मैली से निर्मल यमुना पुनरोद्धार परियोजना, 2017

13 जनवरी 2015 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मैली से निर्मल यमुना पुनरोद्धार योजना 2017 के तहत यमुना नदी को साफ करने के लिए निर्देश दिया। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में की प्रिंसिपल बेंच द्वारा दिए गए थे। न्यायाधिकरण का फैसला मनोज मिश्रा (जो कि यमुना जिए अभियान से जुड़े हुए थे) द्वारा दायर की गई याचिका आधार पर दिया गया था|

Dec 15, 2015, 15:10 IST

13 जनवरी 2015 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मैली से निर्मल यमुना पुनरोद्धार योजना 2017 के तहत यमुना नदी को साफ करने के लिए निर्देश दिया। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में की प्रिंसिपल बेंच द्वारा दिए गए थे। न्यायाधिकरण का फैसला मनोज मिश्रा (जो कि यमुना जिए अभियान से जुड़े हुए थे) द्वारा दायर की गई याचिका आधार पर दिया गया था|

राष्ट्रीय हरित न्यायधिकरण के बेंच में न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार (अध्यक्ष), जस्टिस एमएस नांबियार (न्यायिक सदस्य) डॉ डीके अग्रवाल (विशेषज्ञ सदस्य) और प्रोफेसर एआर यूसुफ (विशेषज्ञ सदस्य) में शामिल सदस्यों ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 28 निर्देश दिये हैं जिसे मैली  से निर्मल यमुना पुनरोद्धार परियोजना, 2017, कहा जाता है, इसे 31 मार्च 2017 तक पूरा किया जाना है।

इन निर्देशों के तहत, न्यायपीठ ने यमुना में कचरा फेंकने वाले किसी भी व्यक्ति पर तुरंत 5000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया / दिल्ली में आमतौर पर देखा जाता है कि लोग पुल पर से पवित्र नदी में पूजा सामग्री फेंकते हैं | इसने नदी में निर्माण कार्य के  मलबे को फेकने पर 50000 का जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया गया है |

बेंच द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश हैं

  • नदी में अपशिष्ट या धार्मिक सामग्री फेंकने के लिए व्यक्तियों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाना
  • यमुना में निर्माण सामग्री का मलबा डालना प्रतिबंधित करना और उल्लंघन करने वाले पर 50000 का जुर्माना लगाना|
  • रियल एस्टेट डेवलपर्स पर बाढ़ के मैदान पर कोई भी निर्माण कार्य करने के लिए नियंत्रण करना |
  • यहाँ राज्यों को निर्देश दिये गए हैं जहां पर यमुना और उसकी सहायक नदियों के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाये  |
  • विशेषज्ञ समिति द्वारा यह निर्देश दिया गया कि दिल्ली सरकार अपने 20000 करोड़  के बजट 4000 cr यमुना की सफाई के लिए देगी |

आदेशों को लागू करने के लिए एक समिति का गठन

बेंच ने एक प्रमुख समिति गठित करने का फैसला किया जोकि फैसले के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा ।

समिति में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के विशेष सचिव (एमओईएफ), जल संसाधनके संयुक्त सचिव, दिल्ली का मुख्य सचिव, डीडीए का उपाध्यक्ष,  सभी निगमों के आयुक्तों और हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के राज्य सचिवों मंत्रालय के सचिव शामिल हैं |

विशेषज्ञ समितियों के सदस्यों का गठन पहले NGT द्वारा किया गया था - डीयू के प्रोफेसर एमेरिटस सहित सीआर बाबू, जेएनयू के प्रोफेसर बृज गोपाल और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एके गोसाई शामिल थे – ये सभी मुख्य समिति के सदस्य थे |

केंद्र सरकार ने जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी की सहायता से यमुना नदी की सफाई के लिए यमुना कार्य योजना (YAP) को बिना किसी देरी के लागू कर दिया है।

Jagran Josh
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Education Desk

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