Independence Day 2021: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का सारांश

Independence Day 2021: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन भारत के लोगों के हित से संबंधित जन आंदोलन था जो पूरे देश में फैल गया था। देश भर में कई बड़े और छोटे विद्रोह हुए थे और कई क्रांतिकारियों ने ब्रिटिशों को बल से या अहिंसक उपायों से देश से बाहर करने के लिए मिल कर लड़ाई लड़ी और देश भर में राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया।

Aug 13, 2021, 12:02 IST
Summary of Indian National Movement
Summary of Indian National Movement

Independence Day 2021:  स्वतंत्रता के लिए भारत का आंदोलन चरणों में हुआ, जो अंग्रेजों की अनम्यता और विभिन्न उदाहरणों में, अहिंसक विरोधों के प्रति उनकी हिंसक प्रतिक्रियाओं के कारण हुआ।  हर साल की तरह इस साल भी स्वतंत्रता दिवस धूमधाम, हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का सारांश

यह देखा गया है कि भारत में स्वतंत्रता संघर्ष कई राजनीतिक, सामाजिक– सांस्कृतिक और आर्थिक कारकों के श्रृंखला का मेल था जिसने राष्ट्रवाद को बढ़ाने का काम किया।

  • 28 दिसंबर 1885 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन गोकुलदास तेजपाल संस्कृत स्कूल, बॉम्बे में किया गया। इसकी अध्यक्षता डब्ल्यू.सी. बैनर्जी ने की थी और इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। ए.ओ. ह्यूम ने आईएनसी के गठन में अहम भूमिका निभाई थी और इनका उद्देश्य था ब्रिटिश सरकार को सेफ्टी वॉल्व प्रदान करना। 
  • ए.ओ. ह्यूम ने आईएनसी के पहले महासचिव के तौर पर काम किया।
  • कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं को राजनीतिक आंदोलन में प्रशिक्षित करना और देश में जनता की राय बनाना था। इसके लिए इन्होंने वार्षिक सत्र पद्धति को अपनाया जहां वे समस्याओं पर चर्चा करते थे और संकल्प पारित करते थे।
  • भारतीय राष्ट्रवाद का पहला या आरंभिक चरण मध्यम दर्जे (नरमदल) का चरण (1885-1905) भी कहलाता है। नरमदल के नेता थे, डब्ल्यू.सी. बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, आर.सी. दत्ता, फीरोजशाह मेहता, जॉर्ज यूल आदि
  • नरमपंथी नेताओं को ब्रिटिश सरकार में पूर्ण विश्वास था और उन्होंने पीपीपी मार्ग यानि विरोध, प्रार्थना और याचिका, को अपनाया था। 
  • काम के नरमपंथी तरीकों से मोहभंग होने के कारण, 1892 के बाद कांग्रेस में चरमपंथ विकसित होने लगा। चरमपंथी नेता थे– लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिनचंद्र पाल और अरबिंदो घोष। पीपीपी मार्ग के बजाए इन्होंने आत्म– निर्भरता, रचनात्मक कार्य और स्वदेशी पर जोर दिया।
  • प्रशासनिक सुविधा के लिए लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल विभाजन (1905) की घोषणा के बाद, 1905 में स्वदेशी और बहिष्कार संकल्प पारित किया गया था।

भारत में 15 अगस्त को ही क्यों स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है?

स्वदेशी आंदोलन के दौरान कांग्रेस के सत्रः

  1. 1905 – बनारस में कांग्रेस सत्र। गोपाल कृष्ण गोखले ने अध्यक्षता की।
  2. 1906– कलकत्ता में कांग्रेस सत्र। दादाभाई नैरोजी ने अध्यक्षता की।
  3. 1907– ताप्ती नदी के किनारे सूरत में कांग्रेस का सत्र। फिरोजशाह मेहता ने अध्यक्षता की जिसमें नरमपंथी और चरमपंथियों के बीच मतभेदों की वजह से कांग्रेस में विभाजन हो गया।
    • आगा खान III और मोहसिन मुल्क द्वारा 1906 में मुस्लिम लीग का गठन किया गया।
    • 1909 के मॉर्ले– मिंटो सुधार अधिनियम द्वारा अलग निर्वाचन मंडल प्रस्तुत किया गया था।
    • लाला हरदयाल ने 1913 में गदर आंदोलन शुरु किया था और कोटलैंड में 1 नवंबर 1913 को गदर पार्टी की स्थापना की थी। इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को के युगांतर आश्रम में था और गदर पत्रिका का प्रकाशन शुरु किया गया था।
    • कोमागाटा मारू घटना सितंबर 1914 में हुई थी और इसके लिए भारतीयों ने शोर कमिटि नाम से एक समिति बनाई थी जो यात्रियों की कानूनी लड़ाई लड़ती थी।
    • 1914 में पहला विश्व युद्ध आरंभ हुआ था।
    • अप्रैल 1916 में तिलक ने होम रूल आंदोलन की शुरुआत की थी। इसका मुख्यालय पूना में था और इसमें स्वराज की मांग की गई थी।
    • सितंबर 1916 में एनीबेसेंट ने होम रूल आंदोलन शुरु किया और इसका मुख्यालय मद्रास के करीब अडियार में था।
    • वर्ष 1916 में हुए कांग्रेस के लखनउ अधिवेशन की अध्यक्षता अम्बिका चरण मौजूमदार (नरमपंथी नेता) ने की थी जहां चरमपंथी और नरमपंथी दोनों प्रकार के नेता एक जुट हुए थे।
    • भारत सरकार अधिनियम 1919 या मोंटागू– चेम्सफोर्ड रिफॉर्म एक्ट को भारत में जिम्मेदार सरकार की स्थापना के लिए पारित किया गया था।
    • 9 जनवरी 1915 को गांधी जी 46 वर्ष की उम्र में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे।
    • 1916 में गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के विचार के प्रचार के लिए अहमदाबाद (गुजरात) में साबरमती आश्रम की स्थापना की।
    • चंपारण सत्याग्रह– 1917

    • खेड़ा सत्याग्रह– 1917

    • अहमदाबाद मिल हड़ताल– 1918

  • रॉलेक्ट एक्ट सत्याग्रह– फरवरी, 1919
  • गांधी जी ने फरवरी, 1919 में सत्याग्रह सभा की स्थापना की। इस आंदोलन में छात्र, मध्यम वर्ग, मजदूर और पूंजीपतियों ने हिस्सा लिया और संगठन के तौर पर कांग्रेस कहीं नहीं थी। यह गांधी जी का पहला जन आंदोलन था।
  • जलियांवाला बाग नरसंहार – 13 अप्रैल 1919। 13 अप्रैल 1919 को लोग अमृतसर के जलियांवाला बाग में सैफुद्दीन किचलू और सत्यपाल की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए इक्ट्ठा हुए थे।
  • 1 अगस्त 1920 को खिलाफत समिति ने तीन मुद्दों– पंजाब में हुई बेइंसाफी, खिलाफत का मुद्दा और स्वराज की मांग, पर असहयोग आंदोलन की शुरुआत की।
  • इसके बाद 1920 में असहयोगआंदोलन की शुरुआत हुई।
  • अक्टूबर 1920 में एन.एम. जोशी, राय चौधरी ने बॉम्बे में अखिल भारतीय व्यापार संघ कांग्रेस की स्थापना की। अध्यक्षता लाला लाजपत राय ने की थी।
  • अकाली आंदोलन 1920 में शुरु हुआ था।
  • सी.आर दास और मोतिलाल नेहरू ने कांग्रेस खिलाफत स्वराज पार्टी का गठन किया था। यह कांग्रेस में दूसरे विभाजन के नाम से भी जाना जाता है।
  • वर्ष 1927 में, श्रमिक और किसान पार्टी (डब्ल्यूपीपी) का गठन एस.एस. मिराजकर, के. एन. जुगलेकर और एस. वी. घाटे ने बॉम्बे में किया था।
  • वर्ष 1924 में, एच.आर.ए. (हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन) का कानपुर में गठन हुआ था। सी.एस आजाद, सचिन सान्याल और रामप्रसाद बिस्मिल इसके सदस्य थे।
  • वर्ष 1929 में, एचएसआरए ( हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन) का फिरोजशाह कोटला दिल्ली में गठन हुआ। भगत सिंह एचएसआरए में शामिल हुए।
  • 9 अगस्त 1925 को, काकोरी रेल डकैती हुई, इस षड़यंत्र में राम प्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र लाहिड़ी, रौशन लाल और अशफाकुल्लाह खान को फांसी की सजा दी गई।
  • 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षड़यंत्र मामले में फांसी की सजा दी गई।
  • 8 नवंबर 1927 को स्टेनली बाल्डविन के तहत ब्रिटिश कंजर्वेटिव सरकार  द्वारा साइमन कमिशन बनाया गया था।
    कमिशन का गठन 1919 के सुधार अधिनियम के बाद देश में सरकार की कार्य प्रणाली की जांच करने के लिए किया गया था।
    • नेहरू रिपोर्ट– 1928, राष्ट्र का दर्जा, सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार आदि के लिए।
    • जिन्ना का 14 सूत्री कार्यक्रम– 31 मार्च 1929
    • आईएनसी का 1929 में हुआ लाहौर अधिवेशन, अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की। इसमें पूर्ण स्वराज का संकल्प कांग्रेस द्वारा पारित किया गया और गांधी जी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन करने का फैसला किया गया।
    • 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। 
    • दांडी मार्च के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरु किया गया था। 12 मार्च से  6 अप्रैल 1930 तक गांधी जी ने अपने 78 अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से दांडी तक की यात्रा की और  6 अप्रैल 1930 को नमक बनाकर नमक कानून को तोड़ा।
    • 12 नवंबर 1930 को पहला गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था।
    • 5 मार्च 1931 को गांधी – इरविन समझौते पर हस्ताक्षर।

  • 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का ट्रायल।
  • 29 मार्च 1931, आईएनसी का कराची अधिवेशन, वल्लभ भाई पटेल ने अध्यक्षता की। इस अधिवेशन में पहली बार मौलिक अधिकारों और आर्थिक नीति का संकल्प पारित किया गया।
  • 7 सितंबर 1931 को दूसरा गोलमेज सम्मेलन हुआ जिसमें कांग्रेस की तरफ से गांधी जी ने हिस्सा लिया।
  • 16 अगस्त 1932 को सांप्रदायिक या रामसे मैकडोनाल्ड पुरस्कार की घोषणा हुई।
  • 26 सितंबर 1932, पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए।
  • नवंबर 1932 में तीसरा गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था।
  • 1935 में, भारत सरकार अधिनियम को अखिल भारतीय संघ, प्रांतीय स्वायत्तता और केंद्र में  द्वैध शासन पद्धित होनी चाहिए, को बनाने के लिए पारित किया गया था।

भारत छोड़ो आंदोलन की ओर

महत्वपूर्ण कांग्रेस सत्रः

    1. 1936 – लखनउ (उ.प्र.)– अध्यक्षता – जे.एल.नेहरू

    1. 1937 – फैजपुर (महाराष्ट्र)– अध्यक्षता– जे.एल.नेहरू (गांव में आयोजित पहला अधिवेशन)

    1. 1938 –हरीपुरा (गुजरात)– एस.सी.बोस ने अध्यक्षता की

  1. 1939 –त्रिपुरी (एम.पी.)– एस.सी. बोस ने अध्यक्षता की
  • सितंबर 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ा और भारत की सहमति के बिना उसका सहयोगी घोषित कर दिया गया ।
  • 1939 में एस. सी. बोस ने फॉर्वाड ब्लॉक की स्थापना की। यह एक वाम पार्टी (left party) थी।
  • 10 अगस्त 1940– द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों के समर्थन पाने के लिए लॉर्ड लिनलिथगो वायसराय ने अगस्त प्रस्ताव की घोषणा की थी।
  • 11 मार्च 1942 को प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने भारतीयों के संवैधानिक गतिरोध और समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए सर स्टाफोर्ड क्रिप्स की अध्यक्षता में मिशन भेजने की घोषणा की।
  • क्रिप्स मिशन की असफलता के साथ 1942 में भारतीय नेताओं द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई और भारत छोड़ों का संकल्प गांधी जी ने तैयार किया। गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया था।
  • 1942 में कैप्टन मोहन सिंह और निरंजन गिल द्वारा सिंगापुर में इंडियन नेशनल आर्मी की स्थापना की गई। एस.सी. बोस ने सिंगापुर और रंगूनन के दूसरे मुख्यालय का पदभार संभाला।
  • 21 अक्टूबर 1943 को– एस.सी. बोस के अधीन सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार बनी। इसमें एक महिला रेजिमेंट भी थी जिसका नाम रानी झांसी रखा गया था।
  • 1945 में, द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ।
  • 1945 में, राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए लॉर्ड वावेल द्वारा वावेल योजना या शिमला सम्मेलन का प्रस्ताव किया गया था।
  • 1946 में, पीएम क्लिमेंट एट्टली द्वारा कैबिनेट मिशन प्लान की घोषणा।
  • 2 सितंबर 1946 को, जे.एल. नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ।
  • मार्च 1947लॉर्ड माउंटबेटन को सत्ता के हस्तांतरण के लिए रास्ता ढूंढ़ने के उद्देश्य के साथ भारत भेजा गया। इसे बालकन योजना के नाम से भी जाना जाता है।
  • 3 जून को इंडिपेंडेस ऑफ इंडिया एक्ट 1947 पारित किया गया जिसके द्वारा सत्ता को दो प्रभुत्व राष्ट्रों – भारत और पाकिस्तान, को सौंपा गया।
Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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FAQs

  • रामसे मैकडोनाल्ड पुरस्कार की घोषणा कब की गई थी?
    +
    अगस्त 1932 को सांप्रदायिक या रामसे मैकडोनाल्ड पुरस्कार की घोषणा हुई थी.
  • पहला गोलमेज सम्मेलन कब आयोजित किया गया था?
    +
    12 नवंबर 1930 को पहला गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था.
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का गठन कब हुआ था?
    +
    28 दिसंबर 1885 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का गठन गोकुलदास तेजपाल संस्कृत स्कूल, बॉम्बे में किया गया था.

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