जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए बॉर्डर, वीजा व सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर दिया है। सिंधु नदी भारत और पाकिस्तान में बहने वाली प्रमुख नदी है। ऐसे में यह नदी एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। इस लेख में हम जानेंगे कि सिंधु नदी कहां से निकलती है और इसका पूरा रूट क्या है।
क्या है सिंधु जल समझौता
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि सिंधु जल समझौता क्या है। सिंधु जल समझौता, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से किया गया एक जल-बंटवारा समझौता है। इस समझौते के तहत, सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों के पानी का बंटवारा किया गया है।
इसमें पूर्वी नदियों में शामिल रावी, ब्यास और सतलुज नदी के पानी को भारत को आवंटित किया गया है। वहीं, पश्चिमी नदियों में शामिल सिंधु, झेलम और चिनाब नदी के पानी को पाकिस्तान को आवंटित किया गया है। समझौते के तहत यह तय किया गया था कि भारत पश्चिमी नदियों के पानी का सीमित उपयोग कर सकता है। इसके तहत सिंचाई और बिजली उत्पादन जैसे गैर-उपभोग्य उद्देश्यों को पूरा किया जा सकता है।
कहां से निकलती है सिंधु नदी
सिंधु नदी के उद्गम की बात करें, तो, यह तिब्बत (चीन) में कैलाश पर्वत श्रृंखला के उत्तरी ढलानों में मानसरोवर झील के पास स्थित बोखर चू नामक ग्लेशियर के निकट माना जाता है। तिब्बत में स्थानीय लोग इसे 'सिंगी खंबन' या 'शेर का मुख' के नाम से भी जानते हैं।
भारत में कहां से प्रवेश करती है सिंधु नदी
सिंधु नदी तिब्बत से अपनी यात्रा पूरी करने के बाद उत्तर-पश्चिम दिशा में बहती हुई भारत के लद्दाख क्षेत्र में प्रवेश करती है। यह लद्दाख सीमा को पार करते हुए जम्मू-कश्मीर में गिलगित के पास एक गोर्ज का निर्माण करते हुए दार्दिस्तान क्षेत्र में चिल्लर के पास पाकिस्तान में प्रवेश करती है।
कितनी है सिंधु नदी की कुल लंबाई
सिंधु नदी की कुल लंबाई की बात करें, तो यह कुल 2880 किलोमीटर लंबी है। इसमें से 1114 किलोमीटर की यात्रा यह भारत में पूरी करती है। वहीं, पूरी सिंधु नदी प्रणाली की बात करें, तो यह 11,65,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की यात्रा करती है। इसमें से 3,21,000 के अधिक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में यह भारत में यात्रा करती है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेःं किस शहर को बोला जाता है ‘उत्तर भारत का फलों का कटोरा’, जानें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation