जानें LED बल्बों का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक क्यों है

पिछले कुछ वर्षों में उर्जा संरक्षण के प्रतीक बन चुके LED बल्बों की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है. लेकिन क्या आपको पता है कि LED बल्बों का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक है? इस लेख में हम उन विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विवरण दे रहे हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि LED बल्बों का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक क्यों है?

Dec 11, 2017, 13:32 IST
Disadvantage of LED lights
Disadvantage of LED lights

पिछले कुछ वर्षों में उर्जा संरक्षण के प्रतीक बन चुके LED बल्बों की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है. भारत में तो आम लोगों को इन बल्बों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय LED कार्यक्रम “उजाला” का संचालन किया जा रहा है, जिसके तहत सब्सिडी पर LED बल्ब उपलब्ध करायी जा रही है. लेकिन क्या आपको पता है कि LED बल्बों का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक है? इस लेख में हम उन विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विवरण दे रहे हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि LED बल्बों का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक क्यों है?
जर्मन पत्रिका “साइंस एडवांस” में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कृत्रिम प्रकाश के कारण पृथ्वी पर रात्रि के अंधकार में प्रति वर्ष कमी होती जा रही है, जिसका प्रमुख कारण LED बल्बों का अत्यधिक उपयोग है. एरिजोना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हॉज के अनुसार, LED बल्बों का अत्यधिक उपयोग वास्तव में प्रकाश प्रदूषण है, जिसका नकारात्मक प्रभाव मानव स्वास्थ्य, पारितंत्र एवं खगोलीय शोध पर देखा जा सकता है. शोधकर्ताओं ने पृथ्वी पर रात्रि चमक के मापन के लिए “वीआईआईआरएस” (Visible/Infrared Imager Radiometer Suite or VIIRS) नामक सैटेलाइट रेडियोमीटर का इस्तेमाल किया और अपनी रिपोर्ट में बताया कि रात्रि में पृथ्वी पर कृत्रिम चमक में काफी वृद्धि हुई है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 से 2016 के बीच पृथ्वी पर आउटडोर (घर के बाहर) स्थानों पर रात्रि चमक में 2.2% वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है, जिसे विशेषज्ञों ने असतत दर (Discrete rate) की संज्ञा दी है.  
कृत्रिम वर्षा क्या होती है और कैसे करायी जाती है?

प्रकाश प्रदूषण क्या है

प्रकाश प्रदूषण, जिसे फोटोप्रदूषण या ल्युमिनस प्रदूषण (photopollution or luminous pollution) भी कहते हैं, कृत्रिम आउटडोर प्रकाश का अत्यधिक एवं कुप्रबंधित उपयोग है. कुप्रबंधित प्रकाश रात्रिकालीन आकाश के रंग एवं विषमता को परिवर्तित कर देता है, तारों के प्राकृतिक प्रकाश को कम कर देता है और सर्केडियन लय (Circadian rhythm) में व्यवधान डालता है. इससे पर्यावरण, ऊर्जा संसाधनों, वन्यजीव, मानव एवं खगोलीय शोध प्रभावित होता है.
light pollution
Image source: Paryaaran Urja Times
वास्तव में LED बल्ब से प्रकाश प्रदूषण में वृद्धि का कारण यह है कि LED से प्रकाश सृजन के लिए कम बिजली की जरूरत पड़ती है, इसलिए लोग इनका अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. वस्तुतः LED को ऊर्जा एफिशिएंसी के उद्देश्य से बढ़ावा दिया जा रहा है परंतु इसके नकारात्मक प्रभाव भी दिख रहे हैं.

विश्व के किन क्षेत्रों में प्रकाश प्रदूषण अधिक है

जर्मन पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 79 देशों में प्रकाश प्रदूषण में वृद्धि हो रही है और 16 देशों में कमी हो रही है, जबकि 39 देशों में प्रकाश प्रदूषण का स्तर स्थिर है. जिस समय में यह शोध किया गया उस अवधि के दौरान यमन एवं सीरिया जैसे गृहयुद्ध से प्रभावित देशों में प्रकाश प्रदूषण में कमी हुई है और अमेरिका और स्पेन जैसे देशों में प्रकाश प्रदूषण की स्थिति स्थिर है. लेकिन दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका एवं एशिया के उदीयमान अर्थव्यवस्था वाले देशों में आर्थिक गतिविधियों की वृद्धि के कारण प्रकाश उत्सर्जन में वृद्धि हुई है, जिसके कारण प्रकाश प्रदूषण के स्तर में भी वृद्धि हुई है. वैसे पूरी दुनिया में सर्वाधिक प्रकाश प्रदूषित देश हांगकांग है.
पर्यावरण को दूषित करने वाले पार्टिकुलेटो (कणों) की सूची

प्रकाश प्रदूषण का प्रभाव

1. प्रकाश प्रदूषण के कारण मनुष्य में सर्केडियन लय (Circadian rhythm) में अनियमितता, अवसाद एवं मधुमेह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. सर्केडियन लय मानव शरीर के अंदर की घड़ी है जो हमारे मस्तिष्क के पीछे चलती है और निद्रा एवं सतर्कता के बीच नियमित अंतराल पर चक्कर लगाती है. प्रकाश प्रदूषण से इस लय में व्यवधान उत्पन्न होता है जो अवसाद को बढ़ावा देता है. इसके अलावा मेलाटोनिन (Melatonin) नामक प्राकृतिक हार्मोन, जो हमारे सोने और जागने की क्रिया को नियंत्रित करता है, प्रकाश प्रदूषण के कारण प्रभावित होता है.
2. प्रकाश प्रदूषण जानवरों के प्रजनन आदतों को प्रभावित करते हैं, जिससे जैव विविधता पर असर पड़ सकता है. चमगादड़, हिरण, रैकून, कोयोट्स जैसे जानवर रात में ही अपना भोजन खोजते हैं. लेकिन प्रकाश होने की वजह से उनकी खाद्य श्रृंखला प्रभावित होगी और वे स्वंय शिकार हो सकते हैं. जिससे उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होगी, जिससे उनकी संख्या और कम हो जाएगी.
3. कई पक्षी बड़े-बड़े लाइटहाउस से टकराकर मर जाते हैं और अधिक प्रकाश होने के कारण ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. भारत में “असम का जतिंगा” इसके लिए कुख्यात है, जिसे “पक्षियों की आत्महत्या” या “एवियन हराकिरी” भी कहते हैं.
Light tower 
Image source: Naidunia
4. समुद्री मादा कछुआ रात में ही अंडा देती है परंतु प्रकाश के कारण अंडा देने के लिए उन्हें सुरक्षित जगह नहीं मिल पाएगी.
5. खगोल वैज्ञानिक रात के समय ही आकाशीय पिंडों का अध्ययन करते हैं परंतु अधिक रौशनी के कारण उन्हें इन पिंडों को देखने में परेशानी होती है.

प्रकाश प्रदूषण का समाधान

वैज्ञानिकों के अनुसार प्रकाश प्रदूषण के समाधान के लिए विभिन्न देशों में कम रौशनी वाले बल्ब के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए.
दुनिया के 10 सबसे अधिक प्रदूषण फ़ैलाने वाले देश

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News