White Paper vs Black Paper: हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने विस्तारित बजट सत्र में एक व्हाइट पेपर/श्वेत पत्र (White Paper) पेश किया है. जिसमें यूपीए सरकार (2004-2014) के पिछले 10 सालों में देश की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डाला गया है. सरकार की ओर से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेत पत्र पेश किया.
वहीं 'श्वेत पत्र' पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने 'ब्लैक पेपर' (Black Paper) जारी किया है जिसके बाद से यह बजट सत्र का मुख्य मुद्दा बन गया है. आगामी आम चुनावों को देखते हुए सरकारं ने पिछले 10 सालों में हासिल की गयी उपलब्धियों को जनता के सामने पेश करना चाहती है.
कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक दशक लंबे कार्यकाल को लेकर 'ब्लैक पेपर ' जारी किया है. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार के श्वेत पत्र जारी करने से पहले 'ब्लैक पेपर' पेश किया.
श्वेत पत्र और ब्लैक पेपर अलग-अलग भूमिका निभाते हैं. चलिये अब पता करते है कि 'श्वेत पत्र' और ब्लैक पेपर क्या होता है और इन दोनों में क्या अंतर होता है.
'ब्लैक पेपर' क्या है?
ब्लैक पेपर किसी विशेष मुद्दे या नीति पर आलोचनात्मक या असहमतिपूर्ण दृष्टिकोण पेश करता है. 'ब्लैक पेपर' विवादास्पद विषयों के बारें में बताने और साक्ष्य प्रदान करने के लिए भी पेश किया जाता है. 'ब्लैक पेपर' पूर्ण रूप से आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है.
'व्हाइट पेपर' को समझें:
श्वेत पत्र/व्हाइट पेपर किसी भी सरकार, संस्थान या कंपनी द्वारा जारी किया जाता है. ब्लैक पेपर के विपरीत श्वेत पत्र या व्हाइट पेपर किसी विशिष्ट विषय या मुद्दे पर व्यापक जानकारी, विश्लेषण और सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है. श्वेत पत्र एक सफ़ेद रंग के कवर में होता है. श्वेत पत्र के जरिये कोई सरकार जनता को अपनी नीतियों और आकड़ो के बारें में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है.
व्हाइट पेपर और ब्लैक पेपर में अंतर:
जैसा की इनके नामों से पता चलता है कि इन दोनों प्रकार के पेपरों में सकारातमक और आलोचनात्मक या असहमतिपूर्ण भाव प्रकट होते है. चलिये अब इनके अंतर को समझते है.
व्हाइट पेपर | ब्लैक पेपर |
व्हाइट पेपर किसी विशिष्ट विषय या मुद्दे पर सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पेश किया जाता है. | ब्लैक पेपर नीतियों, प्रथाओं और किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पेश किया जाता है. |
श्वेत पत्र एक सफ़ेद रंग के कवर में होता है. | ब्लैक पेपर एक काले रंग के कवर में होता है. |
श्वेत पत्र किसी भी सरकार, संस्था या कंपनी द्वारा जारी किया जा सकता है. | व्हाइट पेपर की तरह इसे भी किसी भी सरकार, संस्था या कंपनी द्वारा जारी किया जा सकता है. |
व्हाइट पेपर विश्लेषण और अनुसंधान के आधार पर ऐतिहासिक नीति परिवर्तन या पहल से सम्बंधित हो सकता है. | ब्लैक पेपर अक्सर विवादास्पद विषयों को संबोधित करता है और वैकल्पिक दृष्टिकोण पेश करता है. |
व्हाइट पेपर के माध्यम से आमतौर पर किसी विशेष मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय, आधिकारिक स्रोत, शोध और निष्कर्षों पर प्रकाश डाला जाता है. | ब्लैक पेपर महत्वपूर्ण पक्ष के मूल्यांकन के लिए साक्ष्य, डेटा और तर्कों पर निर्भर करता है साथ ही उपेक्षित भावों को प्रकट करता है. |
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