अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है और इसे पेश करने की क्या प्रक्रिया है?

Sep 7, 2018, 17:28 IST

अविश्वास प्रस्ताव एक संसदीय प्रस्ताव है, जिसे विपक्ष द्वारा लोकसभा में केंद्र सरकार को गिराने या कमजोर करने के लिए रखा जाता है. यह प्रस्ताव संसदीय मतदान द्वारा पारित या अस्वीकार किया जाता है. अब तक 26 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है.

Indian Parliament
Indian Parliament

जुलाई 2018 में भारत की संसद में मानसून सत्र चल रहा है और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने वर्तमान NDA सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है. 20 जुलाई 2018 को विपक्ष द्वारा लाया जाने वाला कुल 27वां अविश्वास प्रस्ताव होगा जबकि मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 में कहा गया है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति जिम्मेदार होती है. इसका मतलब है कि मंत्रिपरिषद तभी तक सत्ता में रहती है जब तक कि उसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त है.

अविश्वास प्रस्ताव का क्या मतलब होता है?
किसी भी सरकार को सत्ता में बने रहने के लिए लोक सभा में बहुमत की जरूरत होती है. यदि किसी सरकार के पास लोक सभा में बने रहने के लिए जरूरी बहुमत नहीं है तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफ़ा देना पड़ता है.

div id="jj_vm_body">&nbdp;

किचन कैबिनेट किसे कहते हैं?

अविश्वास प्रस्ताव एक संसदीय प्रस्ताव है, जिसे विपक्ष द्वारा संसद में केंद्र सरकार को गिराने या कमजोर करने के लिए रखा जाता है. यह प्रस्ताव संसदीय मतदान द्वारा पारित या अस्वीकार किया जाता है.

ध्यान रहे कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सांसदों को इसके लिए कोई वजह‍ बताने की आवश्यकता नहीं होती है.

लोक सभा की प्रक्रिया और संचालन से जुड़े नियमों की नियम संख्या 198 अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया के बारे में बताता है.

दिल्ली के उप-राज्यपाल की क्या शक्तियां हैं?

अविश्वास प्रस्ताव लाने की क्या प्रक्रिया इस प्रकार है?

स्टेप 1. अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सांसद को इसे सुबह 10 बजे से पहले लिखित रूप में पेश करना होता है. इसके बाद स्पी्कर इसे सदन में पढ़ता है.

स्टेप 2. लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार करता है जब उस पर लोक सभा के कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर हों.

स्टेप 3. लोकसभा अध्यक्ष, प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद प्रस्ता व पर चर्चा के लिए तारीख का ऐलान करता है.

स्टेप 4. लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद, प्रस्ताव पेश करने के 10 दिनों के अदंर इस पर चर्चा जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर प्रस्ताव फेल हो जाता है.

स्टेप 5. चर्चा के बाद स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग कराता है.

स्टेप 6. अविश्वास प्रस्ताव के जरिए वर्तमान सरकार लोकसभा सांसदों के बहुमत को साबित करती है.

स्टेप 7. यदि सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफ़ा देना पड़ता है.

स्टेप 8. यदि सरकार विश्वांस मत हार जाती है तो आमतौर पर दो स्थितियां बनती हैं:
i. सरकार इस्तीफा दे देती है और दूसरी पार्टी या गठबंधन सरकार बनाने का दावा करती है.
ii. लोकसभा भंग कर चुनाव भी कराए जा सकते हैं.

अविश्वास प्रस्ताव के बारे में 4 अहम् बातें;
1. अविश्वास प्रस्ताव को सिर्फ लोक सभा में ही लाया जा सकता है, क्योंकि मंत्रिपरिषद सिर्फ लोक सभा के प्रति जिम्मेदार होती है.

2. प्रस्ताव के समर्थन में 50 सदस्यों की सहमती जरूरी होती है. हालाँकि इसे सदन के किसी भी सदस्य द्वारा लाया जा सकता है.

3. यह पूरी मंत्रिपरिषद के विरुद्ध लाया जाता है.

4. यदि प्रस्ताव यह लोकसभा में पारित हो जाये तो पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफ़ा देना पड़ता है.

कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं
अब तक लोक सभा में 26 बार अविश्वास प्रस्ताव रखे जा चुके हैं.

लोक सभा में सबसे पहला अविश्वास प्रस्ताव अगस्त 1963 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार के खिलाफ जे बी कृपलानी ने पेश किया था. लेकिन विपक्ष सरकार गिराने में नाकाम हो गया था क्योंकि इस प्रस्ताव के पक्ष में केवल 62 वोट पड़े और विरोध में 347 वोट. वर्ष 1978 में लाये गए अविश्वास प्रस्ताव ने मोरारजी देसाई सरकार को गिरा दिया था.

ज्ञातव्य है कि अब तक सबसे ज्यादा 4 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का रिकॉर्ड माकपा सांसद ज्योतिर्मय बसु के नाम है. उन्होंने अपने चारों प्रस्ताव इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ रखे थे.
सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाली भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हैं. इंदिरा गांधी के खिलाफ 15 अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गये थे. इसके अलावा पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव और लाल बहादुर शास्त्री की सरकारों ने तीन-तीन बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया था.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार इंदिरा गाँधी और दूसरी बार पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. और संयोग की बात है कि अटल जी के खिलाफ भी दो बार (1996, 1998) ही अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था और वे दोनों बार हार गये थे.

कांग्रेस द्वारा 20 जुलाई 2018 को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव केवल 126 सदस्यों द्वारा सपोर्ट किया गया जबकि 325 सांसदों ने इसका विरोध किया है. इस प्रकार मोदी सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है और सरकार को कोई खतरा नहीं है.

उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश को हटाने की क्या प्रक्रिया है?

जानें क्यों जम्मू & कश्मीर में ही राज्यपाल शासन लगाया जाता है?

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News