उत्तर भारत का मैदान

उत्तर भारत के मैदान का निर्माण मुख्यतः गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा सिंधु नदी द्वारा लाये गए अवसादों के निक्षेपण से हुआ है| उत्तर भारत के मैदान को उत्तर से दक्षिण क्रमशः भाबर, तराई व जलोढ़ मैदानों में बांटा जाता है| जलोढ़ अवसादों की आयु के आधार पर जलोढ़ मैदान को पुनः बांगर व खादर नाम के उप-भागों में बांटा जाता है|

Apr 14, 2016, 10:14 IST

उत्तर भारत के मैदान का निर्माण मुख्यतः गंगा व ब्रह्मपुत्र नदियों तथा गौणतः सिंधु नदी व उनकी सहायक नदियों द्वारा लाये गए अवसादों के निक्षेपण से हुआ है| हिमालय के निर्माण के समय शिवालिक के दक्षिण में एक खाई का निर्माण हो गया था, जिसमें मुख्यतः गंगा और ब्रह्मपुत्र की नदियों द्वारा लाये गए अवसादों के निक्षेपण से भारत के उत्तरी मैदान का निर्माण हुआ है|

यह मैदान पश्चिम में सतलज नदी से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला हुआ है| यह मैदान पूर्व से पश्चिम तक लगभग 3200 किमी. की लंबाई और लगभग 150-300 किमी. की चौड़ाई में विस्तृत भारत का सर्वाधिक उपजाऊ कृषि क्षेत्र है| इस मैदान के अवसादों की गहराई 1000-2000 मी. तक है| इस मैदान की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 50-150 मी. तक है|इन मैदानों में ही चावल, गेहूं, गन्ना आदि प्रमुख कृषि फसलों का उत्पादन किया जाता है और यही मैदान प्राचीन काल में भी सभ्यता के विकास का केंद्र रहा है और आज भी भारत सर्वाधिक जनसंख्या का संकेन्द्रण इसी मैदान में पाया जाता है|

Image Source: cdn.yourarticlelibrary.com

उत्तर भारत के मैदान का विभाजन

उत्तर भारत के मैदान को उत्तर से दक्षिण क्रमशः भाबर और तराई व जलोढ़ मैदानों में बांटा जाता है| जलोढ़ अवसादों की आयु के आधार पर जलोढ़ मैदान को पुनः बांगर व खादर नाम के उप-भागों में बांटा जाता है|

भाबर: शिवालिक के दक्षिण में और उसके समानांतर विस्तृत 8-10 किमी. चौड़ी पट्टी को ‘भाबर’ कहा जाता है| जब नदियां पर्वतीय भाग से नीचे उतरती हैं तो कंकड़-पत्थर व भारी अवसादों का निक्षेपण पर्वत के किनारे पर कर देती हैं और इन्हीं अवसादों से भाबर का निर्माण हो जाता है|पर्वतों से उतरने के बाद भाबर में नदियां विलुप्त हो जाती हैं|

तराई: भाबर के दक्षिण में और उसके समानांतर विस्तृत 10-20 किमी. चौड़ी पट्टी को ‘तराई’ कहा जाता है| इस पट्टी में नदियां पुनः भाबर से बाहर निकलकर सतह पर प्रवाहित होने लगती हैं, लेकिन उनकी कोई निश्चित नदी द्रोणी नहीं होती है और इसीलिए ये क्षेत्र दलदल व कीचड़ में बादल जाता है| लेकिन आर्द्रता के कारण यहाँ प्राकृतिक वनस्पति का बेहतर विकास होता है| यह क्षेत्र जैव-विविधता की दृष्टि से भी सम्पन्न होता है|

जलोढ़ मैदान: जलोढ़ मैदानों  का निर्माण तब होता है, जब नदियां अपने साथ लाये गए महीन व सूक्ष्म अवसादों का समतल क्षेत्र में निक्षेपित कर देती हैं| इस मैदान में विसर्प, ‘ऑक्स-बो/विसर्प झील’ पायी जाती है तथा थोड़े-थोड़े समय के अंतराल के बाद बाढ़ आती रहती है| लंबे समय से नदियों द्वारा इन मैदानों में जलोढ़ अवसादों का निक्षेपण किया जा रहा है, इसीलिए जलोढ़ निक्षेप की आयु के आधार पर जलोढ़ मैदान को निम्नलिखित दो उप-भागों में बांटा जाता है-

1. बांगर: पुराने जलोढ़ मैदानों को ‘बांगर’ कहा जाता है| ये बाढ़ के मैदानों से ऊपर स्थित होते हैं और खादर मैदान की तुलना में कम उपजाऊ होते हैं|

2. खादर: नवीन जलोढ़ मैदानों को ‘खादर’ कहा जाता है| ये प्रायः बाढ़ के मैदानों में स्थित होते हैं और यहाँ प्रतिवर्ष नदियों द्वारा जलोढ़ निक्षेप का नवीनीकरण होता रहता है| ये सर्वाधिक उपजाऊ जलोढ़ मैदान होते हैं|

उपर्युक्त विभाजन के अलावा उत्तर भारत के मैदान को नदी अवसादों के निक्षेपण के आधार पर निम्नलिखित रूप में भी बांटा जाता है-

1. सिंधु-गंगा का मैदान

2. ब्रह्मपुत्र का मैदान

उपर्युक्त दोनों मैदान एक सँकरे भाग द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं|

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News