भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के बारे में रोचक तथ्य !

सुप्रीम कोर्ट भारत का शीर्ष अदालत है जो 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया था| इसका मुख्यालय नई दिल्ली में तिलक मार्ग पर स्थित है। यह एक संवैधानिक निकाय है जिसकी व्याख्या भारतीय संविधान के भाग V के अध्याय 4 में अनुच्छेद 124 से 147 के अंतर्गत की गई है |  राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय में 30 न्यायधीश तथा 1 मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है जिनकी सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है| यहाँ हम उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों का विवरण दे रहे हैं|

Oct 28, 2016, 14:28 IST

सुप्रीम कोर्ट भारत का शीर्ष अदालत है जो 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया था| इसका मुख्यालय नई दिल्ली में तिलक मार्ग पर स्थित है। यह एक संवैधानिक निकाय है जिसकी व्याख्या भारतीय संविधान के भाग V के अध्याय 4 में अनुच्छेद 124 से 147 के अंतर्गत की गई है|

Source:www.michaelwosnick.com

भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है। उच्चतम न्यायालय देश का सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से संबंधित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारतीय संविधान के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय में 30 न्यायधीश तथा 1 मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है| उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित की गई है|

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित कुछ रोचक तथ्य

1. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 28 जनवरी, 1950 को “भारत की संघीय अदालत” के स्थान पर की गई थी| “भारत की संघीय अदालत” की स्थापना भारत सरकार अधिनियम 1935 और प्रिवी काउंसिल के तहत की गई थी और वह ब्रिटिश काल के दौरान देश में सर्वोच्च न्यायिक संस्था थी|

28 जनवरी 1950 को भारतीय सुप्रीम कोर्ट के उद्घाटन समारोह का दृश्य


Source: www.indialawyers.files.wordpress.com

2. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के उद्घाटन समारोह का आयोजन संसद भवन परिसर के चेंबर ऑफ़ प्रिंसेस में किया गया था। क्या आप जानते हैं कि 1937 से 1950 के बीच लगभग 12 वर्षों तक  चैंबर ऑफ़ प्रिंसेस ही “भारत की संघीय अदालत” का भवन था| आज़ादी के बाद भी 1958 तक चैंबर ऑफ़ प्रिंसेस ही भारत के उच्चतम न्यायालय का भवन था, जब तक कि 1958 में उच्चतम न्यायालय ने अपने वर्तमान तिलक मार्ग, नई दिल्ली स्थित परिसर का अधिग्रहण किया|

3. अपने प्रारंभिक वर्षों में, सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही एक साल में 28 दिन ही चलती थी और इसका समय 10 बजे से 12 बजे और दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक होता था| लेकिन वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही एक साल में 190 दिन चलती है |

4. 29 अक्टूबर 1954 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के भवन की आधारशिला रखी थी|

5. सुप्रीम कोर्ट का भवन हार्डिंग पुल के ठीक विपरीत हार्डिंग एवेन्यू में 17 एकड़ की त्रिभुजाकर भूमि पर इंडो-ब्रिटिश स्थापत्य शैली में बनाया गया है| इसके मुख्य वास्तुकार गणेश भीकाजी देवलकर थे, जो सीपीडब्ल्यूडी के पहले भारतीय प्रमुख थे|

6. आश्चर्य की बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि यह न्याय के तराजू का प्रतिनिधित्व करता है| राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था कि न्याय के तराजू के दोनों पलड़े सामान होने चाहिए| अतः सुप्रीम कोर्ट भवन का केन्द्रीय हिस्सा जिसमें मुख्य न्यायाधीश का कमरा एवं दो बड़े कोर्टरूम स्थित हैं तराजू के केन्द्रीय बीम का प्रतिनिधित्व करता है|

Source: www.supremecourtofindia.nic.in.com (भारतीय सुप्रीम कोर्ट के भीतरी भाग का दृश्य)

20 ऐसे कानून और अधिकार जो हर भारतीय को जानने चाहिए

7. भवन का दायां एवं बायां हिस्सा तराजू के दोनों पलड़ो का प्रतिनिधित्व करता है। इसके दाएं हिस्से में भारत के अटॉर्नी जनरल एवं अन्य विधि अधिकारियों का कार्यालय, बार-कक्ष (bar-room) और पुस्तकालय स्थित है जबकि इसके बाएं हिस्से में कोर्ट के कार्यालय स्थित हैं|

8. 1979 में भवन की संरचना में पूर्वी एवं पश्चमी दो हिस्सों को जोड़ा गया था और इसका अंतिम विस्तार 1994 में किया गया था|

9. एक और रोचक तथ्य सुप्रीम कोर्ट के लॉन परिसर में स्थापित काले रंग की पीतल की 210 सेमी. ऊँची मूर्ति के बारे में है| इस मूर्ति में एक महिला एक बच्चे को पकड़े हुए है एवं बच्चे के हाथ में एक खुली हुई किताब है| इस मूर्ति में प्रदर्शित महिला भारत माता का प्रतिनिधित्व करती है और बच्चे को इस तरह दिखाने का आशय यह है कि वह भारत के युवा गणराज्य रक्षा कर रही है| जबकि मूर्ति में प्रदर्शित किताब देश की कानूनों का प्रतिनिधित्व करता है और किताब का संतुलन सभी के लिए समान न्याय का प्रतिनिधित्व करता है। इस मूर्ति की स्थापना 20 फरवरी 1980 को की गई थी और इसके डिजाइनर “चिंतामणि कार” थे|

Source: www.hindustantimes.com

10. क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली महिला न्यायाधीश और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश का संबंध भारत के सबसे शिक्षित राज्य केरल से था? भारत की पहली महिला न्यायाधीश सुश्री अन्ना चांडी थी, जो 1927 में लॉ स्कूल में दाखिल हुई और 1929 में बार-एशोसिएशन में शामिल हुई| वह 1937 में पहली महिला “जिला मुन्सिफ़” और 1948 में पहली “जिला न्यायाधीश” बनी| वह शायद उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली विश्व की दूसरी महिला थी| वह 1959 में केरल उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनी थी| भारत में उच्च न्यायालय की दूसरी महिला न्यायाधीश फातिमा बीवी थी।

11. भारत के सुप्रीम कोर्ट एवं एशिया के किसी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश फातिमा बीवी थी, जिन्हें 1959 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था।

Source:www.indpaedia.com

12. सुप्रीम कोर्ट की मुहर के रूप में “सारनाथ के अशोक स्तंभ” में वर्णित  24 तीलियों वाले पहिये की प्रतिकृति का प्रयोग किया जाता है|

13. फरवरी 2009 के बाद से भारत के उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायाधीशों की संख्या 31 है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मूल संविधान में केवल 8  न्यायाधीशों का स्थान निर्धारित किया गया था और न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का शक्ति संसद को दी गई है| 1960 में न्यायाधीशों की संख्या को बढाकर 11, 1968 में 14, 1978 में 18, 1986 में 26 और 2009 में 31 कर दी गई है।

14. क्या आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति कैसे की जाती है?


Source: www.livelaw.in.com                                    (सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 2022 तक)

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्त राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 124(2) के अनुसार उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया जाता है|

*1993 तक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी लेकिन अब 5 वरिष्ठतम न्यायाधीशों की समिति कानून मंत्रालय को नामों की सूची भेजती है और कागजातों की छानबीन के बाद उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है| अब यह राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि वह नामों पर विचार करे या उन्हें पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास वापस भेज दे| लेकिन यदि सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार के बाद उन्हीं नामों को भेजता है तो राष्ट्रपति उन व्यक्तियों की नियुक्ति पर मुहर लगा देता है|

प्रधानमंत्री आवास के बारे में आश्चर्यजनक तथ्य

15. आइये अब जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने के लिए किसी व्यक्ति के पास क्या-क्या योग्यता होनी चाहिए?

- उसे भारत का नागरिक होना चाहिए|

- वह किसी उच्च न्यायालय में लगातार कम से कम 10 वर्ष तक न्यायाधीश रह चुका हो या वह उच्च न्यायालय या किसी भी न्यायालय में कम-से-कम 10 वर्ष से विधि व्यवसाय कर रहा हो या वह राष्ट्रपति की नजर में देश का प्रतिष्ठित विधिवेत्ता हो|

- राष्ट्रपति के फैसले के अनुसार, एक प्रख्यात कानूनी विद्वान या विशेषज्ञ को भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है|

16. न्यायाधीशों का कार्यकाल क्या है?

भारत के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है|

17. क्या आपने कभी सोचा है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को किस प्रकार उनके पद से हटाया जाता है?

केवल दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को राष्ट्रपति के द्वारा हटाया जा सकता है और इसकी जाँच की शक्ति संसद को दी गई है| यदि संसद के दोनों सदन के उपस्थित सदस्यों में से दो-तिहाई सदस्यों द्वारा किसी न्यायाधीश को हटाने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाता है उस न्यायाधीश को उसके पद से हटाया जा सकता है|

18. क्या आपको सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के वेतन की जानकारी है

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का वेतन 1 लाख रूपये और अन्य न्यायाधीशों का वेतन 90,000 रूपये है|

19. क्या होता है जब सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश अनुपस्थित होते है?

अनुच्छेद 126 के अनुसार, जब मुख्य न्यायाधीश अनुपस्थित होते हैं तो राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के किसी अन्य न्यायाधीश को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं|

20. क्या सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीश कोई अन्य पद पर कार्य कर सकता है?

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर किसी भी अदालत में एक न्यायाधीश के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं| लेकिन सरकार आम तौर पर विभिन्न आयोगों के प्रमुखों के पद पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को नियुक्त करती है|

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News