प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण विदेश यात्राएं

नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर शहर में एक निम्न-वर्गीय गरीब परिवार में हुआ था| वे 1987 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए| अक्टूबर 2001 में, उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और अंततः 2014 में वे भारत के प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित हुए थे| वर्ष 2014 से सितम्बर 2016 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी 52 विदेश यात्राओं के अंतर्गत छह महाद्वीपों के 43 देशों का दौरा किया है। उनके विदेश यात्राओं का विस्तृत विवरण इस लेख में दिया जा रहा है|

Sep 15, 2016, 17:14 IST

नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर शहर में एक निम्न-वर्गीय गरीब परिवार में हुआ था| उनके पिता वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे| बचपन में नरेन्द्र मोदी अपने पिता के काम में मदद किया करते थे| स्कूल में वे एक औसत छात्र थे, लेकिन उन्होंने स्कूल के पुस्तकालय में कई पुस्तकों का अध्ययन किया जिसके कारण उन्हें एक ओजस्वी वक्ता एवं तार्किक व्यक्ति के रूप में जाना जाता है|

8 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ जुड़े और इसके साथ ही उनके जीवन में बड़ा बदलाव हुआ। बाद में वे 1987 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और उसके राष्ट्रीय महासचिव बने। अक्तूबर 2001 में, उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और अंततः 2014 में वे भारत के प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित हुए थे|

प्रधानमंत्री मोदी की प्रमुख विदेशी यात्राएं:

सितम्बर 2016 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग अपनी 52 विदेश यात्राओं के अंतर्गत छह महाद्वीपों के 43 देशों का दौरा किया है।

1. प्रधानमंत्री मोदी अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान 16-17 जून 2014 को भूटान के पारो और थिम्पू गए थे|


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उद्देश्य - क्षेत्रीय सहयोग के लिए राजकीय यात्रा|

इस यात्रा के दौरान उन्होंने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात की थी| उन्होंने भूटान की संसद को संबोधित किया, भूटान के सुप्रीम कोर्ट परिसर का उद्घाटन किया और भूटान को आईटी एवं डिजिटल क्षेत्र में मदद करने का आश्वासन दिया|

प्रमुख बिन्दुएं:

• भारत और भूटान को पनबिजली सहयोग के क्षेत्र में 10,000 मेगावाट का लक्ष्य हासिल करना है।
• इसके अलावा भारत ने दूध के पाउडर, गेहूं, खाद्य तेल, दालों और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंधों पर भूटान को छूट देने की घोषणा की।
• प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में पढ़ रहे भूटान के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति को दुगुना करने की घोषणा की जो अब बढ़कर 2 करोड़ हो जाएगी|
• इसके अलावा भारत भूटान को एक डिजिटल पुस्तकालय खोलने में भी मदद करेगा और वह भूटान के युवाओं के लिए दो लाख पुस्तकएं और पत्रिकाएं उपलब्ध करवाएगा|

2. जुलाई 2014 में ब्राजील की यात्रा

उद्देश्य - 6ठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेना

पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने मिलकर ब्रिक्स का गठन किया है| ब्रिक्स की वित्तीय संरचना को सुदृढ़ करने के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (CRA) की शुरूआत की गई है जिससे संबंधित संधि पर 2014 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 2015 में सक्रिय हो गया था|

प्रमुख बिन्दुएं:

• इस शिखर सम्मेलन में, पश्चिमी देशों के प्रभुत्व वाले विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे वित्तीय संस्थान स्थापित करने को लेकर सहमती बनी|
• इस नए बैंक का नाम न्यू डेवलपमेंट बैंक रखा गया जिसे भारत की ओर से प्रस्तावित किया गया था, लेकिन इसका मुख्यालय शंघाई, चीन में स्थित होगा।
• ब्राजीलिया में ब्रिक्स नेताओं ने एक सम्मलेन में हिस्सा लिया और UNASUR समूह के देशों के राष्ट्रप्रमुखों से मुलाकात की।
• विदेश मंत्रालय द्वारा अपनी आधिकारिक भाषाओं की सूची में स्पेनिश भाषा को जोड़ा गया।

3. नवंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा|

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उद्देश्य – जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेना और भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार और बुनियादी ढांचे में और अधिक निवेश जैसे विषयों पर बातचीत करना|

प्रमुख बिन्दुएं:

जी -20 शिखर सम्मेलन में मुख्य रूप से संसाधनों, शिक्षा, कौशल, कृषि, बुनियादी ढांचे, निवेश, वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य जैसे विषयां पर चर्चा की गई|

• व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर हस्ताक्षर वाणिज्यिक संबंधों की मजबूती को दर्शाता है|
• भारत 2015 में ऑस्ट्रेलिया में “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम की मेजबानी करेगा।
नागरिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किये गए जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया आने वाले वर्षों में भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करेगा जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि होगी।
• स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और साइबर नीति में सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई|
• गंगा नदी के कायाकल्प पर सहयोग पर समझौता जिसके तहत नदी बेसिन में दोनों तरफ से आदान-प्रदान पर सहयोग का आश्वासन|

4. अप्रैल 2015 में फ्रांस की यात्रा|

उद्देश्य – भारत और फ्रांस दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को नई गति देने के लिए 10 अप्रैल 2015 को 20 समझौता ज्ञापन (एमओयू) और समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

प्रमुख बिन्दुएं:

• भारत एवं फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर समझौता|
• अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) और फ्रांस के पारिस्थितिकीय, सतत विकास और ऊर्जा मंत्रालय के बीच सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
• रेलवे प्रोटोकॉल के अंतर्गत सेमी-स्पीड वाले ट्रेन और स्टेशनों के नवीकरण के लिए एवं दिल्ली-चंडीगढ़ लाइन पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से ट्रेन चलाने हेतु भारतीय और फ्रांसीसी रेलवे के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए समझौता|
• इसरो और फ्रांस के अंतरिक्ष अध्ययन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (सीएनईएस) के बीच भारत-फ्रांस मेघा ट्रापिक्स उपग्रह (Megha Tropiques satellite) से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर|

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5. मई 2015 में चीन की यात्रा|

उद्देश्य – प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के साथ सीमा विवाद, व्यापार असंतुलन में कमी, नत्थी वीजा, पाक अधिकृत कश्मीर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं एवं आर्थिक मामलों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की|

प्रमुख बिन्दुएं:

• भारत ने अपने देश में एक औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए चीन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा चीन उत्तर में राजधानी दिल्ली से दक्षिण में चेन्नई के बीच 36 अरब डॉलर की ट्रेन परियोजना आरम्भ करने की तयारी कर रहा है|
• गुजरात के अहमदाबाद / गांधीनगर में कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना में सहयोग एवं शिक्षा के विनियमन एवं विकास की कार्य योजना से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर|
• 2015 से 2020 तक अंतरिक्ष सहयोग को रेखांकित और प्रसारण के क्षेत्र में दूरदर्शन और चीन के केंद्रीय टेलीविजन सहयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन।

6. जुलाई 2015 में मध्य एशिया के देशों उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान की यात्रा

Source:www.recruitmentresult.com

उद्देश्य – प्रधानमंत्री मोदी मध्य एशिया के इन देशों की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे| इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मध्य एशिया के देशों के साथ व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना था। इसके अलावा, रूस में प्रधानमंत्री मोदी ने रणनीतिक, आर्थिक और ऊर्जा संबंधों को प्रोत्साहन देने के लिए ऊफ़ा में 7वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

प्रमुख बिन्दुएं:

• इस शिखर सम्मेलन का विषय “वैश्विक विकास के लिए एक शक्तिशाली कारक के रूप में आर्थिक सहयोग पर बल” था।
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• प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स कृषि अनुसंधान केंद्र और ब्रिक्स खेल परिषद और वार्षिक ब्रिक्स खेल आयोजनों का प्रस्ताव रखा।
• उन्होंने वैश्विक लेनदेन के लिए पश्चिमी मुद्राओं के एकाधिकार को कम करने के लिए आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) के तहत एक मुद्रा की शुरूआत करने का प्रस्ताव रखा।
• ब्रिक्स भी आईएमएफ और विश्व बैंक की तरह न्यू डेवलपमेंट बैंक खोलने पर सहमत हुआ| इसका मुख्यालय शंघाई में स्थित होगा और पहले छह साल के लिए के. वी. कामत को इसका अध्यक्ष बनाया गया है,इसके बाद पांच साल के लिए क्रमशः ब्राजील और रूस इसकी अध्यक्षता करेंगे|
• इसके अलावा ब्रिक्स ने एक 'एक्शन प्लान' को भी जारी किया जिसमे 2016 के लिए समूह में शामिल देशों के लिए कार्ययोजना का खांका तैयार किया गया था|
• रूस ने 2020 तक समूह के व्यापार, उद्यम और व्यापार संबंधों के लिए एक खाका तैयार करने हेतु "ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी की रणनीति," का सुझाव दिया|

7. अगस्त/सितम्बर 2015 में जापान यात्रा|

उद्देश्य – भारतीय उपमहाद्वीप के बहार पहली राजकीय यात्रा |

प्रमुख बिन्दुएं:

• जापान भारत में बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहयोग करेगा और बुलेट ट्रेनों के परिचालन के लिए धन मुहैया करेगा|
• मोदी ने 'मेक इन इंडिया' का नारा दिया जिसके लिए उन्होंने लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग का मंत्र दिया|
• जापान और भारत क्षेत्रीय स्थिरता को उन्नत करने के लिए 'विशेष सामरिक और वैश्विक भागीदारी' को बढ़ावा देने हेतु और जापान  भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को दोगुना करने पर सहमत हुए|

8. सितंबर 2015 में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा|

उद्देश्य – उन्होंने बराक ओबामा द्वारा आयोजित शांति सेना से संबंधित एक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके अलावा फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा आयोजित एक सवाल जवाव के कार्यक्रम में भी शामिल हुए| 1982 में इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद मोदी कैलिफोर्निया, अमेरिका की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं|


Source: www.static.dnaindia.com

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प्रमुख बिन्दुएं:

• भारत ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए मांग की।
• विभिन्न क्षेत्रों जैसे रक्षा, खुफिया, आतंकवाद का मुकाबला, अंतरिक्ष अन्वेषण आदि में सहयोग के लिए मोदी और ओबामा का संयुक्त वक्तव्य|
• मैडिसन स्क्वायर गार्डन में कौशल विकास, प्रतिभा और भारत की  उज्ज्वल आर्थिक संभावनाओं पर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन|
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन के बारे में चर्चा ।
• शरीफ ने 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि उनकी सरकार  कश्मीर पर द्विपक्षीय बातचीत के लिये तैयार है|
• मोदी ने जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा के बारे में चर्चा की और दुनिया भर के नेताओं को योग दिवस मानाने के लिए कहा|
• सिस्को के साथ 10 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सहायता पर समझौता जिनमे अजमेर, इलाहाबाद, विशाखापट्टनमप्रमुख हैं|

Source: www.media2.intoday.in

9. नवंबर 2015 में तुर्की यात्रा|

उद्देश्य – तुर्की में प्रधानमंत्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन भाग लिया जिसका मुख्य उद्येश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन आदि के क्षेत्र में वर्तमान स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना था|

प्रमुख बिन्दुएं:

• शरणार्थी संकट पर सामूहिक प्रतिक्रिया।
• रोजगार, विकास और निवेश।
• कारोबार की शुरूआत और सामाजिक समावेश।
• कर चोरी और कर परिहार के खिलाफ लड़ाई।
• कारोबार की शुरूआत और जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका से वार्ता|   

Source: www.st1.prepsure.com

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10. दिसंबर 2015 में रूस की यात्रा|

उद्देश्य – भारत एवं रूस के बीच 16वीं वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लेना|

प्रमुख बिन्दुएं:

16वीं वार्षिक शिखर वार्ता के दौरान दोनों देशों ने आर्थिक संबंधों और सामरिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया|
•  हीरा व्यापार और कृषि व्यवसाय में सहयोग पर बातचीत|
• रक्षा क्षेत्र में हुए समझौतों में 200 कामोव-226T हेलीकाप्टरों का संयुक्त निर्माण एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने के रहस्य का अनावरण करने के लिए रूसी “एस-400 ट्रम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली” की खरीद का सौदा शामिल था|

11.  जून 2016 में उज़्बेकिस्तान की यात्रा

उद्देश्य –  उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेना जिसमे 24 जून 2016 को भारत और पाकिस्तान ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिससे इन दोनों देशो के लिए शंघाई सहयोग संगठन का पूर्ण सदस्य बनने की औपचारिक प्रक्रिया की शुरूआत हुई|

Source: www.thebricspost.com

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प्रमुख बिन्दुएं:

• इस शिखर सम्मेलन में, मध्य एशिया में स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई|
• अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन और राज्यों के साथ शंघाई सहयोग संगठन की संपर्कों का विस्तार पर समझौता|
• भारत और पाकिस्तान के शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देश का दर्जा प्राप्त करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
• इसकी अगली बैठक 2017 में कज़ाकस्तान के अस्ताना में होगी|

12. सितम्बर 2016 में चीन की यात्रा|

उद्देश्य – 11वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेना|

Source: www.toprankers.com

प्रमुख बिन्दुएं:

• प्रधानमंत्री मोदी अपनी चीन यात्रा के दौरान 4-5 सितम्बर 2016 को हांग्जो में 11वें जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए| यह पहला अवसर था जब जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन चीन में किया गया था और 2010 में दक्षिण कोरिया के सियोल में हुए सम्मलेन के बाद पहली बार किसी एशियाई देश में आयोजित किया गया था|
• इस सम्मलेन में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने, चीन में प्रदूषण को कम करने, ग्लोबल वार्मिंग को कम करने एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दों पर बातचीत की गयी|
• जी-20 समूह के देश व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सभी पॉलिसी लीवर का उपयोग करने के लिए सहमत हुए, जिनमे मौद्रिक, राजकोषीय और संरचनात्मक प्रमुख है|
• स्वास्थ्य क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण एवं निवेश को बढ़ाना जिससे अत्यधिक असमानता को कम करने में एवं आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने में मदद मिले|

13. सितम्बर 2016 में लाओस की यात्रा|

उद्देश्य – 6-8 सितम्बर, 2016 तक लाओस के वियनतियाने में आयोजित 11 वें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेना|

प्रमुख बिन्दुएं:

• दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के देशों के साथ भारत के व्यापार और सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाने के लिए समझोतों पर हस्ताक्षर किये गए| ज्ञातव्य हो कि भारत ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन का एक संस्थापक सदस्य है।
• ईएएस के छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों अर्थात् वित्त, शिक्षा, ऊर्जा और पर्यावरण, वैश्विक स्वास्थ्य और संचार रोगों, आपदा प्रबंधन और आसियान कनेक्टिविटी पर अपने फैसलों और पिछले शिखर सम्मेलनों के परिणामों का क्रियान्वयन|

नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों का खर्च:

 

आरटीआई अधिनियम के तहत जारी दस्तावेजों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों द्वारा जून 2014 - जून 2015 तक की विदेश यात्राओं का खर्च लगभग 37.22 करोड़ रुपये था| प्रधानमंत्री की सबसे महंगी यात्रा नवंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया और म्यांमार की थी ,जबकि ब्राजील की यात्रा दूसरी सबसे मंहगी यात्रा थी| जून 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा सबसे सस्ती यात्रा थी जिसका कुल खर्च मात्र 41.33 लाख रुपये था|

मई 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर और नेपाल की कई यात्राएं की है| प्रधानमंत्री एवं उनके मंत्रियों का कुल खर्च वर्ष 2015-16 की शुरुआत में बजट में अनुमानित 269 करोड़  रुपये से बढ़कर साल के अंत में संशोधित अनुमान के अनुसार 567 करोड़ रुपये हो गया था| इसके अलावा, नौकरशाहों की कुल यात्रा खर्च तीन साल में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक थी।

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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