफीलिया खून के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करने वाला एक आनुवंशिक रोग है और प्रति वर्ष 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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