आपने कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर अभिनेत्री कंगना रनौत का अपनी निर्देशित फिल्म "इमरजेंसी" का टीजर देखा होगा, जिसमें वह पीएम इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। यह कहानी राष्ट्रीय आपातकाल पर आधारित है, जो 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान घोषित किया गया था।
राष्ट्रीय आपातकाल क्या है ? राष्ट्रीय आपातकाल कब घोषित किया जा सकता है ? इन सभी सवालों के जवाब हम इस लेख में जानेंगे।
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क्या होता है राष्ट्रीय आपातकाल
राष्ट्रीय आपातकाल एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लग जाता है और अन्य कई स्वतंत्रताएं प्रतिबंधित हो जाती हैं। राष्ट्रीय आपातकाल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आता है।
कब घोषित होता है राष्ट्रीय आपातकाल ?
राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा तब की जाती है, जब देश की सुरक्षा को कोई खतरा हो और ऐसा खतरा युद्ध, बाहरी आक्रमण या आंतरिक गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हो।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति उपरोक्त कारकों के आधार पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
भारत में राष्ट्रीय आपातकाल
भारत के नागरिकों ने बीते वर्षों के दौरान राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के तीन उदाहरण देखे हैं।
1962 - भारत-चीन युद्ध के दौरान
1971 - भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान
1975 - इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान
हम यहां 1975 के राष्ट्रीय आपातकाल पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1975 का राष्ट्रीय आपातकाल
यह 1975 के राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान भारत में देखी गई राजनीतिक अशांति का सबसे लंबा चरण था।
आपातकाल की अवधि 25 जून 1975 की आधी रात से शुरू होकर 21 मार्च 1977 को इसकी वापसी तक लगभग 21 महीने तक चली थी।
राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 को लागू करके और देश में आंतरिक गड़बड़ी को आपातकाल घोषित करने का एकमात्र कारण बताते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की थी।
इस दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध के साथ-साथ प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई थी।
सरकार के फैसले का विरोध करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया था। बताया जाता है कि उस दौरान करीब 1 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
संसद में बहुमत रखने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा की थी।
इस घटना को भारत में लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक माना जाता है।
आपातकाल के बाद प्रभाव
21 मार्च 1977 को आपातकाल हटने के बाद देश में नए चुनाव हुए, जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस की हार हुई और जनता दल के मोरारजी देसाई भारत के नए प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए।
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