उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला है ‘भारत की सांस्कृतिक राजधानी’, जानें

May 15, 2025, 07:56 IST

उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भारत का यह राज्य अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि यूपी का कौन-सा जिला भारत का सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। कौन-सा है यह जिला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

यूपी जीके
यूपी जीके

उत्तर प्रदेश उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में शामिल है। यह राज्य भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, राज्य अपने गौरवशाली इतिहास, वीर गाथाओं और सांस्कृतिक विरासत के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा।

हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी के किस जिले को हम भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी जानते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

सबसे अधिक जिले वाला राज्य 

उत्तर प्रदेश पूरे भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिनमें पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुंदेलखंड शामिल है। इसके अतिरिक्त, यहां 351 तहसील, 17 नगर निगम, 75 नगर पंचायत, 826 सामुदायिक विकास खंड और 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत मौजूद हैं। 

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और सबसे छोटा जिला 

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले की बात करें, तो यह लखीमपुर खीरी जिला है। यह जिला कुल 7246 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटे जिले की बात करें, तो यह हापुड़ शहर है। यह शहर कुल 660 वर्ग किलोमीटर में है, जिसे स्टील सिटी के रूप में भी जाना जाता है। 

किस जिले को कहा जाता है भारत की सांस्कृतिक राजधानी

अब सवाल है कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी किस जिले को कहा जाता है, तो आपको बता दें कि यह भारत के सबसे पुराने शहरों में शामिल बनारस यानि कि वाराणसी शहर है।

क्यों कहा जाता है भारत की सांस्कृतिक राजधानी

अब सवाल है कि इस शहर को भारत की सांस्कृतिक राजधानी क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि  इसके अलग-अलग कारण हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैः 

प्राचीनता और निरंतरता: यह शहर दुनिया के सबसे पुराने जीवंत शहरों में से एक है। इसका इतिहास 3000 सालों से भी पुराना बताया जाता है। ऐसे में यहां कभी सभ्यताओं का विकास हुआ है, जिनसे सांस्कृतिक महत्त्व भी जुड़े रहे हैं।

धार्मिक महत्व:  इस शहर को हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। वहीं, गंगा नदी के किनारे होने के कारण इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है। यहां मौजूद घाट और मंदिर करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। 

शिक्षा और ज्ञान का केंद्र: वाराणसी में हमें कई प्राचीन और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय देखने को मिलते हैं, जिनमें से एक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय है।

कला और संगीत की विरासत: वाराणसी से कला और संगीत का पुराना नाता रहा है। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में बनारस घराना प्रमुख है। वहीं, पंडित रविशंकर और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान इसे घराने से हैं। साहित्य से इसका पुराना नाता है। इस कड़ी में यहां तुलसीदास जैसे महान कवि हुए, जिन्होंने रामचरितमानस ग्रंथ की रचना की। वहीं, प्रेमचंद जैसे प्रसिद्ध उपन्यासकार भी यहां से हैं।

सांस्कृतिक विविधता: यहां हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म और जैन धर्म के भी प्रमुख स्थल हैं। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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