क्या आप जानते हैं कि ओलम्पिक खेलों के दौरान वह कौन सा पदक है जिसे जीतना स्वर्ण पदक से भी अधिक कठिन है ? वास्तव में इस पदक को जीता नहीं जाता है बल्कि एथलीटों को इसके योग्य बनना पड़ता है| पियरे डी कोउबर्तिन नामक इस चौथे पदक को जीतने के लिए आपको न सिर्फ अपने खेल में अच्छे होने की जरूरत है बल्कि आपको सर्वोच्च खेल भावना का भी प्रदर्शन करना पड़ता है| अतः यह कहा जा सकता है कि इस पदक को प्राप्त करना स्वर्ण पदक प्राप्त करने से भी बड़ी उपलब्धि है| रियो ओलम्पिक खेलों से पहले तक यह पदक केवल 17 बार ही दिया गया है |
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रियो ओलम्पिक खेल 2016 के दौरान महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में फिनिशिंग लाइन को पार करते समय आपस में टकराने के बाद एक-दूसरे की मदद करने की अनुकरणीय साहस दिखाने के लिए न्यूजीलैंड की एथलीट निकी हेम्ब्लिन एवं अमेरिका की एथलीट एबे डी अगस्तिनो को इस प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित किया गया है।
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पहले ओलम्पिक खेल: 10 तथ्य एक नजर में
प्रतिष्ठित पियरे डी कोउबर्तिन पदक से संबंधित दिलचस्प तथ्य:
1. यह पदक सर्वोतम खेल भावना का प्रतीक है।
इस पदक को सच्ची खेल भावना का पदक भी कहा जाता है एवं इसे अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति द्वारा उन एथलीटों, पूर्व एथलीटों, खेल प्रमोटरों, खेल अधिकारियों एवं अन्य व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने ओलम्पिक खेलों में सच्ची खेल भावना का प्रदर्शन किया है या ओलम्पिक खेलों के आयोजन में असाधारण सेवा-भाव का प्रदर्शन किया है|
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2. यह पदक मरणोपरांत भी दिया जाता है |
वास्तव में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक स्पष्ट रूप से ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों द्वारा ही जीता जा सकता है लेकिन यह पुरस्कार ओलम्पिक भावना के प्रति विजेताओं के योगदान को सम्मानित करने के उद्येश्य से मरणोपरांत भी किसी व्यक्ति को दिया जा सकता है।
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3. इस पदक का नाम आधुनिक ओलम्पिक खेलों के संस्थापक के नाम पर रखा गया है |
इस पदक की शुरूआत फ्रांसीसी शिक्षक, इतिहासकार एवं अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के संस्थापक ‘पियरे डी फ्रेडी बैरन डी कोउबर्तिन’ के सम्मान में की गयी थी | इसी कारण इसे पियरे डी कोउबर्तिन पदक के नाम से जाना जाता है|
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4. यह पदक प्रत्येक ओलम्पिक खेल के दौरान नहीं दिया जाता है |
यह पदक प्रत्येक ओलंपिक खेलों के दौरान नहीं दिया जाता है। वास्तव में यह पदक तभी दिया जाता है जब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को लगता है कि किसी खिलाड़ी ने सही मायने में सच्ची खेल भावना का प्रदर्शन किया है।
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5. रियो ओलम्पिक खेलों से पहले तक यह पदक केवल 17 बार ही दिया गया है |
इस पदक का महत्व इसी से लगाया जा सकता है कि यह पदक अब तक सिर्फ 17 बार ही दिया गया है |
6. इस पदक की शुरूआत 1964 में की गयी थी एवं पहली बार इसे मरणोपरांत दिया गया था | लूज लांग पहले व्यक्ति थे जिन्हें पियरे डी कोउबर्तिन ओलम्पिक पदक से नवाजा गया था |
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रिओ ओलम्पिक खेल 2016: 10 तथ्य एक नज़र में
पियरे डी कोउबर्तिन ओलम्पिक पदक प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की सूची
एथलीट | देश | खेल आयोजन | पदक प्राप्ति की तिथि |
---|---|---|---|
लूज लांग | जर्मनी | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 1936 | 1964 (मरणोपरांत) |
उजेनियो मोंटी | इटली | शीतकालीन ओलम्पिक 1964 | 1964 |
फ्रेंज जोन्स | आस्ट्रिया | - | जुलाई 1969 |
कार्ल हिन्ज क्ली | आस्ट्रिया | शीतकालीन ओलम्पिक 1976 | फरवरी 1977 |
लारेंस लेमिक्स | कनाडा | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 1988 | सितम्बर 1988 |
जस्टिन हर्ले मैकडोनाल्ड | आस्ट्रेलिया | शीतकालीन ओलम्पिक 1994 | 1994 |
रेमंड गाफनर | स्विट्जरलैंड | - | 1999 |
इमिल जेटोपेक | चेकोस्लोवाकिया | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 1952 | 6 दिसम्बर 2000 (मरणोपरांत) |
एस्पेंसर एक्लेस | अमेरिका | शीतकालीन ओलम्पिक 2002 | फरवरी 2002 |
ताना उमगा | न्यूजीलैंड | रग्बी टेस्ट मैच 2003 | जून 2003 |
वेंदरली कोर्डेरो डी लीमा | ब्राजील | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 2004 | 29 अगस्त 2004 |
एलिना नोविकोवा बेलोवा | बेलारुस | 11वीं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस | 17 मई 2007 |
शाल लैड्नी | इजरायल | चार दशक के दौरान खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट सफलता | 17 मई 2007 |
पीटर क्यूपेक इवान बुलाजा पावले कोस्तोव | क्रोएशिया | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 2008 | 18 नवम्बर 2008 |
रोनाल्ड हार्वे | आस्ट्रेलिया | - | 2 अप्रैल 2009 |
रिचर्ड गारनेऊ | कनाडा | शीतकालीन ओलम्पिक 2014 | 6 फरवरी 2014 |
माइकल वांग | सिंगापुर | ओलम्पिक आयोजन में अतुलनीय योगदान | 13 अक्टूबर 2014 |
निकी हेम्ब्लिन एवं एबे डी अगस्तिनो | न्यूजीलैंड एवं अमेरिका | ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 2016 | अगस्त 2016 |
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