पॉलीमर और प्लास्टिक में क्या अंतर है

Apr 5, 2018, 17:18 IST

प्लास्टिक ऐसे पदार्थों का समूह है जो आसानी से मोड़ा जा सकता है तथा उन्हें किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. दूसरी तरफ बहुलकीकरण (polymerisation) प्रक्रम के फलस्वरूप बने उच्च अणु भार के यौगिक को बहुलक (polymer) कहते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि प्लास्टिक एक प्रकार का पॉलीमर होता है या नहीं, इन दोनों के बीच में क्या अंतर होता है.

Is there any difference between plastic and polymer?
Is there any difference between plastic and polymer?

वह प्रक्रम जिसमें बड़ी संख्या में सरल अणु एक-दूसरे से संयोग करके उच्च अणु भार का एक ब्रहत अणु (large molecule) बनाते हैं, बहुलकीकरण (polymerisation) कहलाता है तथा इस प्रक्रम के फलस्वरूप बने उच्च अणु भार के यौगिक को बहुलक (polymer) कहते हैं. जिन सरल अणुओं के संयोजन से बहुलक बनता है एकलक (monomers) कहलाते हैं.
समान प्रकार के एकलक अणुओं से बने बहुलक समबहुलक (homopolymers) तथा भिन्न प्रकार के एकलक अणुओं से बने बहुलक सहबहुलक (copolymer) कहलाते हैं.
एकलकों (monomers) से बहुलकों (polymers) की रचना योग बहुलकीकरण (addition polymerisation) या संघनन बहुलकीकरण (condensation polymerisation) द्वारा होती है. योग बहुलकीकरण में एकलक एक-दूसरे से जुड़कर श्रंखलाएं बनाते हैं. संघनन बहुलकीकरण में एकलक अणुओं का एक-दूसरे से संयोग होने पर जल या अन्य सरल अणुओं का विलोपन (elimination) होता है.
प्राकृतिक वातावरण में मौजूद बहुत अधिक पॉलिमर हैं और वे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. विभिन्न प्रयोजनों के लिए संश्लेषित पॉलिमर (synthetic polymer) व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. पॉलिथिलीन (Polyethylene), पॉलीप्रोपाइलीन (polypropylene), पीवीसी (PVC), नायलॉन (nylon), और बैकलेइट (Bakelite) कुछ सिंथेटिक पॉलिमर हैं. आइये इनके बारे में अध्ययन करते हैं.
संश्लेषित रेशे (Synthetic Fibres): संश्लेषित रेशों का निर्माण कार्बनिक यौगिकों के बहुलकीकरण द्वारा किया जाता है. इन रेशों का उपयोग विभिन्न प्रकार की क्रत्रिम वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है. संश्लेषित रेशे का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें कौन-सा अभिलक्षकीय ग्रुप जुड़ा है. सेल्यूलोज प्राक्रतिक रूप में उपलब्द बहुलक का उदाहरण है. रूई तथा जूट प्राक्रतिक रेशें हैं, जो सेलुलोस से बने होते हैं. प्लास्टिक का रेशा कृत्रिम रेशे का उदाहरण है.

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रेयॉन (Rayon): रेयॉन का रेशा रसायनिक रूप में रूई के रेशे के समान ही  होता है; पर इसमें रेशम की जैसी चमक होती है. मूल रूप से यह रेशा नवीकरणीय स्रोत सेल्यूलोज से बना है, इसलिए इस रेशे को नवीनीक्रत रेशा भी कहा जाता है. रेयॉन का उपयोग कपड़े, टायर, कालीन तथा शल्य चिकित्सा संबंधी पट्टियां बनाने में होता है.
नायलॉन (Nylon): नायलॉन एक थर्मोंप्लास्टिक है जो एडिपिक अम्ल और हेक्सामेथिलीन डाइएमाइन के योग के बहुलकीकरण द्वारा बनाया जाता है. वास्तव में नायलॉन पहला पूर्ण मानव निर्मित संश्लेषित रेशा था. नायलॉन के अवयव प्राक्रतिक रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं. नायलॉन का उपयोग मशीनों के पुर्जे बनाने हेतु प्लास्टिक के रूप में किया जाता है.
पॉलिएस्टर (Polyester): यह एस्टर का बहुलक होता है. एस्टर का निर्माण दो हाइड्रोक्सिल ग्रुप युक्त कार्बनिक यौगिक की अभिक्रिया दो कर्बोक्सिलिक ग्रुप युक्त कार्बनिक यौगिक के कराने से होता है. पॉलिएस्टर रेशे बहुत कम पानी सोखते हैं, इसलिए जल्दी सूख जाते हैं. इस रेशे पर स्पष्ट क्रीज लाइन बहुत जल्दी बन जाती है. इसका उपयोग साड़ियां, ड्रेस मटेरियल तथा पर्दा बनाने के लिए किया जाता है.

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आइये प्लास्टिक (Plastic) के बारे में अध्ययन करते हैं
प्लास्टिक ऐसे पदार्थों का समूह है जो आसानी से मोड़ा जा सकता है तथा उन्हें किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. पॉलिएमाइड तथा पॉलिएस्टर प्लास्टिक के उदाहरण हैं. प्लास्टिक भी बहुलक (polymer) है, जिसमें एक बड़ा आणविक द्रव्यमान होता है. प्लास्टिक के मोनोमर प्राकृतिक या कृत्रिम हो सकते हैं. प्लास्टिक पेट्रोकेमिकल्स से संश्लेषित किया जाता है. पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) तथा पॉलीसटारीन थर्मोप्लास्टिक हैं जो गर्म करने पर आसानी से पिघल जाते हैं. कई ऐसे प्लास्टिक हैं जो एक बार गर्म करने पर तो मुलायम हो जाते हैं पर दुबारा गर्म करने पर मुलायम नहीं होते. इन्हें ताप दृढ़ प्लास्टिक (thermosetting plastic) कहते हैं. जैसे बैकेलाइट तथा मैलामाइन.
प्लास्टिक रसायनों के लिए बहुत प्रतिरोधी हो सकता है, और वे थर्मल और इलेक्ट्रिक इन्सुलेटर हैं. विभिन्न प्लास्टिक की अलग-अलग प्रचंडता हैं, लेकिन ये हल्के होते हैं. प्लास्टिक संक्षेपण (condensation), अतिरिक्त प्रतिक्रियाओं (addition reactions) द्वारा उत्पादित किया जा सकता है. संश्लेषण प्रक्रिया में बहुलकों की चैन के बीच क्रॉस लिंकिंग संभव है. जैसे पॉलीइथाइलीन का उत्पादन मोनोमर एथिलीन की एक अतिरिक्त प्रतिक्रिया द्वारा किया जाता है.
प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता है इस कारण से यह वर्तमान में एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दा बन गया है. हमारे कूड़े में प्लास्टिक की काफी मात्रा होती हैं; इसलिए, यह पृथ्वी की सतह पर बढ़ती जा रही है. इस समस्या ने शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है, और पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक संश्लेषित किया जा रहा है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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