उत्तर-पश्चिम भारत में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें हरियाणा राज्य का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। हरियाणा भारत का विविध संस्कृति और समृद्ध व गौरवशाली इतिहास से परिपूर्ण राज्य है। यहां के प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता है।
आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि हरियाणा के किस जिले को सोने का शहर भी कहा जाता है, कौन-सा है यह शहर और क्या है इसके नाम के पीछे की कहानी, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
कब बना हरियाणा राज्य
हरियाणा राज्य का गठन 1 नवंबर, 1966 को भारत के 17वें राज्य के रूप में पंजाब से अलग कर किया गया था। भारत का यह राज्य कुल 44,212 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का करीब 1.5 फीसदी है।
हरियाणा का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला
हरियाणा के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह सिरसा है, जो कि 4276 वर्ग किलोमीटर में है। वहीं, सबसे छोटा जिला फरीदाबाद है, जो कि 742.9 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह जिला आबादी के हिसाब से भी सबसे छोटा जिला है।
हरियाणा के चार दिशाओं के चार जिले
हरियाणा के चार दिशाओं के चार जिलों की बात करें, तो सबसे पूर्वी जिला यमुनानगर है। वहीं, सबसे उत्तरी जिला पंचकूला है, तो सबसे पश्चिमी सिरसा है और सबसे दक्षिणी जिला नूंह है।
हरियाणा की कुल साक्षरता दर
साल 2011 में हरियाणा की कुल साक्षरता दर 75.5 फीसदी दर्ज की गई थी। यहां सबसे साक्षर जिला गुरुग्राम है, तो सबसे कम साक्षर जिला नूंह है।
किस जिले को कहा जाता है सोने का शहर
अब सवाल है कि हरियाणा के किस जिले को सोने का शहर कहा जाता है, तो आपको बता दें कि राज्य के सोनीपत जिले को सोने का शहर कहा जाता है। यह शब्द संस्कृत के शब्द सुवर्णप्रस्थ से लिया गया है, जिसका अर्थ सोना का स्थान होता है। लोक मान्यताओं के मुताबिक, सोनीपत वह स्थान है, जिसे महाभारत में युद्धिष्ठिर ने दुर्योधन से मांगा था।
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