उत्तर प्रदेश के किस जिले का आनंद भवन से है संबंध, जानें

May 31, 2024, 12:07 IST

उत्तर प्रदेश भारत में विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं वाला राज्य है। भारत का यह राज्य देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ-साथ सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले का संबंध आनंद भवन से है और इस भवन का क्या महत्त्व है। यदि आप इस संबंध में नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

यूपी में आनंद भवन वाला जिला
यूपी में आनंद भवन वाला जिला

उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें, तो यह 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का करीब 7.33 फीसदी है। भारत का यह राज्य सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है।

साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी, जो कि पूरे भारत की करीब 16.5 फीसदी थी। हालांकि, वर्तमान में यह आंकड़ा 24 करोड़ को पार कर गया है। यह बात हम सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश पूरे भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है।

हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले का संबंध आनंद भवन से है। यदि आप नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

उत्तर प्रदेश का परिचय

उत्तर प्रदेश को पूर्व में उत्तर-पश्चिम प्रांत के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम उत्तर-पश्चिम आगरा एवं अवध प्रांत हो गया। वहीं, कुछ समय बाद अंग्रेजों ने इसका नाम आगरा एवं अवध संयुक्त प्रांत कर दिया और अंत तक आते-आते इसका नाम संयुक्त प्रांत रह गया।

आजादी के बाद राज्य का नाम उत्तर प्रदेश कर दिया गया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं और ये मंडल कुल चार संभागों में आते हैं। प्रदेश में कुल 351 तहसील और 17 नगर निगम मौजूद हैं। 

किस जिले में है आनंद भवन

अब हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले में आनंद भवन मौजूद है, तो आपको बता दें कि यह प्रयागराज जिले में मौजूद है।

क्यों प्रसिद्ध है आनंद भवन 

अब हम यह जान लेते हैं कि आखिर आनंद भवन का क्या महत्त्व है, तो आपको बता दें कि आनंद भवन प्रयागराज के एतिहासिक स्थलों में शामिल है। यह एक एतिहासिक भवन संग्रहालय है, जो नेहरू परिवार का हुआ करता था

इस भवन का निर्माण मोतीलाल नेहरू ने साल 1930 में कराया था। भवन का उपयोग नेहरू परिवार के निवास स्थान की तरह होता था। हालांकि, बाद में इसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा उनके स्थानीय मुख्यालय यानी स्वराज भवन में परिवर्तित कर दिया गया। आज यह एक संग्रहालय बन चुका है, जो कि प्रयागराज के प्रमुख भवनों में से एक है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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